स्मृति ईरानी अब ऑनलाइन न्यूज पर चला सकती हैं कैंची
भारत सरकार भी अब अमेरिका की ही तरह ही देश में चल रहे फेक न्यूज देने वाले मीडिया संस्थानों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के मूड में आती दिख रही है । फेक न्यूज पर दिशा-निर्देशों को वापिस लेने के बाद सूचना प्रसारण मंत्रालय ने बुधवार को एक नई कमेटी बनाई है। यह कमेटी ऑनलाइन मीडिया और न्यूज पोर्टल्स विनियमित करने के लिए कानून तय करेगी।
इस कमेटी में दस सदस्य होंगे जिसका नेतृत्व सूचना एवं प्रसारण सचिव करेंगे। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय सचिव के अलावा इस कमेटी में इलेक्ट्रॉनिक एवं आईटी मंत्रालय, गृह मंत्रालय के सचिव और MyGov. के सीईओ शामिल होंगे। मंत्रालय द्वारा दिए गए आदेश के अनुसार, कमिटी को “ऑनलाइन मीडिया/न्यूज पोर्टल और ऑनलाइन सामग्री प्लेटफॉर्म के लिए उपयुक्त नीति तैयार करने की सलाह देनी होगी।
सरकार का मानना है कि ऑनलाइन मीडिया, न्यूज पोर्टल्स और डिजिटल ब्रॉडकास्टिंग के लिए कोई दिशा-निर्देश और मानदंड नहीं हैं। इसलिए, डिजिटल प्रसारण एवं मनोरंजन/ इंफोटेनमेंट साइटों और न्यूज/मीडिया एग्रेगेटर सहित ऑनलाइन मीडिया/न्यूज पोर्टल के लिए एक नियामक ढांचे का सुझाव देने तथा उसे बनाने के लिए एक कमेटी गठित करने का फैसला किया गया है।
दरअसल पिछले दिनों ही स्मृति ईरानी के मंत्रालय ने फेक न्यूज दिखाने वाले पत्रकारों के लिए दिशा-निर्देश जारी किए गए थे। जिसके मुताबिक निर्देशों के अनुसार, अगर कोई भी पत्रकार फेक न्यूज दिखाता है तो उसकी मान्यता रद्द कर दी जाएगी। इसके साथ ही स्मृति ईरानी ने कहा था कि सरकार के सामने यह चुनौती है कि हम ऐसी सुरक्षित पॉलिसी बनाएं जो बोलने की आजादी के अधिकार को स्पष्ट कर सके लेकिन हम लोगों को दंगा भड़काने का भी अधिकार नहीं दे सकते हैं। इसमें डिजिटल प्रसारण को भी शामिल किया गया है, जिसमें मनोरंजन, इन्फोटेनमेंट, न्यूज और मीडिया एग्रीगेटर शामिल हैं। इसके अलावा कमेटी को समान नियमों के लिए अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य का विश्लेषण भी करना होगा। जिसका पत्रकारों ने काफी विरोध किया था। हालांकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद इस मामले में दखल दिया और मंत्रालय को फेक न्यूज पर लिए अपने आदेश को वापिस लेने को कहा था।
आदेश के अनुसार, ऑनलाइन सूचना प्रसारण के क्षेत्र को वर्णित करना होगा, जिसे प्रिंट और टेलीविजन मीडिया के समान नियमों के तहत लाया जाना चाहिए। इसके अलावा, केबल टेलीविजन नेटवर्क्स एक्ट 1995 के प्रोग्राम एंड एडवर्टाइजिंग कोड्स के द्वारा प्राइवेट टेलीविजन चैनल्स के कंटेट को नियंत्रित किया जाएगा, जबकि प्रिंट मीडिया के लिए प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया है, जिसके अपने खुद के मानदंड हैं।