विकास दुबे पर ढाई लाख रुपये का इनाम घोषित, जगह-जगह लगाए गए पोस्टर
विकास दुबे पर ढाई लाख रुपये का इनाम घोषित, जगह-जगह लगाए गए पोस्टर
कानपुर गांव बिकरू में सीओ बिल्हौर देवेंद्र मिश्र समेत आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के शातिर अपराधी विकास दुबे पर पुलिस ने ढाई लाख रुपए का इनाम घोषित किया है। पुलिस महानिदेशक ने मुख्यालय स्तर से थाना चौबेपुर जनपद कानपुर में कई संगीन धाराओं और 7 सीएलए एक्ट में वांछित अभियुक्त विकास दुबे पर ढाई लाख का इनाम घोषित किया है। कानपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार पी ने बताया कि हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे पर पहले 1 लाख रुपए का इनाम था। अब इसे बढ़ाकर ढाई लाख रुपये कर दिया गया है। अपराधी की तलाश जारी है। उन्होंने बताया कि मोस्टवांटेड विकास दुबे के पोस्टर जगह जगह चस्पा कराए गए हैं। सार्वजनिक स्थानों जैसे रेलवे, बस स्टेशनों और हर थानें चौकी में पोस्टर चस्पा किए गए हैं। पुलिस ने लखनऊ-कानपुर हाईवे पर अजगैन थाना क्षेत्र में टोल प्लाजा के हर बूथ पर इनामी अपराधी विकास दुबे का पोस्टर चस्पा किया गया है ताकि टोल बूथ पर वाहनों से गुजरने वाले भी उसकी पहचान कर सकें, वहीं टोल बूथों के हर कर्मी को प्रत्येक वाहन में सवार लोगों पर निगाह रखने की सलाह दी गई है।
मीडिया रिपोट्र्स के मुताबिक विकास दुबे का खौफ ऐसा था कि आसपास की लगभग हर फैक्ट्री से उसको चढ़ावा भेजा जाता था। जीटी रोड के किनारे बस चौबेपुर इंडस्ट्रियल एरिया में करीब 400 फैक्ट्रियां हैं। नामी फैक्ट्रियों से उसे सालाना चंदा मिलता था। विकास की कमाई का दूसरा बड़ा जरिया विवादास्पद संपत्ति को खरीदना था। क्षेत्र में किसी भी संपत्ति की खरीद-बिक्री पर विकास को टैक्स देना जरूरी था। माल लदे ट्रकों में लूट करवाने जैसे काम विकास के लिए बेहद आसान चीज हो गई थी। नेताओं के संरक्षण में लूट का माल मसलन आलू और तेल के टिन बिकरू गांव में बंटते थे। यही वजह थी कि आज तक बिकरू गांव का कोई भी व्यक्ति विकास का विरोधी नहीं हुआ। वे विकास के लिए किसी भी स्तर तक जाने को तैयार रहते थे। यूपी की सीमाओं को सील कर दिया गया है। नेपाल बॉर्डर पर भी अलर्ट जारी कर दिया गया है। विकास की अंतिम लोकेशन पुलिस ने औरैया में ट्रेस की थी। पुलिस अधिकारी ये बता रहे हैं कि वो यूपी की सीमाओं को सील करने से पहले ही यूपी छोड़ चुका था
मीडिया रिपोट्र्स के मुताबिक विकास दुबे का खौफ ऐसा था कि आसपास की लगभग हर फैक्ट्री से उसको चढ़ावा भेजा जाता था। जीटी रोड के किनारे बस चौबेपुर इंडस्ट्रियल एरिया में करीब 400 फैक्ट्रियां हैं। नामी फैक्ट्रियों से उसे सालाना चंदा मिलता था। विकास की कमाई का दूसरा बड़ा जरिया विवादास्पद संपत्ति को खरीदना था। क्षेत्र में किसी भी संपत्ति की खरीद-बिक्री पर विकास को टैक्स देना जरूरी था। माल लदे ट्रकों में लूट करवाने जैसे काम विकास के लिए बेहद आसान चीज हो गई थी। नेताओं के संरक्षण में लूट का माल मसलन आलू और तेल के टिन बिकरू गांव में बंटते थे। यही वजह थी कि आज तक बिकरू गांव का कोई भी व्यक्ति विकास का विरोधी नहीं हुआ। वे विकास के लिए किसी भी स्तर तक जाने को तैयार रहते थे। यूपी की सीमाओं को सील कर दिया गया है। नेपाल बॉर्डर पर भी अलर्ट जारी कर दिया गया है। विकास की अंतिम लोकेशन पुलिस ने औरैया में ट्रेस की थी। पुलिस अधिकारी ये बता रहे हैं कि वो यूपी की सीमाओं को सील करने से पहले ही यूपी छोड़ चुका था
राघवेन्द्र सिंह आल राईट न्यूज़