आर.टी.ओ.आफिस के दलालों में वर्चस्व को लेकर हुई मारपीट

एआरटीओ को करना पड़ा हस्तक्षेप ,पुलिस हुई तैनात
बहराइच।प्रदेश का दुधारू गाय कहा जाने वाला बहराइच ए आर टी ओ आफिस में दलालों की बढ़ती संख्या को लेकर चल रहे मामले में सोमवार एक नया मोड़ देखने को मिला है। जिसके अंतर्गत आर टी ओ आफिस के सरकारी दलालों के दो गुटों में मारपीट होने की सूचना मिली है जिसके अंतर्गत परिवहन अधिकारी को पुलिस बुलानी पड़ गयी तब कही जा कर मामला शांत किया जा सका।आप को बता दें कि आज के युग मे प्रदेश सरकार का सबसे प्रमुख और कमाऊ दुधारू महकमा कहा जाने वाला परिवहन विभाग हमेशा से अपनी कार्यशैली के लिये सुर्खियों में रहा है।जहां पर सरकारें किसी की भी दल की रही हों लेकिन यहां का भ्र्ष्टाचार और दलाली प्रथा चरम पर रही है।इसी क्रम में अगर बहराइच के आर टी ओ दफ्तर की बात कही जाये तो यहां का हाल प्रदेश के दूसरे आर टी ओ ऑफिसों से भिन्न रहा है।दूसरी जगहों पर दलाली के काम मे लिप्त प्राइवेट लोग दफ्तर के बाहर अपनी कीमती दुकान व चैम्बर बना कर काम किया करते थे और उनकी ऐसी सेटिंग रहती है कि विभाग के पटलों से लोग आकर इन दलालों से फाइल ले जाकर उनका काम करा कर उनके तैयार कागज पहुंचवा देते हैं। लेकिन बहराइच के आर टी ओ दफ्तर उन सबसे ऊपर उठ गया है और यहां दफ्तर के लगभग सभी क्लर्क बल्कि खुद ए आर टी ओ और आर आई ने अपने अपने पास दो से चार चार प्राइवेट दलालों को दफ्तर में बाबुओं की तरह कुर्सी पर बिठा कर उनसे दलाली कराते आ रहे है। जिसकी बराबर मीडिया में आवाजें भी उठती रही है लेकिन विभागीय अधिकारियों के संरक्षण की वजह से इन सरकारी दलालों पर कभी भी कोई कार्यवाही नही हुई और उसके विपरीत बाहर बैठने वाले दलाल पुलिस और प्रशासन के कोप भाजन बने रहे हैं। यही वजह है कि इन सरकारी दलालों का वर्चस्व इतना बढ़ गया कि वह खुद को आर टी ओ समझने लगे है और बाहरी दलालों का भी ये शोषण करने से बाज़ नही आ रहे है जिसके नतीजे में सोमवार को बहराइच के आर टी ओ दफ्तर के सरकारी दलालों के दो गुट आमने सामने आ गये और वर्चस्व की इस जंग में दोनों गुटों की ओर से भारी संख्या में बाहरी अराजकतत्वों की भीड़ जमा हो गयी जो एक दूसरे को सबक सिखाने को आतुर दिखाई दिये और अन्तोगत्वा ए आर टी ओ महोदय को हस्तक्षेप करना पड़ा और उनकी सूचना पर भारी संख्या में पुलिस फोर्स मौके पर पहुंच गई जिसकी वजह से आगे की कोई अनहोनी को रोक लिया गया लेकिन फिर भी ये बात ध्यान देने की है कि ए आर टी ओ ने पुलिस को ये स्पष्ट नही किया कि आखिर इस मामले में उनके आफिस के खुद के दलाल थे या बाहर के उन्होंने पुलिस को बस बाहरी दलालों की बढ़ती भीड़ और लड़ाई झगड़े की सूचना देकर फोर्स को बुलवा लिया।आप को बता दें कि बहराइच आर टी ओ आफिस पूरी तरह से दलालों के मकड़ जाल में फंसा हुआ है और यहां पर बिना दलालों के कोई भी काम करना सम्भव नही है बल्कि यहां पर तो दोहरी दलाली प्रथा लागू है जिसके तहत जनता अपना काम कराने के लिये बाहर बैठे दलालों को अपनी फाइल देता है और वह दलाल उस फाइल को अन्दर बैठे दलालों के हवाले करके उसके ही माध्यम से काम कराता है यदि गलती से कोई बाहरी दलाल किसी बाबू के पास पहुंच भी जाता है तो वह उसे सीधे अपने निजी दलाल से ही मिलने व फाइल व पैसा देने की बात करके वापस कर देते हैं।बहराइच के आर टी ओ आफिस में चल रही दलाली प्रथा की जानकारी विभाग में बैठे बड़े अधिकारियों व प्रशासन को भी रहती है लेकिन फिर भी आजतक कोई सकारात्मक कार्यवाही यहां देखने मे नही आई है जिसका ये नतीजा है कि यहां दलालों की संख्या में लगातार बढोत्तरी होती जा रही है और आर टी ओ दफ्तर से जुड़ा हर शख्स अपने को ए आर टी ओ समझ रहा है।
लखनऊ से राघवेंद्र सिंह की रिपोर्ट !

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

%d bloggers like this: