प्रधानमंत्री के खुले में शौच मुक्त भारत के सपने को लगा पलीता
*पंचायत विभाग की मिली भगत से शौचालय का पैसा हजम*
*गांव के लोग अभी भी खुले में शौच जाने को है मजबूर। ग्रामीणों की माने तो शौचालय की मांग करने पर प्रधान देता है गाली।*
अब देखना है कि ग्रामीणों को प्रधान की गाली ही मिलेगी या मिलेगी शौचालय की सौगात आखिर कब जागेगा प्रशासन और कब पहुंचेगा देश के अंतिम व्यक्ति तक सरकार की योजनाएं*
लखनऊ से ब्यूरो चीफ राघवेंद्र सिंह की रिपोर्ट !