फ़र्ज़ी नियुक्ति पत्र जारी करता था प्रिंसिपल, एक पद के लिए 10 से 20 लाख तक लेता था

अयोध्या* । उत्तर प्रदेश के अयोध्या में एक बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। यहां एक संस्कृत विद्यालय में नौकरी दिलाने के नाम पर प्रिंसिपल ने चार करोड़ रुपए की ठगी कर ली। मामला खुला तो हर कोई दंग रह गया। पुलिस ने आरोपी प्रिंसिपल की आलमारी से 42 फर्जी नियुक्ति पत्र बरामद किए हैं। प्रबंधक की शिकायत पर आरोपी प्रिंसिपल को पुलिस ने गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया है।
मामला श्री नारायण संस्कृत उच्चतर माध्यमिक विद्यालय का है। पुलिस के मुताबिक, यहां शत्रोहन मिश्र 2006 से प्रिंसिपल हैं। इन्होंने पिछले 6 साल से कई फर्जी नियुक्तियां कर डालीं। विद्यालय में शिक्षक से लेकर चपरासी तक के पदों के लिए फर्जी नियुक्ति पत्र जारी कर दिए।
इसके लिए एक उम्मीदवार से 10 लाख रुपए से लेकर 20 लाख रुपए तक लेता था। अभी भी फर्जी नियुक्तियां करते जा रहा था। पुलिस ने आरोपी की आलमारी से 42 फर्जी नियुक्ति पत्र भी बरामद किया है। 6 जून 2021 को प्रिंसिपल के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया था। रविवार 27 जून 2021 को उसकी गिरफ्तारी हुई है।


फर्जी नियुक्ति पत्र पाने वाले लोग जब जॉइनिंग के लिए विद्यालय पहुंचे तो प्रिंसिपल की पोल खुल गई। अमित तिवारी नाम के शख्स ने बताया कि उनसे सहायक अध्यापक पर नियुक्ति के नाम पर 10 लाख 10 हजार रुपए लिए गए।
इसमें 9 लाख 40 हजार रुपए उन्होंने आरटीजीएस के माध्यम से प्रिंसिपल के अकाउंट में जमा किए जबकि बाकी रकम नकद। जब वह जॉइनिंग करने पहुंचे तो प्रिंसिपल इधर-उधर की बातें करने लगा। बाद में मालूम चला कि ये सब फर्जी है। इसी तरह सहायक अध्यापक पद पर नियुक्त राघवेंद्र दत्त त्रिपाठी ने डीएम से शिकायत कर 15 लाख रुपए में अवैध नियुक्ति की बात कही है।
अयोध्या के रणोपाली निवासी मुदित सनाढय व विनीत सनाढय दोनों भाई हैं। उनसे नियुक्ति के नाम पर 17 लाख रुपए लिए गए हैं। इसी तरह कुलदीप वर्मा को अवैध रूप से लिपिक के पद पर नियुक्त किया गया है।
प्रिंसिपल के आलमारी में सविता, संतोष सिंह यादव समेत 42 से ज्यादा लोगों के नाम के नियुक्ति पत्र बरामद किए गए हैं। उन सभी की नियुक्तियों की जांच की जा रही है।
पुलिस के मुताबिक, 2016 में विद्यालय के प्रबंधक पद से हरस्वरुप शास्त्री हट गए थे, लेकिन उनके नाम से अवैध हस्ताक्षर कर प्रिंसिपल फजीज़् नियुक्तियां करता रहा।
इस प्रकरण के सामने आने के बाद अयोध्या के कई संस्कृत विद्यालयों के प्रिंसिपल के हाथ-पांव फूल गए हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कई विद्यालयों में नियुक्तियों के नाम पर खेल चल रहा है।
प्रधानाचार्य अवैध रूप से नियुक्त अध्यापकों और लिपिकों से खर्च के नाम पर प्रतिमाह हजारों रुपए की वसूली कर रहे हैं। जबकि सारा खेल विद्यालयों की फाइल में ही चल रहा है। जिला विद्यालय निरीक्षक सहित शिक्षा विभाग के अधिकारियों को इसकी भनक तक नहीं लग पाई

 

 

प्रतापगढ़ से आदर्श उपाध्याय (अत्रि कुमार पाठक ) की रिपोर्ट !

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

%d bloggers like this: