श्री धर्मेंद्र प्रधान ने भारत-अमेरिका सम्मेलन बैठक को द्विपक्षीय संबंधों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर बताया
पिछले तीन वर्षों में हुआ सकारात्मक विकास द्विपक्षीय अनुबंध में ऊर्जा घटक से जुड़े महत्व को दर्शाता है : प्रधान
पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस और इस्पात मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति श्री डोनाल्ड ट्रम्प के बीच शिखर सम्मेलन स्तर की बैठक को भारत-अमेरिका द्विपक्षीय संबंधों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर बताया है। उन्होंने आज यहां एक कार्यक्रम में कहा कि दोनों नेताओं ने एक बार फिर द्विपक्षीय रणनीतिक साझेदारी के ऊर्जा स्तंभ को और अधिक मजबूत करने के महत्व पर जोर दिया है। भारत और अमेरिका के बीच ऊर्जा सहयोग पर फोकस करते हुए सीआईआई, यूएसआईबीसी, अनंत केंद्र और इंडिस्पोरा ने संयुक्त रूप से “भारत-अमरीका व्यापार यात्रा : अवसर, नवाचार, उद्यमिता” कार्यक्रम का आयोजन किया था।
श्री प्रधान ने कहा कि द्विपक्षीय अनुबंध के ऊर्जा घटक से जुड़ा उच्च महत्व भारत-अमेरिका रणनीतिक ऊर्जा साझेदारी के तहत पिछले तीन वर्षों के दौरान हुए सकारात्मक विकास से स्पष्ट है। उन्होंने कहा कि कच्चे तेल के आयात के लिए छठे सबसे बड़े स्रोत के रूप में अमेरिका का उभरना महत्वपूर्ण प्रगति है। भारत भी अब अमेरिकी कच्चे तेल के लिए चौथा सबसे बड़ा निर्यातक देश है। मार्च 2018 में आयात शुरू होने से अमेरिका से हमारा एलएनजी आयात भी लगातार बढ़ रहा है। अमेरिका से एलएनजी निर्यात के लिए भारत अब 5वां सबसे बड़ा देश है।
श्री प्रधान ने बताया कि भारत का द्विपक्षीय हाइड्रोकार्बन व्यापार पिछले तीन वर्षों के दौरान तेजी से बढ़ा है और पिछले साल यह 7.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर को छू गया, जो द्विपक्षीय व्यापार का कुल 11 प्रतिशत है। उन्होंने बताया कि सरकार और उद्योगों के बीच गहरी भागीदारी के लिए इस साल अप्रैल में रणनीतिक ऊर्जा साझेदारी पर अगली मंत्रिस्तरीय बैठक की की योजना बनाई जा रही है।
श्री प्रधान ने कहा कि गैस आधारित अर्थव्यवस्था बनने की हमारी दृष्टि भारत और अमेरिका के बीच निकट सहयोग का एक और क्षेत्र है। उन्होंने कहा कि रणनीतिक ऊर्जा साझेदारी के तहत 2018 में गठित भारत-अमेरिका गैस कार्य बल अग्रणी कार्य कर रहा है। यह कार्य बल भारत में गैस आधारित अर्थव्यवस्था के विकास में तेजी लाने के लिए नवीन नीतिगत सिफारिशें कर रहा है।
भारतीय गैस बाजार में एलएनजी की पहुंच बढ़ाने के लिए आईओसीएल और एक्सॉनमोबिल के बीच सहयोग पत्र (एलओसी) पर हस्ताक्षर करने के मुद्दे पर श्री प्रधान ने कहा कि यह भारत-अमेरिका गैस कार्य बल के तहत शुरू की गई एक पहल है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने भारत को 2024 तक 5 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनाने की कल्पना की हैं और इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए ऊर्जा क्षेत्र एक प्रमुख उत्प्रेरक होगा। श्री प्रधान ने कहा कि भारत तेजी से बढ़ते ऊर्जा बाजारों में से एक के रूप में उभर रहा है, ऐसे में हम अमेरिकी प्रौद्योगिकी, नवाचार और भारत के औद्योगिक क्षेत्रों में पूंजी के बीच सम्मिश्रण को तत्पर है।