सबसे ज्यादा एडॉप्शन लड़कियों का पंजाब में

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गोद लेने के लिए उपलब्ध बच्चों में लड़कियों का प्रतिशत बहुत ज्यादा है और गोद लेते समय लड़की को ही तरजीह मिल रही है। विदेश से भारत आकर (इंटर-कंट्री) बच्चे गोद लेने, मामले में 2013 से 2017 के आंकड़े खंगालने पर पता चला है कि लोग अब लड़की गोद लेना पसंद कर रहे हैं। इन चार सालों के दौरान देश में जहां 8,039 लड़कियां गोद ली गईं, वहीं गोद लिए गए लड़कों की संख्या 5,601 रही।

इंटर-कंट्री एडॉप्शन में भी यही ट्रेंड नजर आया। चार साल में इंटर-कंट्री एडॉप्शन में 1402 लड़कियां गोद ली गईं, वहीं लड़कों की संख्या 596 रही। हालांकि देशभर में बीते 7 साल में बच्चे गोद लेने के मामले 50 प्रतिशत तक घट गए हैं। ध्यान देने वाली बात यह है कि इस गिरावट के बीच भी लड़कियों के गोद लेने की संख्या में वृद्धि हुई है।

सबसे बड़ी बात यह है कि 70 प्रतिशत के ज्यादा लड़कियां एडॉप्ट करने वाला पंजाब देश में अकेला राज्य है। पिछले चार साल में देशभर में हुए कुल एडॉप्शन का 20 प्रतिशत से ज्यादा हिस्सा महाराष्ट्र में रहा। वहां गोद लिए गए बच्चों की संख्या 2013-14 में 1,068 थी, जो 2014-2015 में 947 और 2015-2016 में 724 हो गई। 2016-17 में आंकड़ा 613 पर पहुंचा।

सबसे ज्यादा एडॉप्शन होने के बावजूद महाराष्ट्र में 2013-14 में लड़कियों से ज्यादा लड़के (543 लड़के, 525 लड़कियां) गोद लिए गए थे। इसके बाद के सालों में लड़कियों का एडॉप्शन ज्यादा रहा।

आंध्रप्रदेश, दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, मध्यप्रदेश, ओडिशा, पुडुचेरी, राजस्थान, त्रिपुरा, उत्तरप्रदेश और पश्चिम बंगाल ऐसे राज्यों में शामिल हैं, जहां पिछले चार साल में लगातार 50 प्रतिशत से ज्यादा लड़कियां एडॉप्ट हुईं। इसके उलट, चार साल में 50 प्रतिशत से ज्यादा लड़के एडॉप्ट कहीं नहीं हुए। यानी ऐसा कोई राज्य नहीं है जहां पिछले चाल सालों में लगातार लड़के एडॉप्ट हुए हों।

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