Bareilly-राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से कुल 28,687 वादों का निस्तारण करते हुए धनराशि 20,23,37,702 रुपये वसूल की गई

बरेली, 11 सितंबर। माननीय जनपद न्यायाधीश श्रीमती रेणु अग्रवाल अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने आज राष्ट्रीय लोक अदालत का उद्घाटन प्रातः 10:30 बजे न्यायालय परिसर में माननीय जनपद न्यायाधीश श्रीमती रेणु अग्रवाल द्वारा माँ सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप जलाकर किया गया,

इस अवसर पर अपर जिला जज प्रथम सुनील कुमार वर्मा, स्पेशल जज एससीएसटी सत्यदेव गुप्ता, अपर जिला जज रचना अरोड़ा, स्पेशल जज ई.सी. एक्ट अंगद प्रसाद, स्पेशल जज एंटी करप्शन अब्दुल कय्यूम, स्पेशल जज पीसी एक्ट प्रथम उमेश चंद्र पांडे, स्पेशल जज पॉक्सो एक्ट रामदयाल, अपर जिला जज अमित सिंह, स्पेशल जज पोक्सो अनिल कुमार सेठ, स्पेशल जज पोक्सो प्रमोद कुमार गुप्ता, स्पेशल जज पीसी एक्ट शिव कुमार, अपर जिला जज उत्कर्ष यादव आदि न्यायिक अधिकारीगण मौजूद रहे। राष्ट्रीय लोक अदालत में माननीय जनपद न्यायाधीश द्वारा 531 वादों का निस्तारण किया गया।  नोडल अधिकारी अपर जिला जज श्री इफ्तेखार अहमद ने बताया कि उक्त आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से विभिन्न न्यायालयों द्वारा 28,687 वादों का निस्तारण किया गया। लोक अदालत मे सिविल प्रकृति के 373 वाद, एन आई एक्ट के 457, मोटर दुर्घटना प्रतिकर के 321 वाद, पारिवारिक मामलों के 216 वाद, फौजदारी के 10,699 वाद तथा 12,237 राजस्व वादों का निस्तारण आपसी सुलह समझौते व अभिस्वीकृति के आधार पर किया गया। मोटर दुर्घटना प्रतिकर वादों में प्रतिकर की धनराशि 5,32,82,000 रुपये , फौजदारी वादों में अर्थदंड के रूप में 26,76,705 रुपये वसूल की गई तथा दूरसंचार विभाग के 58 वादों का निस्तारण कर 2,02,501 रुपये की धनराशि वसूल की गई। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव न्यायाधीश श्री सत्येन्द्र सिंह वर्मा ने बताया कि लोक अदालत के आयोजन में कोविड गाइडलाइन का पालन करते हुए जजी परिसर में 4 जगह बैंकों को बैठाया गया, जिसमें विभिन्न बैंकों द्वारा बैंक ऋण से संबंधित 1963 वादों का निस्तारण किया गया एवं कुल ऋण धनराशि 9,70,28,000 रुपये वसूल की गई। प्राधिकरण सचिव द्वारा अवगत कराया गया कि राष्ट्रीय लोक अदालत में 20,23,37,702 रुपये की धनराशि वसूल की गई तथा इस अवसर पर 30 से ज्यादा दंपतियों का पुनर्मिलन करा कर विदाई दी गई। राष्ट्रीय लोक अदालत में पारिवारिक न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश हरीश त्रिपाठी द्वारा 113, पारिवारिक न्यायालय कक्ष संख्या 1 शैलोज चंद्रा द्वारा 80, पारिवारिक न्यायालय कक्ष संख्या 2 सुश्री कविता निगम द्वारा 23 वादों का निस्तारण किया गया। राष्ट्रीय लोक अदालत में मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण के पीठासीन अधिकारी मयंक चौहान द्वारा 321 वादों के निस्तारण गया। राष्ट्रीय लोक अदालत में अध्यक्ष जिला उपभोक्ता आयोग प्रथम घनश्याम पाठक द्वारा 10 वादों का निस्तारण कर 26,50,904 रुपये समझौता राशि प्राप्त कराई गई। राष्ट्रीय लोक अदालत में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अतुल चौधरी द्वारा 3116 वाद, अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम विष्णुदेव सिंह द्वारा 1667 वाद, जेएससीसी पीयूष सिद्धार्थ द्वारा 10 वाद, सिविल जज (सी.डि.) हरिश्चंद्र द्वारा 32 वाद, अपर सिविल जज (सी.डि.) प्रथम मृदान्शु कुमार द्वारा 221 वाद, सिविल जज (सी.डि.) एफटीसी विमलेश सरोज द्वारा 155 वाद, सिविल जज (जू.डि.) शहर पारुल कुमारी 295 वादों का निस्तारण किया गया। राष्ट्रीय लोक अदालत में जेएससीसी पीयूष सिद्धार्थ, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अतुल चौधरी, सिविल जज (सी.डि.) हरिश्चंद्र, अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम विष्णु देव सिंह, अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सत्य प्रकाश आर्य, सिविल जज (जू.डि.) प्रथम मृदान्शु कुमार, सिविल जज (सी.डि.) श्वेता यादव, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम ज्योति वर्मा, न्यायिक मजिस्ट्रेट सुश्री अक्षिता, न्यायिक मजिस्ट्रेट सुश्री नेहा, सिविल जज (जू.डि.) हेमेंद्र सिंह के साथ सभी न्यायिक अधिकारी उपस्थित रहे। राष्ट्रीय लोक अदालत को सफल बनाने में समस्त न्यायिक अधिकारियों, बैंक-बीमा कंपनी के अधिकारियों, अन्य न्यायिक कर्मचारियों तथा मीडिया कर्मियों के साथ परा विधिक स्वयंसेवकों का भी योगदान रहा।

 

 

 

बरेली से संपादक गोपाल चंद्र अग्रवाल,(राजू शर्मा ) की रिपोर्ट !

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