राफिया नाज कट्टरपंथियों के निशाने पर

राफिया रांची में डोरांडा की रहने वाली है और काफी समय से योग सिखाने का काम करती हैं। एक साधारण परिवार से ताल्‍लुक रखने वाली राफिया पर अब तरह-तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं। उसका कसूर इतना था कि उसने योग गुरू बाबा रामदेव के साथ योग का मंच शेयर किया था। इसके बाद से वह कट्टरपंथियों के निशाने पर है। राफिया के घर पर जमकर पत्थरबाजी हुई , योग गुरू बाबा रामदेव ने इसकी तीखी निंदा की है। बाबा रामदेव ने कहा कि ईरान, अफगानिस्तान, पाकिस्तान और सऊदी अरब के कई मुसलमान योग का अभ्यास करते हैं। योग एक व्यायाम है, जो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है। इसमें धर्म को बीच में नहीं लाना चाहिए।राफिया ने मीडिया के सामने यहां तक आरोप लगाया है कि उसको करीब तीन वर्षों से लगातार धमकियां मिल रही हैं। खबरों की मानें तो यह मामला राज्‍य के मुख्‍यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुमार के सामने भी उठाया गया है।राफिया का यह भी कहना है कि उसे दोनों समुदायों से शिकायत है। उनके मुताबिक जहां एक समुदाय उनसे योग न सिखाने के लिए कह रहा है तो वहीं दूसरे समुदाय के लोग उसको नाम बदलने की सलाह दे रहे हैं ताकि उन्‍हें उससे योग सीखने में किसी को झिझक न हो। राफिया ने यह भी कहा है कि वह धमकियों से डरेंगी नहीं और आजीवन योग करती रहेंगी।

राफिया ने समाज को योग को लेकर जागृत करने को लेकर कुछ बातें कहीं हैं जो सबके लिए जाननी जरूरी हैं।
1. योग करना हराम नहीं है, ये स्वस्थ शरीर और मन के लिए किया जाने वाला व्ययाम है।
2. योग को धर्म से जोड़कर नहीं देखना चाहिए। ये आपके ऊपर निर्भर करता है कि योगा करते समय ओम का उच्चारण करें या अपने आराध्य का।
3. एक व्यक्ति जो दवा लेने कैमिस्ट के पास जाता है तो उसे धर्म पूछकर दवा नहीं दी जाती। फिर योग जैसा व्यायाम करने के लिए धर्म कैसे बीच में आ गया।
4. इस्लाम योग या किसी अन्य शारीरिक व्यायाम को करने की मनाही नहीं करता, बशर्ते आप उसे किस मकसद से कर रहे हैं। योग करने का मकसद शारीरिक स्फूर्ति औऱ सेहत होना चाहिए।

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