श्री थावरचंद गहलोत ने दिव्यांगजनों के कल्याण के लिए समन्वित प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया
देखभाल, पुनर्वास और अनुसंधान में वैश्विक दृष्टि से उत्कृष्ट पद्धतियों के संदर्भ में शारीरिक और मानसिक अक्षमता के बारे मे राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन
केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री श्री थावर चंद गहलोत ने आज नई दिल्ली में देखभाल, पुनर्वास और अनुसंधान में वैश्विक दृष्टि से उत्कृष्ट पद्धतियों के संदर्भ में शारीरिक और मानसिक अक्षमताओं के बारे मे राष्ट्रीय कार्यशाला का उद्घाटन किया। दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग की सचिव श्रीमती शंकुतला डी.गैमलीन, दिव्यांगजन विभाग के मुख्य आयुक्त श्री कमलेश कुमार पांडे और दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग की संयुक्त सचिव श्रीमती डोली चक्रवर्ती और दिव्यांगजन कल्याण क्षेत्र से जुड़े कई अन्य वरिष्ठ विद्वान इस अवसर पर मौजूद थे। कार्यशाला का आयोजन सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के अंतर्गत दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग द्वारा किया गया। इसकी मेजबानी राष्ट्रीय बहु-दिव्यांगजन सशक्तिकरण संस्थान (एनआईईपीएमडी), चेन्नई द्वारा की गई।
उद्घाटन भाषण में श्री गहलोत ने कहा की कार्यशाला का आयोजन दिव्यांगजनों की देखभाल, पुनर्वास और अनुसंधान के क्षेत्र में में वर्णित 21 अक्षमताओं के संबंध में वैश्विक दृष्टि से उत्कृष्ट पद्धतियों को बढ़ावा देने के लिए किया गया है। उन्होने कहा कि 2017 में दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 लागू किया गया। जिसमें दिव्यांगजनों के लिए विभिन्न अधिकारों और पात्रताओं की व्यवस्था की गई हैं। इसमें राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को यह दायित्व सौंपा गया है कि वे दिव्यांगजनों को अन्य लोगों के समान अधिकार सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न उपाय करें।
उन्होंने उम्मीद जाहिर की कार्यशाला से प्रतिभागियों को जानकारी हासिल करने में मदद मिलेगी, जिससे वे स्पष्ट लक्ष्यों के साथ व्यापक योजना तैयार कर सकेंगे और स्थायी विकास के लक्ष्य हासिल करने के लिए स्थानीय और राष्ट्रीय क्षमता विकास में योगदान कर पाएंगे।
मंत्री ने कहा की उत्कृष्ट पद्धतियों को लागू करने में स्वास्थ्य, शिक्षा, सामाजिक संरक्षण, श्रम, परिवहन और आवास जैसे विभिन्न क्षेत्रों और सरकारी एंजेसियों, नागरिक संगठनों, दिव्यांगजन संगठनों, निजी क्षेत्रों, दिव्यांगजनों और उनके परिवारों को शामिल करने की आवश्यकता है।
ऱाष्ट्रीय कार्यशाला में विभिन्न अक्षमताओं से संबद्ध विशेषज्ञ हिस्सा ले रहे हैं। ये विशेषज्ञ देशभर से विभिन्न संस्थानों, अस्पतालों विश्वविद्य़ालयों और आरसीआई द्वारा मान्यता प्राप्त संस्थानों से आमंत्रित किये गये है।
कार्यशाला का लक्ष्य यूएनसीआरपीडी, आरपीडब्लयूडी अधिनियम के अंतर्गत देश की प्रतिबद्धता पूरी करने में मदद करना और दिव्यांगजनों के लिए सेवाओं में एकरूपता कायम करने में सहायता करना है।