RBI डिजीटल करेंसी करेगी लॉंच, बिटकॉइन खरीदने पर लगाई रोक

 

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भारतीय रिजर्व बैंक ने मौद्रिक नीति की समीक्षा करते हुए, देश के सभी बैंकों और ई-वॉलेट कंपनियों को बिटकॉइन जैसी डिजिटल करेंसी खरीदने-बेचने वाले व्यक्तियों और कंपनियों के साथ डीलिंग तत्काल बंद कर दें। RBI ने अपनी समीक्षा महंगाई का हवाला देते हुए लगातार चौथी समीक्षा में ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया, लेकिन दूसरे कई महत्वपूर्ण फैसलों की घोषणा की। मौद्रिक नीति समीक्षा में RBI ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया।

RBI ने आगामी दिनों में देश की डिजीटल करेंसी लॉंच करने की योजना का भी खुलासा किया। साथ ही बैंकों से कहा है कि वे बिटकॉइन जैसी डिजिटल करेंसी खरीदने-बेचने वाले व्यक्तियों और कंपनियों के साथ डीलिंग तत्काल बंद करें। यह निर्देश ई-वॉलेट कंपनियो पर भी लागू होगा। इसका मतलब ये हुआ कि बैंक अकाउंट या ईवॉलेट के जरिए कोई व्यक्ति बिटकॉइन नहीं खरीद सकता है। रिजर्व बैंक अपनी डिजिटल करेंसी लाने पर भी विचार कर रहा है। इसकी रिसर्च के लिए एक समूह बनाया गया है जो जून तक रिपोर्ट देगा। इसके साथ ही RBI ने एक और महत्वपूर्ण फैसला लिया है। जिसके मुताबिक पेमेंट सिस्टम ऑपरेट करने वाली कंपनियों को अपना डेटा भारत में ही स्टोर करने का निर्देश दिया गया है।

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नए वित्त वर्ष की पहली मौद्रिक नीति समीक्षा के बाद RBI के डिप्टी गवर्नर बी.बी. कानूनगो ने बताया कि कई देशों के सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी लाने पर चर्चा कर रहे हैं। इसकी लायबिलिटी सेंट्रल बैंकों की ही होगी। कागज की करेंसी के साथ ये भी चलन में होंगे। इससे कागजी करेंसी छापने और उनके सर्कुलेशन का खर्च कम होगा। मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से उन्होंने कहा कि सरकार भी ‘लक्ष्मी’ नाम से डिजिटल करेंसी लाने पर विचार कर रही है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बजट भाषण में निजी कंपनियों की वर्चुअल करेंसी को अवैध बताया था। इसके बाद HDFC बैंक और SBI समेत कई बैंक इसमें डीलिंग बंद कर चुके हैं।

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भारत में पेमेंट सिस्टम ऑपरेट करने वाली कंपनियों को RBI ने यहीं डेटा स्टोर करने को कहा है। इसका मकसद यूजर से संबंधित सूचनाओं की सुरक्षा करना है। इस पर अमल के लिए कंपनियों को 6 महीने का वक्त दिया गया है। इसके बारे में हफ्ते भर में दिशानिर्देश जारी किए जाएंगे। केंद्रीय बैंक ने कहा है कि अभी चुनिंदा कंपनियां ही आंशिक या पूरा डेटा भारत में स्टोर करती हैं।

आपको बता दें कि मौद्रिक नीति समीक्षा में RBI ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया। रेपो रेट 6% और रिवर्स रेपो 5.75% पर बरकार है। रिजर्व बैंक जिस ब्याज दर पर बैंकों को कर्ज देता है उसे रेपो और जिस रेट पर उनसे पैसे लेता है उसे रिवर्स रेपो कहते हैं। कच्चे तेल के दाम, सरकार का घाटा और अनाज के दाम बढ़ने के कारण आरबीआई महंगाई को लेकर अनिश्चित है। गवर्नर उर्जित पटेल की अध्यक्षता वाली मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी ने अगस्त 2017 से ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। समिति के छह में से पांच सदस्यों ने दरें यथावत रखने के पक्ष में वोट दिया। सिर्फ RBI के ईडी माइकल पात्रा दरें 0.25% बढ़ाने के पक्ष में थे। अगली समीक्षा 5-6 जून को होगी।

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