लोग पढ़ें, आगे बढ़ें, यही हमारी ख्वाहिश है :- नीतीश कुमार
पटना: मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार बुधवार को मुख्यमंत्री सचिवालय के संवाद कक्ष में बिहार राज्य शिक्षा वित्त निगम का उद्घाटन दीप प्रज्ज्वलित कर रिमोट के माध्यम से किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज स्टुडेंट क्रेडिट कार्ड योजना को गति प्रदान करने के लिए राज्य सरकार ने बैंकों के बजाय बिहार राज्य शिक्षा वित्त निगम की शुरूआत की।
स्टुडेंट क्रेडिट कार्ड योजना का लक्ष्य ग्रॉस इनरॉलमेंट रेशियो (GER) को बढ़ाना है। 12वीं कक्षा के बाद शिक्षा ग्रहण करने वाले विद्यार्थियों की संख्या मात्र 13.9 हुआ करती थी लेकिन इस योजना के लागू होने के बाद से यह बढ़कर 14.3 प्रतिशत हुआ है, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह लगभग 24 प्रतिशत है। हमलोगों ने इसमें कम से कम 30 प्रतिशत तक की वृद्धि का लक्ष्य रखा है और उसके आगे 35 से 40 प्रतिशत तक ले जाना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अध्ययन से पता चला है कि गरीबी के कारण 12वीं के बाद बच्चे नहीं पढ़ पाते हैं। हमलोगों ने शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के लिए अनेक काम किये हैं। 2005 में जब हमारी सरकार बनी थी तो उस समय 12.5 प्रतिशत बच्चे स्कूल से बाहर थे, अब यह घटकर एक प्रतिशत से भी कम रह गया है। लगभग सभी बच्चे स्कूल जाने लगे हैं। 5वीं कक्षा के बाद गरीबी के कारण अभिभावक अपनी बच्चियों को पढ़ने के लिए स्कूल नहीं भेज पाते थे। लड़कियों को उपयुक्त वस्त्र गरीबी के कारण उपलब्ध नहीं हो पाता था। हमलोगों ने इसके लिए मिडिल स्कूल पोशाक योजना चलाई, जिसमें लड़कियों को दो जोड़ी कपड़ा, एक जोड़ी जूती और एक बैग उपलब्ध कराया गया। 8वीं कक्षा से आगे बालिकाओं को पढ़ने के लिए बालिका साइकिल योजना चलाई गयी। इससे लड़कियॉ झुंड में साइकिल से स्कूल जाने लगीं, इससे सामाजिक सोच में बदलाव आया। स्कूल जाने वाली लड़कियों की संख्या बढ़ी।
नारी सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ। लड़कियों का आत्मविश्वास बढ़ा। इसके बाद लड़कों के लिए भी साइकिल योजना चलाई गयी। मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा के चलते फर्टिलिटी रेट पर भी फर्क पड़ता है। मैट्रिक पास लड़कियों का फर्टिलिटी रेट देश में भी 2 है और बिहार में भी 2 है। प्लस टू पास करने वाली लड़कियों का देश में फर्टिलिटी रेट 1.7 है और बिहार में उससे भी कम है। हमलोगों की यह कोशिश है कि लड़कियाँ प्लस टू के आगे तक अधिक से अधिक संख्या में पढ़ें। इससे न सिर्फ लड़कियॉ शिक्षित होंगी बल्कि जनसंख्या नियंत्रण में भी सहायता मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्टुडेंट क्रेडिट कार्ड योजना उच्च शिक्षा प्राप्त करने में महत्वपूर्ण साबित होगी। बैंकों से मिलने वाले शिक्षा ऋण योजना में तकनीकी शिक्षा प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को ही लाभ होता है। स्टुडेंट क्रेडिट कार्ड योजना में 12वीं पास विद्यार्थियों को तकनीकी शिक्षा के साथ-साथ जनरल एजुकेशन प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को ऋण उपलब्ध होगा। इस योजना में मैट्रिक पास करने के बाद पॉलिटेक्निक पढने वाले विद्यार्थियों को भी लाभ मिलेगा। बैंकों की जरूरी शर्तों को मानने के बावजूद बैंकों द्वारा इस योजना के अंतर्गत स्वीकृत की जाने वाली ऋण में काफी बिलम्ब होता था। 18 हजार 242 आवेदन स्वीकृत किये गये, जिसमें से 12,050 आवेदकों का ऋण स्वीकृत किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोगों ने इस योजना को गति देने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था के तहत अपना वित्त निगम बनाने का फैसला लिया।
इसके लिए शिक्षा विभाग और वित्त विभाग ने काफी मेहनत किया है और आज इस वित्त निगम का उदघाटन हुआ है। इसके माध्यम से मिलने वाले ऋण पर व्याज की दर मात्र 4 प्रतिशत है। दिव्यांगों, छात्राओं एवं ट्रांसजेंडर को सिर्फ 1 प्रतिशत व्याज पर ऋण मुहैया कराया जाएगा। इस वित्त निगम में कार्यपालक पदाधिकारी सह प्रबंध निदेशक की नियुक्ति की गयी है। इसके साथ जरूरी स्टाफ की भी नियुक्ति की गयी है। इस निगम के साथ जिला केन्द्र के डी0आर0सी0सी0 को भी जोड़ दिया गया है। कोई भी छात्र डी0आर0सी0सी0 में जाकर आवेदन करेगा और वहीं से उसका आवेदन वित्त निगम चला जाएगा। स्वीकृति के बाद उसको राशि मिलना शुरू हो जाएगा, विद्यार्थियों को पढ़ने में सहुलियत होगी। बिहार से सटे राज्यों में बिहार के पढ़ने वाले विद्यार्थी भी इसका लाभ उठा सकते हैं। पहले से जो छात्रवृति योजना चलाई जा रही थी, पोस्ट मैट्रिक योजनाएं जो अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अति पिछड़े वर्ग, अल्पसंख्यक वर्गों को लाभ मिलता रहेगा। मुख्यमंत्री ने कहा सात निश्चय के अन्तर्गत रोजगार प्राप्त करने वाले युवाओं के लिए स्वयं सहायता भत्ता के तहत दो वर्ष तक 1000 रूपये मासिक की दर से सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। प्रत्येक ब्लॉक में कुशल युवा केंद्र स्थापित किये गये हैं, जहाँ कुशल युवा कार्यक्रम चलाया जा रहा है। 240 घंटे के कार्यक्रम में कम्प्यूटर की जानकारी, संवाद कौशल, व्यवहार कौशल की शिक्षा दी जाती है। विश्वविद्यालयों में मुफ्त वाई-फाई की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। युवा उद्यमियों के लिए वेंचर कैपिटल फंड उपलब्ध कराया गया है।
अपने राज्य से बाहर विद्यार्थियों को पढ़ने जाना न पड़े, इसके लिए प्रत्येक जिले में इंजीनियरिंग कॉलेज, पॉलिटेक्निक संस्थान, जी0एन0एम0 संस्थान, पारा मेडिकल कॉलेज, महिला आई0टी0आई0 की स्थापना की जा रही है। प्रत्येक अनुमंडल में ए0एन0एम0 संस्थान और आई0टी0आई0 की स्थापना की जा रही है, इसके लिए जमीन भी उपलब्ध कराया गया है। पहले छह मेडिकल कॉलेज बनाया गया, इसके अतिरिक्त अब 5 और नये मेडिकल कॉलेज की स्थापना की जा रही है। आई0जी0आई0एम0एस0 को और अधिक इलाज के लिहाज से सुविधाजनक बनाया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार के लोगों में बैंकों से ऋण लेने की प्रवृति कम रही है, लोग घबराते हैं लेकिन इस वित्त निगम की स्थापना के बाद अधिक से अधिक विद्यार्थी इसका लाभ उठायें, डरने की आवश्यकता नहीं है। यह सरकार का वित्त निगम है और सरकार आपकी है। पढ़ाई पूरी करने के बाद ऋण को लौटाना है। अगर जरूरत हुई तो जो लौटाने में अक्षम होंगे, भविष्य में सरकार ऋण माफी के लिए विचार करेगी। डेढ़ वर्ष में किये गये कामों के अनुभव के बाद जरूरी संशोधन किये गये हैं ताकि यह ठीक ढंग से काम कर सकें। धनराशि का प्रबंध किया गया है। मिशन मोड में काम किया जा रहा है।
बिहार विकास मिशन के द्वारा इसकी मॉनिटरिंग की जाती है, जरूरत पड़ने पर विशेषज्ञ को भी उपलब्ध कराया जाता है। मुझे विश्वास है कि इसके बेहतर नतीजे आयेंगे। शिक्षा विभाग अधिक से अधिक छात्र-छात्राओं को इसकी जानकारी उपलब्ध कराएगी। मैं आप सब से खासकर पत्रकार मित्रों से यह उम्मीद करता हूँ कि इस तरह की अभियानों को अधिक से अधिक जगह देंगे ताकि अधिक से अधिक विद्यार्थी जागृत हो सकेंगे। समाज में बुनियादी तौर पर परिवर्तन लाने वाली चीजों को प्रमुखता मिलनी चाहिए। हमारा उदेश्य है कि जी0ई0आर0 बढ़े और ज्यादा से ज्यादा छात्रों को इसका लाभ मिले। उच्च शिक्षा में विकास से समाज में बहुत बड़ा परिवर्तन आएगा। वित्त विभाग और शिक्षा विभाग को इस उपलब्धि के लिए बधाई देता हूँ। समारोह को उप मुख्यमंत्री श्री सुशील कुमार मोदी, शिक्षा मंत्री श्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा, मुख्य सचिव श्री अंजनी कुमार सिंह, प्रधान सचिव वित्त श्रीमती सुजाता चतुर्वेदी ने भी संबोधित किया। मुख्यमंत्री का स्वागत पुष्प-गुच्छ भेंटकर किया गया। इस अवसर पर एक लघु फिल्म भी दिखाई गई। विद्यार्थी निशा कुमारी, अर्पणा कुमारी और मोहम्मद इस्माइल ने इस योजना से हुए फायदे की आपबीती बताई।
इस अवसर पर विकास आयुक्त श्री शिशिर सिन्हा, प्रधान सचिव शिक्षा श्री आर0के0 महाजन, प्रधान सचिव कृषि श्री सुधीर कुमार, प्रधान सचिव मंत्रिमंडल समन्वय श्री ब्रजेश मेहरोत्रा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अतीश चंद्रा, सचिव (व्यय) वित्त श्री राहुल सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव श्री मनीष वर्मा, सचिव शिक्षा श्री आर0 एन0 चोंग्थू, अपर शिक्षा निदेशक श्री मनोज कुमार, प्राथमिक शिक्षा निदेशक श्री रामचंद्र डू0, बिहार राज्य शिक्षा वित्त निगम के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी एवं प्रबंध निदेशक सहित शिक्षा विभाग, वित्त विभाग के अन्य अधिकारीगण, छात्र-छात्राएं एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। ’