शीला जी बताएं कि क्या कांग्रेस का 2013 और 2015 का घोषणा पत्र झूठा था
बुधवार को एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए दिल्ली प्रदेश संयोजक एवं कैबिनेट मंत्री गोपाल राय ने कहा कि कांग्रेस की दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष शीला दीक्षित का यह बयान कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा नहीं दिया जा सकता और लोकसभा चुनाव के समय में चुनावी मुद्दा बनाना ठीक नहीं है, बड़ा ही आश्चर्य जनक है।
गोपाल राय ने कहा कि अगर दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा नहीं दिया जा सकता तो 21 नवंबर 2013 को, जब वह दिल्ली की मुख्यमंत्री थी किस आधार पर उन्होंने दिल्ली की जनता से दिल्ली को पूर्ण राज्य बनाने की बात कही थी, किस आधार पर उन्होंने कहा था कि पूर्व राज्य न होने की वजह से विभिन्न सरकारी संस्थानों के साथ सामंजस्य स्थापित करने में समस्याएं हो रही हैं, और अगर दिल्ली पूर्ण राज्य होगा तो सभी संस्थानों के साथ आसानी से दिल्ली सरकार मिलजुल कर काम कर सकेगी। आज ऐसी क्या मजबूरी है कि शीला दीक्षित जी को अपनी ही बात से मुकरना पढ़ रहा है।
शीला दीक्षित जी ने अपने बयान में कहा है कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा अब कांग्रेस के घोषणापत्र का हिस्सा भी नहीं होगा। तो 30 जनवरी 2015 की घोषणा पत्र में किन मजबूरियों के तहत कांग्रेस ने दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने का मुद्दा शामिल किया था। आज वह कौन सी मजबूरियां हैं जिसके तहत शीला दीक्षित जी ने दिल्ली की जनता का हक पूर्ण राज्य का दर्जा अपने घोषणापत्र से निकाल कर बाहर कर दिया।
गोपाल राय ने कहा शीला दीक्षित जी दिल्ली की जनता को यह कहकर गुमराह कर रही है कि पूर्ण राज्य का दर्जा लोकसभा चुनाव का मुद्दा नहीं हो सकता। जबकि सभी जानते हैं कि विधानसभा के सदन में पूर्व राज्य का दर्जा नहीं दिया जा सकता। दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के लिए लोकसभा के पटल पर ही प्रस्ताव रखना पड़ेगा और लोकसभा से ही दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने का रास्ता निकलेगा। क्योंकि यह मुद्दा लोकसभा से जुड़ा हुआ है, तो पूर्ण राज्य का दर्जा लोकसभा चुनाव का मुद्दा हो सकता है, और है।
अगर यह लोकसभा का मुद्दा नहीं है तो जब श्री लाल कृष्ण आडवाणी जी देश के उप प्रधानमंत्री थे, तब उन्होंने लोकसभा के सदन में दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने का प्रस्ताव रखा था, और यह प्रस्ताव जिस कमेटी को दिया गया उस कमेटी के अध्यक्ष कांग्रेस के नेता माननीय श्री प्रणव मुखर्जी थे। उस समय यह प्रस्ताव लोकसभा के सदन में क्यों रखा गया? उस समय दिल्ली के लिए पूर्ण राज्य क्यों जरूरी था? और आज ऐसी क्या वजह है कि आज दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा जरूरी नहीं है?
गोपाल राय ने कहा कि मैं दिल्ली सरकार की कैबिनेट में श्रम एवं रोजगार मंत्री के पद पर आसीन हूं। दिल्ली के अंदर वर्तमान समय में लगभग 2 लाख नौकरियां मौजूद हैं, परंतु पूर्ण राज्य का दर्जा न होने के कारण मैं आज तक एक भी व्यक्ति को नौकरी नहीं दे सका। मैं प्राइवेट कंपनियों के साथ संपर्क करके रोजगार मेला आयोजित करके दिल्ली के युवाओं को नौकरियां दिलाने की कोशिश करता हूं, अगर दिल्ली पूर्व राज्य होगा, तो दिल्ली सरकार के पास दिल्ली के बेटे बेटियों को नौकरी देने का अधिकार होगा।
उन्होंने कहा भाजपा भी कांग्रेस की तरह दिल्ली की जनता को धोखा देने में पीछे नहीं रही है। भाजपा के पूर्व में रहे नेताओं ने समय समय पर दिल्ली के लिए पूर्ण राज्य के दर्जे की मांग उठाई है। परंतु वर्तमान के सभी नेता आज दिल्ली की जनता को पूर्ण राज्य का दर्जा देने से दरकिनार होते नजर आ रहे हैं। कांग्रेस की ही भांति भाजपा ने भी अपने घोषणा पत्र में से दिल्ली के लिए पूर्ण राज्य का मुद्दा हटा दिया है।
देश के गृहमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता श्री राजनाथ सिंह जी द्वारा कल दिल्ली में एक सभा के माध्यम से मुख्यमंत्री केजरीवाल से पूछे गए प्रश्न पर जवाब देते हुए गोपाल राय ने कहा कि यह बड़ा ही हास्यास्पद है, कि देश के गृहमंत्री जिन के अधीन दिल्ली की पुलिस आती है, वह दिल्ली के मुख्यमंत्री से पूछ रहे हैं कि महिला सुरक्षा के लिए पिछले 4 साल में आपने क्या किया। मैं राजनाथ सिंह जी से बड़ी ही विनम्रता के साथ कहना चाहता हूं कि दिल्ली की महिलाओं की सुरक्षा का जिम्मा आपका है, दिल्ली की पुलिस आप के अधीन आती है, तो इस सवाल का जवाब तो आपको ही देना है कि दिल्ली की महिलाओं की सुरक्षा के लिए पिछले 5 साल में आपने क्या किया? आपका यह सवाल मुख्यमंत्री केजरीवाल से पूछना उसी तरह से है कि उल्टा चोर कोतवाल को डांटे।
राजनाथ सिंह जी द्वारा लोकपाल पर पूछे गए सवाल का जवाब देते गोपाल राय जी ने कहा कि आप कहते हैं कि दिल्ली में जो लोकपाल पास किया गया उसका कोई औचित्य नहीं है। तो हम बड़ी विनम्रता से देश के प्रधानमंत्री मोदी जी एवं गृह मंत्री राजनाथ सिंह जी से निवेदन करते हैं कि जो हमने दिल्ली विधानसभा के अंदर लोकपाल बिल पास किया था, पिछले साढ़े 3 साल से आप के उप राज्यपाल महोदय उस पर कुंडली मारकर बैठे हुए हैं, कृपा करके वही लोकपाल पास करवा दीजिए।
दिल्ली में जो पूर्ण राज्य की समस्या है उसके समाधान के लिए हमने पहले से ही एक प्रस्ताव दिल्ली विधानसभा में पारित करके केंद्र सरकार को भेजा हुआ है। इस प्रस्ताव के अनुसार एनडीएमसी का वह सारा एरिया जहां पर केंद्रीय कार्यालय स्थित हैं, वह सारा इलाका केंद्र सरकार के अधीन रहे और दिल्ली का बाकी सारा इलाका राज्य की सरकार को सौंप दिया जाए, ताकि दिल्ली का पूर्ण रूप से विकास किया जा सके। दिल्ली की पुलिस दिल्ली सरकार के अधीन दी जाए, ताकि दिल्ली में बढ़ते अपराधों और महिला असुरक्षा पर लगाम लगाई जा सके, अधिकारियों की जिम्मेदारियां तय की जा सके, और दिल्ली वालों के साथ दशकों से जो अन्याय होता आ रहा है उसको खत्म किया जा सके।
अंत में मीडिया के माध्यम से गोपाल राय ने बताया कि आज हमने दिल्ली में लोकसभा चुनाव के मद्देनजर अपने स्टार प्रचारकों की लिस्ट चुनाव आयोग को सौंपी है, यह सूची निम्न प्रकार से है….
श्री अरविंद केजरीवाल
श्री मनीष सिसोदिया
श्री गोपाल राय
श्री संजय सिंह
श्री भगवंत मान
श्री डॉक्टर सुशील गुप्ता
श्री एनडी गुप्ता
श्री सत्येंद्र जैन
श्री इमरान हुसैन
श्री राजेंद्र पाल गौतम
श्री कैलाश गहलोत
श्री सौरभ भारद्वाज
कुमारी राखी बिरला
श्री जरनैल सिंह
श्री शहनाज हिंदुस्तानी
आने वाले समय में प्रचारकों की संख्या में इजाफा हो सकता है, और उसकी सूचना भी हम समय समय पर चुनाव आयोग को उपलब्ध कराएंगे।