विश्व ओज़ोन दिवस पर गोष्ठी- प्रकृति में दखल देना ख़तरनाक !
बरेली। मानव सेवा क्लब के तत्वावधान में विश्व ओज़ोन दिवस पर मुख्य वक्ता डॉ. आलोक खरे ने कहा कि प्राकृतिक वातावरण में मनुष्य को अपना दखल नहीं देना चाहिए।
सच भी है हमारी सुरक्षा के लिए पृथ्वी पर सभी मनुष्यों को एक सुरक्षा कवच के बीच में रखा गया है जिसे इंसान आजकल प्रदूषित करता जा रहा है। क्लब के कहरवान स्थित कार्यालय सभागार में एक गोष्ठी में डॉ आलोक खरे ने कहा कि ओजोन परत के बारे में लोग आम तौर पर भले ही ज्यादा न जानते हों लेकिन यह पृथ्वी और पर्यावरण के लिए एक सुरक्षा कवच का कार्य करती है
तथा इसे सूर्य की खतरनाक पराबैंगनी अल्ट्रा वायलेट किरणों से बचाती है।। कवि इन्द्र देव त्रिवेदी ने ओजोन पर एक सार्थक गीत पढ़ा। कार्यक्रम में पर्यावरण सुरक्षा के लिये चित्रा जौहरी और सी. ए. राजेन विद्यार्थी को सम्मानित किया। सभी का स्वागत महामंत्री अभय सिंह भटनागर ने किया।
संचालन करते हुए क्लब के अध्यक्ष सुरेन्द्र बीनू सिन्हा ने कहा कि लोगों ने प्रकृति के साथ अन्याय किया है जिसके कारण आज हमें आपदाओं का सामना करना पड़ रहा है। गोष्ठी में प्रमुख रूप से निर्भय सक्सेना, संजय सक्सेना, अमित सक्सेना, नरेश मलिक, प्रीति सक्सेना, कल्पना सक्सेना और राजीव सक्सेना उपस्थित रहे।
बरेली से निर्भय सक्सेना की रिपोर्ट !