RBI ने किया चौंकाने वाला खुलासा , पिछले 5 साल में हुए 23000 बैंक फ्रॉड
पिछले साल 11,400 करोड़ के PNB स्कैम के खुलासे के बाद से देश में हर जगह से रोज छोटे-बड़े बैंक घोटालों की खबरें समाचार पत्रों और न्यूज चैनल्स की सुर्खियां बन गए थे। लेकिन हाल ही में, RBI ने RTI का जवाब देते हुए , एक बेहद हैरान करने वाला खुलासा किया है । RBI के मुताबिक विभिन्न बैंकों में पिछले पांच साल में एक लाख करोड़ रुपये से अधिक के 23,000 बैंक धोखाधड़ी के मामले सामने आए हैं।
दरअसल सूचना के अधिकार (RTI ) के तहत पूछे गए सवाल के जवाब में रिजर्व बैंक ने कहा है कि अप्रैल, 2017 से एक मार्च, 2018 तक 5,152 बैंक धोखाधड़ी के मामले सामने आए. 2016-17 में यह आंकड़ा 5,000 से अधिक था. केंद्रीय बैंक के अनुसार अप्रैल, 2017 से एक मार्च, 2018 के दौरान सबसे अधिक 28,459 करोड़ रुपये के बैंक धोखाधड़ी के मामले सामने आए. 2016-17 में 5,076 मामलों में बैंकों के साथ 23,933 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी हुई थी।
केंद्रीय बैंक के अनुसार अप्रैल, 2017 से एक मार्च, 2018 के दौरान सबसे अधिक 28,459 करोड़ रुपए के बैंक धोखाधड़ी के मामले सामने आए। जबकि 2016-17 में 5,076 मामलों में बैंकों के साथ 23,933 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी हुई थी। 2013 से एक मार्च, 2018 के दौरान एक लाख रुपए या उससे अधिक के बैंक धोखाधड़ी के कुल 23,866 मामलों का पता चला था।
RTI से मिले जवाब के मुताबिक , इन मामलों में कुल 1,00,718 करोड़ रुपए की राशि फंसी हुई है। इसका ब्योरा देते हुए रिजर्व बैंक ने कहा है कि 2015-16 में बैंकों के साथ धोखाधड़ी के 18,698 करोड़ रुपए के 4,693 मामले प्रकाश में आए। 2014-15 में 19,455 करोड़ रुपए के 4,639 मामले पकड़े गए थे।
वित्त वर्ष 2013-14 में बैंकों में कुल 4,306 धोखाधड़ी के मामले सामने आए। इनमें कुल 10,170 करोड़ रुपए की राशि फंसी थी। ये आंकड़े इस दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं कि केंद्रीय जांच एजेंसियां CBI और प्रवर्तन निदेशालय(ED) कई बड़े बैंक धोखाधड़ी के मामलों की जांच कर रहा है। इनमें पंजाब नैशनल बैंक का 13,000 करोड़ रुपए का घोटाला भी शामिल है। इस घोटाले का सूत्रधार नीरव मोदी और उसका मामा गीतांजलि जेम्स का प्रवर्तक मेहुल चोकसी है।
आपको बता दें कि CBI ने हाल में IDBI बैंक के साथ 600 करोड़ रुपये की कर्ज धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार दिसंबर, 2017 तक सभी बैंकों की गैर निष्पादित आस्तियां (एनपीए) 8,40,958 करोड़ रुपये थीं. सबसे अधिक NPA सार्वजनिक क्षेत्र के भारतीय स्टेट बैंक का 2,01,560 करोड़ रुपये था.
वहीं, वित्त राज्यमंत्री शिव प्रताप शुक्ला ने 9 मार्च को लोकसभा में दी गई जानकारी के अनुसार, इस अवधि तक पंजाब नेशनल बैंक का NPA 55,200 करोड़ रुपये, आईडीबीआई बैंक का 44,542 करोड़ रुपये, बैंक ऑफ इंडिया का 43,474 करोड़ रुपये, बैंक ऑफ बड़ौदा का 41,649 करोड़ रुपये, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया का 38,047 करोड़ रुपये, केनरा बैंक का 37,794 करोड़ रुपये, ICICI बैंक का 33,849 करोड़ रुपये था।