रोहित ने तीन डबल सेंचुरी लगाकर इतिहास रच दिया
रोहित शर्मा ने मोहाली के पीसीए आईएस बिंद्रा स्टेडियम में ऐसा कमाल कर दिखाया, जिससे हर कोई हैरान है. इस मुंबइया बल्लेबाज ने एक बार फिर साबित कर दिया कि आखिर उसे ‘हिटमैन’ क्यों कहा जाता है।
153 गेंदों में 208 रनों की नाबाद पारी की बदौलत 30 साल के रोहित वनडे क्रिकेट इतिहास में तीन दोहरे शतक लगाने वाले एकमात्र खिलाड़ी बन गए।
हिटमैन का अजूबा : एक रोहित शर्मा अकेले 2398 खिलाड़ियों पर हैं भारी।
साथ ही रोहित ने लगातार पांचवें साल टीम इंडिया की तरफ से सर्वाधिक व्यक्तिगत स्कोर बनाया।
रोहित ने सलामी बल्लेबाज की जिम्मेदारी संभालने से पहले 86 वनडे मैचों में 30.43 की औसत से केवल 1978 रन बनाए थे. लेकिन जिस तरह से ओपनर बनने से सचिन तेंदुलकर का बल्ला वनडे में रन उगलने लगा था। उसी तरह से रोहित भी रनों का अंबार लगाने लगे और अब आलम यह है कि उनके नाम पर तीन दोहरे शतक दर्ज हैं जो कि विश्व रिकॉर्ड है।
2013 से लेकर 2017 तक हर वर्ष भारत की तरफ से वनडे में सर्वोच्च स्कोर का रिकॉर्ड रोहत के ही नाम दर्ज रहा.
2013 – रोहित 209 रन
2014 – रोहित 264 रन
2015 – रोहित 150 रन
2016 – रोहित 171*रन
2017 – रोहित 208* रन
रोहित के अलावा सचिन तेंदुलकर और वीरेंद्र सहवाग दो अन्य भारतीय हैं जिन्होंने वनडे मैचों में दोहरा शतक लगाया है।
अंतरराष्ट्रीय वनडे क्रिकेट का पहला दोहरा शतक मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंडुलकर के बल्ले से निकला था। उन्होंने साल 2010 में दक्षिण अफ़्रीका के ख़िलाफ़ 200 रनों की पारी खेली थी।
इसके बाद साल 2011 में वीरेंद्र सहवाग ने वेस्ट इंडीज़ के ख़िलाफ़ शानदार बल्लेबाज़ी करते हुए 219 रन ठोक डाले थे।
रोहित ‘टैलेंट’ लफ़्ज़ से सराहे भी जाते हैं और तंज़ भी झेलते हैं, लेकिन सवाल है कि वो इतनी लंबी पारियां खेलते कैसे हैं? मोहाली में अपने वनडे करियर का तीसरा दोहरा शतक लगाने के बाद उन्होंने इस सवाल का कुछ-कुछ जवाब दिया.
रोहित ने कहा, ”मैं हालात का विश्लेषण कर रहा था जो शुरुआत में आसान नहीं थे. मैं कुछ ओवर निकालना चाहता था. मैं एबी डीविलयर्स, क्रिस गेल या धोनी जैसा नहीं हूं. मेरे पास इतनी पावर नहीं है.”
”मुझे अपने दिमाग का इस्तेमाल करते हुए फ़ील्ड के मामले में तिकड़म लगानी होती है और मैं लाइन के हिसाब से खेलता हूं जो मेरी ताक़त है.”
कोहली इन दिनों शादी के बाद वक़्त गुज़ार रहे हैं लेकिन रोहित की पारी ने मोहाली में उनकी कमी ज़रा नहीं खलनी दी.
देखना है कि 2010 में अपना पहला शतक और 2013 में पहला दोहरा शतक लगाने वाले रोहित आगे क्या रंग दिखाते हैं?