आज नागपुर में RSS के कार्यक्रम में शामिल होंगे पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी आज शाम राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एक कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे. इसके लिए वो नागपुर पहुंच चुके हैं. प्रणब मुखर्जी के इस कदम पर सियासी हलचल तेज है.
कांग्रेस के तमाम नेता इस दौरे के विरोध में बोल रहे हैं. यहां तक कि प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने भी अपने पिता को सख्त नसीहत दे डाली है.
सबसे पहले बात संघ की. गुलामी की अंधेरी रातों में ही सही, लेकिन 1925 में विजयादशमी के दिन एक ऐसा संगठन तैयार हुआ, जिसने राजनीति से दूरी बनाने का दावा किया.
लेकिन ये भी सच है कि आज देश की राजनीति के सारे बड़े रास्ते उसकी शाखाओं की गलियों से होते हुए उसके मुख्यालय पर खत्म हो जाते हैं. वो संगठन है राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ.
संघ का वादा हिंदुत्व की रहनुमाई का है. संघ का दावा हिंदू राष्ट्र का है. संघ का इरादा अखंड भारत का है. संघ की सोच सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के पन्नों में भटकती है, लेकिन इसी संघ को लेकर धर्मनिरपेक्षता के हिमायतियों का एक तबका नाक भौं भी सिकोड़ता है.
इसीलिए जब कांग्रेसी परंपरा में पले-बढ़े, नेहरू-इंदिरा के मूल्यों और मान्यताओं की छांव में राजनीति सीखने वाले और धर्मनिरपेक्षता के ताने-बाने में भारतीय समाज को बुनने वाले पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने संघ के एक कार्यक्रम में मुख्य अतिथि बनने का न्योता कबूल किया तो हंगामा मच गया.