बज़्म-ए-गौस-ए-आज़म (तंज़ीम) के राष्ट्रीय महासचिव पद से समरान ख़ान ने दिया इस्तीफ़ा।
बज्म-ए-गौस-ए-आजम (तंजीम) के राष्ट्रीय महासचिव समरान ख़ान ने सोमवार को अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया। समरान ख़ान प्रेस को जानकारी देते हुए बताया सन् 2014 में इस संगठन से जुड़ा था और इस संगठन से जुड़कर मैंने समाजी और मजहबी काम करता रहा। जैसे रमजान शरीफ में 11वा रोज़ा इफ्तार हो, कोरोना काल में गरीब और जरूरतमंदों को राशन वितरण हो या हाल ही में ही वसीम रिजवी और नरसिंहनंद के खिलाफ पुराने शहर में एतहजाज जुलूस हो या इसके अलावा कोई भी परेशानी या तकलीफ हो, हमेशा मुसलमानों से जुड़े मसलो पर आवाज उठाता रहा हूं। दिन-रात इस संगठन की तरफ से हमेशा लोगों की मदद करता रहा हूं।
मैंने एक ग्रुप भी बनाया जिसका नाम इस संगठन से रखा। जिसमें मैंने शहर भर के जिम्मेदारों को जोड़ा उसमें कुछ सामाजिक संगठनों के अध्यक्ष, कुछ राजनीति पार्टियों के अध्यक्ष, हमारी खानकाओं के जिम्मेदार लोग, मस्जिदों के इमाम हजरत, शहर के हमारे पत्रकार बंधु, और बरेली से अकीदत रखने वाले और यहां के मुरीद जो बाहर शहरों के हैं वह इस ग्रुप में ऐड थे। जिसको आज पूरी बरेली बज्म-ए-गौस-ए-आजम (तंजीम) ग्रुप से जानती है। मैंने आज इस संगठन के राष्ट्रीय महासचिव पद से इस्तीफा दिया है और जो ग्रुप बनाया था उसको खत्म भी कर दिया है। इसके जिम्मेदार संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। वह बहुत ज्यादा गैर जिम्मेदार शख्स हैं। वह सिर्फ और सिर्फ नाम के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। उन्होंने कभी भी संगठन पर ध्यान नहीं दिया। वह सिर्फ और सिर्फ एक राजनीतिक पार्टी पर ही इनका ज्यादा ध्यान रहता है। और वह जिम्मेदार होते इस संगठन के ग्रुप में एक ऐसी ऑडियो क्लिप नहीं डालते जिससे बरेली शरीफ से अकीदत रखने वाले लोग हो या यहां के मुरीद उन लोगों को ठेस नहीं पहुंचती। और मैंने बहुत बार कहा भी पोस्ट को डिलीट मार दो तब भी उन्होंने डिलीट नहीं मारी। तभी मुझे लगा बहुत गैर जिम्मेदार अध्यक्ष हैं। ऐसे लोग कभी संगठन नहीं चला पाएंगे। जो लोग जोड़ने की बात कम तोड़ने की बात ज्यादा करते हो। जिन्हें किसी से बात करने की तमीज ना हो। ऐसे लोगों के साथ जुड़कर अपनी छवि भी खराब होगी तभी मैंने आज अपनी टीम के लोगों के साथ बैठकर यह फैसला लिया बज्म-ए-गौस-ए-आजम (तंजीम) के राष्ट्रीय महासचिव पद से इस्तीफा देता हूं और ग्रुप को खत्म करता हूं। मैंने अपना इस्तीफा नामा सोशल मीडिया के माध्यम से उन तक पहुंचा दिया है मुझे कुछ लोगों ने फोन करके बताया कि संगठन के अध्यक्ष ने एक नया ग्रुप बनाया है। तो मैंने साफ कह दिया यह 1 ग्रुप बनाएं यह 100 ग्रुप बनाएं जिस को ऐड होना है उस ग्रुप में ऐड हो जिसको नहीं होना वह ना हो मेरी तरफ से किसी पर कोई रोक टोक नहीं है। इंशा अल्लाह बहुत जल्द एक नए संगठन का ऐलान किया जाएगा और उसके नाम से काम किए जाएंगे और उसी नाम से एक नया ग्रुप बनाया जाएगा।
बरेली से मोहम्मद शीराज़ ख़ान की रिपोर्ट !