सामूहिक विवाह योजना के खर्च का भुगतान नहीं कर रहे समाज कल्याण अधिकारी-अनशन !
मुख्यमंत्री योजना के तहत श्री शिरडी साई सेवा ट्रस्ट द्वारा हाल ही में गांधी उद्यान में विवाह हुए थे। विवाह होने के बाद समाज कल्याण अधिकारियों द्वारा खर्च हुए रूपयों का भुगतान किया जाना था जो कि नहीं हुआ। ट्रस्ट के सर्वराकार सुशील कुमार पाठक का आरोप है कि उन्होंने जोड़ो को देने के लिए सामान यूपिका हैण्डलूम से न खरीदकर बाजार से खरीदा जिसको लेकर समाज कल्याण अधिकारियों ने भुगतान करने से इंकार कर दिया। इसी को लेकर ट्रस्ट के सर्वराकार सुशील कुमार पाठक आज मंदिर के सेवादारो के साथ कलेक्ट्रेट गेट पर अनशन पर बैठ गए ! इस दौरान एक पुजारी की तबीयत खराब हो गई ,जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा !
इसके बाद सुशील पाठक श्यामगंज स्थित श्री सांई मंदिर के पास ही अनशन पर बैठ गए उनका कहना है कि जब तक कन्याओं के खातो में धनराशि का भुगतान नहीं होता और कमीशन खोरो व भ्रष्ट अफसरों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाती तब तक अनशन जारी रहेगा। उनके साथ सोमदत्त, विशाल, हितेश पाठक, राजेन्द्र सैनी, विजय व हिमांशु भी अनशन पर है। बताते चलें कि श्री शिरडी सांई सेवा ट्रस्ट सन् 2011 से लगातार प्रति वर्ष निर्धन कन्याओं का विवाह संस्था के माध्यम से कराता आ रहा है। बीती 3 मार्च को गांधी उद्यान में हुए मुख्यमंत्री योजना के तहत प्रत्येक जोड़े पर 51 हजार रूपये खर्च किए गए जिसमें 35 हजार रूपये लड़की के बैंक खाते में, 10 हजार रूपये का सामान और 6 हजार रूपये के खाना पर खर्च हुए। ट्रस्ट के मुताबिक इस विवाह में यूपिका हैण्डलूम से सामान न खरीदकर बाजार से सामान खरीदा गया था जिसमें करीब 3 हजार रूपये प्रत्येक जोड़े पर बच गए। ट्रस्ट ने शेष बचे 3 हजार रूपये में से प्रत्येक जोड़े को अलग से एक प्लाई की फोल्डिंग चारपाई, एक गद्दा, बैडशीट, दो तकिया व एक कंबल दिया गया। ट्रस्ट के सेवक सुशील पाठक का आरोप है उन्होंने यूपिका हैण्डलूम से सामान नहीं खरीदा इसी कारण समाज कल्याण के अधिकारी नाराज होकर भुगतान करने से इंकार कर दिया। बताते चलें कि सुशील पाठक ने बताया कि समाज कल्याण के अधिकारी मुख्यमंत्री योजना के तहत हो रहे विवाह में कमीशन खाने में व्यस्त है। इस योजना के तहत सामान की खरीद उन्होंने केवल यूपिका हैण्डलूम मुरादाबाद से निर्देश दिए है जिसमें बड़ी कमीशन खोरी चल रही है। इसी प्रकार एक जोड़े पर खर्च हो रहे 51 हजार रूपये में 3 हजार रूपये की कमीशन खोरी हो रही है। इस बात की शिकायत जब मुख्य विकास अधिकारी से की गई तो उन्होंने कहा कि आप चाहे जहां से सामान खरीदना है खरीद ले इसमें कोई बाध्यता नहीं है। लेकिन जब बाजार से खरीदे गए सामान से बीती 3 मार्च को गांधी उद्यान में विवाह हुए उनका भुगतान समाज कल्याण के अधिकारी नहीं कर रहे जबकि उनका यह कहना था कि विवाह संपन्न होने के बाद भुगतान हो जाएगा। साथ ही उनका यह भी आरोप है कि इससे पहले जब संस्था द्वारा 56 विवाह बीती 16 दिसंबर को कराई गई थी उनमें बिथरी चैनपुर, फरीदपुर व नबावगंज के समाज कल्याण के एडीओ ने खुलकर कमीशन मांगी थी। *ये फक्र है यूपिका हैण्डलूम और बाजार से सामान खरीदने में* ट्रस्ट के मुताबिक यूपिका हैण्डलूम 51 स्टील के वर्तन का डिनर सैट 2400 में दे रहा है वही बर्तनों का डिनर सैट मार्केट में पक्के बिल (जीएसटी) के साथ 1350 मिल रहा है, इसी प्रकार यूनाइटेड प्रेशर कूकर 3 लीटर यूपिका हैण्डलूम 1250 में दे रहा है जबकि मार्केट में वही प्रेशर कूकर 850 में उपलब्ध है। चांदी की पायल और बिछिया 41 ग्राम यूपिका हैण्डलूम 1680 में दे रहा है जबकि मार्केट में यह 1300 रूपये में उपलब्ध है। इसी प्रकार कपड़े, साड़ी, पैंट, शर्ट आदि यूपिका हैण्डलूम 3 हजार 70 में दे रहा है जबकि मार्केट में यह 2300 रूपये में आसानी से उपलब्ध है। इसी प्रकार नोकिया कंपनी के मोबाइल यूपिका हैण्डलूम से 1100 रूपये में मिल रहा है जबकि बाजार में इनकी कीमत मात्र 900 रूपये ही है और यूपिका हैण्डलूम द्वारा कप किट 250 रूपये में उपलब्ध है जबकि बाजार में इसकी कीमत मात्र 150 रूपये है।