साल भर के भीतर पीयूष गोयल के बयानों में ही लुढ़क गई 5 प्रतिशत GDP.
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने पिछले साल 18 जून 2018 को बिजनेस स्टैंडर्ड को दिए एक इंटरव्यू में कहा था कि 2019 की आख़िरी
तिमाही में जीडीपी की दर 10 प्रतिशत हो जाएगा.
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने पिछले साल 18 जून 2018 को बिजनेस स्टैंडर्ड को दिए एक इंटरव्यू में कहा था कि 2019 की आख़िरी तिमाही में जीडीपी की दर 10 प्रतिशत हो जाएगा. उसके बाद इसी साल 5 फरवरी को इकॉनॉमिक टाइम्स से पीयूष गोयल ने कहा था कि वित्त वर्ष 20 में 7.5 प्रतिशत जीडीपी रहने की उम्मीद है. एक साल में पीयूष गोयल ने खुद ही जीडीपी में 2.5 प्रतिशत की कमी कर दी. असली जीडीपी तो और 2.5 प्रतिशत कम हो गई. यानी जितना एक साल पहले कहा उसका आधा हो गया. 2019 की आख़िरी तिमाही में किसी ने 10 प्रतिशत जीडीपी देखी? 2020 की पहली तिमाही में 5 हो गई है.
जीडीपी आज 5 है तो कल 7 हो सकती है लेकिन बयानों से कैसे लोगों को बंदर बनाया जा रहा है आप ख़ुद देख सकते हैं. उसी तरह नोटबंदी के समय जीडीपी को लेकर दिए गए बयानों को देखिए. उस समय दूरगामी परिणाम के नाम पर जो भी कहा गया पूरा नहीं हुआ. जो थोड़े समय के लिए थोड़ा बहुत हुआ वो बग़ैर नोटबंदी के भी हो सकता था.
पूरी कोशिश ही यही होती है कि आज की हेडलाइन मैनेज करो. बड़ी बात करो जिससे लगातार लोग फ़र्ज़ी उम्मीद में रहें. उम्मीद के नाम पर अपने कारनामों पर पर्दा डालो. अब कोई नहीं पूछेगा कि दस प्रतिशत की जीडीपी आने के आसार क्या हैं?
पहले तो गोयल साहब ग्राफ़िक्स चार्ट बनाकर बता रहे थे. पांच प्रतिशत को लेकर भी चार्ट बना देते. अब उनकी टीम कोई चार्ट नहीं बनाएगा या बनाएगी तो साबित करने के लिए कि कैसे हम चीन से आगे हैं. चीन के फ़ेल करने से भारत को टॉपर बता रहे हैं.