भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा विकसित प्रौद्योगिकियों का कृषि उत्‍पादन बढ़ाने में महत्‍वपूर्ण योगदान

कृषि प्रोत्‍साहन केंद्रों से नए स्‍टार्टअप उद्योगों को प्रोत्‍साहन

केंद्रीय कृषि और किसान कल्‍याण मंत्री श्री राधामोहन सिंह ने ‘’ किसानों की आय बढ़ाने में कृषि-उद्यमिता और स्‍टार्टअप उद्योग‘’ विषय पर अपने मंत्रालय की सलाहकार समिति की सत्रकालीन बैठक में आज बताया कि प्रधानमंत्री ने किसानों की आय दोगुनी करने के साथ-साथ स्‍टार्टअप इंडिया मिशन को भी प्राथमिकता दी है। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्‍याण मंत्री ने कहा कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) द्वारा विकसित प्रौद्योगिकियों ने खाद्यान्‍न, बागवानी फसलों, दूध, मछली और अंडे का उत्‍पादन बढ़ाने में महत्‍वपूर्ण योगदान किया है। श्री सिंह ने कहा कि इससे किसानों की आय बढ़ने के साथ-साथ युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी उपलब्‍ध होंगे। उन्‍होंने कहा कि इस दिशा में विभिन्‍न स्‍तरों पर कई कदम उठाए गए हैं, उद्यमिता विकास कार्यक्रम के तहत कृषि से संबंधित अनेक विषयों पर कृषि विज्ञान केंद्रों में किसानों को प्रशिक्षण देना और तकनीकी संसाधनों के माध्‍यम से सहायता देना शामिल है।

श्री राधामोहन सिंह ने बताया कि ग्रामीण शि‍क्षित युवाओं के लिए खेती-बाड़ी को आकर्षक बनाने के क्रम में आर्या – अट्रेक्टिंग एंड रिटेनिंग यूथ इन एग्रीकल्चर योजना काफी कारगर साबित हो रही है। छात्रों के लिए ‘रेडी- ग्रामीण उद्यमिता जागरूकता विकास योजना’ भी शुरू की गई है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने प्रौद्योगिकियों, उपलब्‍ध सुविधाओं और संस्‍थाओं की दक्षता को ध्‍यान में रखते हुए 25 एग्री-बिजनेस इन्‍क्‍यूबेशन (एबीआई) केंद्रों का एक नेटवर्क भी स्‍थापित किया है। इन सभी प्रयासों से उत्‍साहित होकर उद्यमियों अथवा स्‍टार्ट-अप उद्योगों ने राज्‍य और राष्‍ट्रीय स्‍तरों पर अनेक उपलब्धियां प्राप्‍त की हैं।

कृषि एवं किसान कल्‍याण मंत्री ने अंत में उपस्थित सदस्‍यों से आग्रह किया कि वे कार्यक्रमों और क्रियाकलापों के बारे में अपने सुझाव और अपना समर्थन दें। उन्‍होंने इन कार्यक्रमों के सफल क्रियान्‍वयन में उनके सहयोग की अपेक्षा की।


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