शताब्दी की सवारी हुई सस्ती
अगर आप रेल से सफर करते हैं तो आपने भारतीय रेल की प्रीमियम ट्रेन शताब्दी का नाम तो जरूर सुना ही होगा । और इसमें सफर करने के बारे में कई बार सोचा भी होगा । अभी तक आम लोगों की जेब की पहुंच से दूर रहने वाली रेलवे की ये प्रीमियम ट्रेन शताब्दी की सवारी आपकी जेब पर ओर बोझ नहीं बढाएगी । जी हां, रेलवे के मुताबिक शताब्दी ट्रेन का सफर अब पहले से सस्ता हो सकता है।
दरअसल रेलवे ने प्रीमियम शताब्दी ट्रेन के ऐसे सेक्शन जहां पैसेंजर कम हैं, वहां रिसोर्सेज का पूरा इस्तेमाल करने के लिए किराया कम करने की तैयारी है। रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि डिपार्टमेंट ने ऐसी 25 शताब्दी ट्रेन को चिन्हित की गई हैं, जिनके किराए कम किए जा सकते हैं। उन्होंने बताया कि रेलवे इस प्रपोजल पर तेजी से विचार कर रहा है। रेलवे देशभर में करीब 45 शताब्दी ट्रेन चलता है और यह सबसे तेज चलने वाली ट्रेनों में से है।
रेलवे के पास यह प्रपोजल ऐसे समय में आया है जब वह फ्लैक्सी फेयर स्कीम पर आलोचना झेल रहा है। इस मामले में सामान्य विवाद यह है कि फ्लैक्सी स्कीम के चलते शताब्दी, राजधानी और दुरंतो ट्रेनों का किराये में बढ़ोत्तरी हुई है।
पायलट प्रोजेक्ट रहा सफल
अधिकारी ने बताया कि पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर पिछले साल दो रूट पर किराया कम करने के नतीजे अच्छे रहे। एक सेक्शन जहां पायलट प्रोजेक्ट लॉन्च किया गया था, वहां से कमाई 17 फीसदी तक ओर पैसेंजर बुकिंग 63 फीसदी तक बढ़ी। पिछले साल रेलवे ने नई दिल्ली-अजमेर और चेन्नई-मैसूर रूट पर चलने वाली शताब्दी ट्रेनों के फेयर में कमी के असर की स्टडी के लिए पायलट प्रोजेक्ट लॉन्च किया था। इस स्कीम के तहत जयपुर-अजमेर और बेंगुलुरु-मैसूर के बीच किराया घटाया गया। इन रूट पर शताब्दी में सीटें भर नहीं पाती थी। अधिकारी ने बताया कि इस स्कीम का नजीता सकारात्मक रहा। हमने इन रूट पर किराया बसों के किराये के बराबर कर दिया।