पितृदोष समस्या एवं समाधान

ऑफिस, दुकान, कारखाना, फैक्टरी में धंधा या रोजगार नहीं चल रहा हो. बैंक का ज्यादा लोन हो. पैसा न आता हो, धंधे में सफलता न मिलती हो तो भी पितृ-दोष होने की पूरी संभावना रहती है. समय-समय पर विद्वान ज्योतिष शास्त्री का मार्गदर्शन लेकर निवारण करना चाहिए.


जन्मकुंडली में सूर्य-चन्द्र का राहु-शनि के साथ सबंध होने से पितृ-दोष बनता है. इसे आगे ज्योतिष शास्त्र में अनेक प्रकार के पितृ-दोष के सूचक योगों की चर्चा की गई है. वृहद पराशर होराशास्त्र नामक  मान्य ग्रन्थ में पितुशाप मातरुशाप, स्त्रिशाप, जैसे अनेक प्रकार के श्रापित दोषों का वर्णन किया गया है. जन्मकुंडली में पितृ-दोष होने से इस प्रकार की समस्याएं रहती हैं.

जिस व्यक्ति पितृ-दोष से पीडि़त हो, उसे अनेक प्रकार की समस्या का सामना करना पड़ता है.

पितृ-दोष बड़े राजनेता को भी सत्ता पर से उतार देता है. जो आम जनता उसे प्रेम करती है वो भी उसे नफरत करने लगती है और अपने भी पराये हो जाते हैं.

पितृ-दोष भाई-बहनों के बीच बनने नहीं देता और अपनी फैमिली में एक दूसरे के साथ अच्छे संबंध नहीं रहने देता और प्रोपर्टी, जमीन, मकान के झगड़े लम्बे समय तक चलते हैं.

फैमिली में संतानों का विवाह जल्दी नहीं होता. अगर विवाह हो जाता है तो अपने जीवनसाथी से अनबन रहती है.

घर में कोई ना कोई बीमार रहता है. किसी का छोटी उम्र में मृत्यु होना, आत्महत्या, खून, अकस्मात जैसा बने तो पितृ-दोष का प्रभाव है ऐसा समझना चाहिए .

ऑफिस, दुकान, कारखाना, फैक्टरी में धंधा रोजगार नहीं चलता हो. बैंक का ज्यादा लोन हो. पैसा न आता हो, धंधे में सफलता न मिलती हो तो भी पितृ-दोष होने की पूरी संभावना रहती है. समय-समय पर विद्वान ज्योतिष शास्त्री का मार्गदर्शन लेकर निवारण करना चाहिए.

घर में पालतू जानवर कुत्ता, बिल्ली, तोता, बिना वजह मर जाये तो भी पितृ-दोष है ऐसा जानना चाहिए.

पितृ-दोष के इफेक्ट वाले मकान में रहने से सत्कार्य में रुचि नहीं रहती, धर्म कार्य में मन नहीं लगता, विद्यार्थियों को ज्यादा मेहनत के प्रमाण में अच्छी सफलता नहीं मिलती और पढ़ाई में मन नहीं लगता.

नि:संतानों को जल्दी संतान नहीं होते.

पितृ-दोष निवारण के सरल उपाय –

  1. हर अमावस्या को ब्राह्मण को खाना खिलाएं और यथाशक्ति दान दक्षिणा दें.
  2. वृद्धाश्रम, हौस्पिटल के मरीजों को खाना खिलायें.
  3. हर अमावस्या को घी-गुग्गल की घर में धूप करें, नित्य नारायण कवच, विष्णु सहस्त्र का पाठ करें.
  4. गजेन्द्र मोक्ष स्तोस्त्र के पाठ करने से पितृ-दोष से मुक्ति मिलती है.
  5. पीपल के वृक्ष को नित्य पानी चढ़ायें. ऊपर दर्शाए उपाय करने से पितृ हमेशा खुश रहेंगे.

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