सरकार जल्द ही भारत में विदेशी छात्रों का आगमन बढ़ाने के लिए ‘अध्ययन भारत कार्यक्रम’ का शुभारंभ करेगी
प्रथम भारत-फ्रांसीसी ज्ञान शिखर सम्मेलन ‘दोनों देशों के बीच अकादमिक योग्यता की पारस्परिक मान्यता’ पर एक ऐतिहासिक समझौते और संयुक्त पहलों एवं साझेदारियों पर विश्वविद्यालयों और अनुसंधान संस्थानों के बीच रिकॉर्ड 15 अन्य समझौता ज्ञापनों (एमओयू) के साथ सफलतापूर्वक संपन्न हुआ । दो दिवसीय शिखर सम्मेलन नई दिल्ली में आयोजित किया गया और इसका आयोजन संयोगवश फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों की आधिकारिक भारत यात्रा के दौरान ही हुआ।
यह शिखर सम्मेलन भारत में फ्रांसीसी दूतावास द्वारा आयोजित किया गया और भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा इसकी सह-मेजबानी की गई। लगभग 80 भारतीय संस्थानों और 70 फ्रांसीसी संस्थानों के 350 से भी अधिक लोगों ने प्रमुख उद्यमों के साथ इस शिखर सम्मेलन में भाग लिया जिसे विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय, कैंपस फ्रांस और भारतीय उद्योग परिसंघ का भी समर्थन प्राप्त हुआ।
समापन सत्र में प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर ने दोनों सरकारों को अकादमिक योग्यता की पारस्परिक मान्यता पर समझौते को अंतिम रूप देने में सहयोग देने के लिए बधाई दी। मानव संसाधन विकास मंत्री ने कहा कि यह समझौता दोनों देशों के बीच शैक्षणिक संबंध को बढ़ावा देने, अन्य देश में अपनी पढ़ाई जारी रखने हेतु उनके लिए संभावनाओं को सुविधाजनक बनाकर दोनों देशों के छात्रों की गतिशीलता को प्रोत्साहित करने और सहयोग, विश्वविद्यालय एवं अनुसंधान संबंधी आदान-प्रदान के माध्यम से उच्च शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्टता को बढ़ावा देने में काफी मददगार साबित होगा।
श्री जावड़ेकर ने यह भी कहा कि सरकार जल्द ही और अधिक विदेशी छात्रों को भारत में शिक्षा प्राप्त करने हेतु प्रोत्साहित करने के लिए ‘ भारत में अध्ययन कार्यक्रम’ का शुभारंभ करेगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान में भारत में 47000 विदेशी छात्र अध्ययन कर रहे हैं और वर्ष 2022 तक भारत में कम से कम 100,000 विदेशी छात्र अध्ययन करने लगेंगे।
श्री जावड़ेकर ने यह सुझाव भी सामने रखा कि दोनों देशों को पारस्परिकता के आधार पर प्रोफेशनलों को एक-दूसरे के देश में प्रैक्टिस करने की अनुमति देने पर विचार करना चाहिए। मानव संसाधन विकास मंत्री ने यह जानकारी दी कि शिक्षा और शोध में द्विपक्षीय सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए दोनों देशों के बीच एक संयुक्त कार्यदल (जेडब्ल्यूजी) का गठन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जेडब्ल्यूजी की बैठक सितंबर में होगी।
उच्च शिक्षा और अनुसंधान एवं नवाचार मंत्री फ्रेडरिक विडाल ने समापन सत्र में अपनी टिप्पणी में कहा कि गरीबी और असमानता से लड़ने में शिक्षा एक प्रभावकारी हथियार बन सकती है।
आज समापन सत्र में एक फ्रांस-भारत शिक्षा ट्रस्ट का भी अनावरण किया गया। भारतीय छात्रों को शैक्षणिक छात्रवृत्तियों एवं मेरिट आधारित वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए इसका वित्त पोषण भारतीय उद्योग जगत और भारत स्थित फ्रांसीसी कंपनियों द्वारा किया जाएगा।
यह ज्ञान शिखर सम्मेलन विश्वविद्यालय, वैज्ञानिक और प्रौद्योगिकी सहयोग के लिए प्रथम फ्रांस-भारत शिखर सम्मेलन है जिसका उद्देश्य कंपनियों के सहयोग से अगले पांच वर्षों के लिए फ्रांस-भारत सहयोग का एक रोडमैप तैयार करना है।
इससे पहले, मानव संसाधन विकास मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर के नेतृत्व में एक भारतीय प्रतिनिधिमंडल और माननीया फ्रेडरिक विडाल के नेतृत्व में फ्रांसीसी प्रतिनिधिमंडल ने एक द्विपक्षीय बैठक की। प्रतिनिधिमंडल स्तर की इस बैठक में भारत एवं फ्रांस के उच्च शैक्षणिक संस्थानों के बीच साझेदारी बढ़ाने तथा ‘ज्ञान’ कार्यक्रम के तहत फ्रांसीसी शिक्षाविदों की और अधिक भागीदारी, इत्यादि पर चर्चाएं हुईं।