रामलला टेन्ट के बाहर इस बार होली मनाने की चल रही है तैयारियाँ !

अप्रैल के दूसरे सप्ताह में नींव भराव के लिए सामग्रियों का भंडारण अब चल रहा है — मंदिर का हो रहा निर्माण कार्य भी देख सकेंगे आने वाले रामभक्त
— निर्भय सक्सेना — बरेली। अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर के परिसर में कोविड-19 नियम का पालन करते हुए रामलला के टेन्ट के बाहर लगभग 500 साल बाद इस बार रामलला के साथ होली मनाने के लिए ट्रस्ट के लोग साधु संतों के साथ मंथन के साथ ही होली की तैयारी भी चला रहे हैं । यही नहीं अप्रैल के दूसरे सप्ताह में राम मंदिर की नींव भराव के लिए सामग्रियों का भंडारण भी परिसर में अब चल रहा है जिसकी परीक्षण रिपोर्ट भी भवन इंजीनियर बना रहे हैं। — ट्रस्ट के लोगो का इस बात पर भी मंथन हो रहा है कि जो रामभक्त मंदिर के दर्शन को आएं वह यहां हो रहे निर्माण कार्य की प्रगति भी देख सकें। आने वाले रामभक्त जब आने प्रदेश में जाएं तो मंदिर के निर्माण कार्य की जानकारी भी और अधिक लोगो को दे सकें। हाल में मंदिर की खुदाई में जो भी खंडित हुई मूर्तियां मिली है उन्हें भी संग्रहालय में रखा जायेगा। फिल्मी कलाकार अक्षय कुमार ने भी रामलला के दर्शन कर अपनी आगामी फिल्म का महूर्त शॉट भी फिल्माया था। साथ ही लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी जी से भेंट कर अपनी फिल्म की अयोध्या में शूटिंग की इच्छा भी जताई थी। जिस मंदिर पर सीता जी श्रीलंका में बैठी थीं । वहां का पत्थर भी श्रीलंका के राजदूत ने भारत को भेंट कर दिया है जो मंदिर में लगेगा। स्मरण रहे जब 5 अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर का भूमि पूजन किया था । तब ट्रस्ट के जिम्मेदार लोगों ने साढ़े 3 साल में मंदिर बनने का दावा किया था। यही नहीं राजस्थान के भरतपुर के पहाड़पुर से आने वाले गुलाबी पत्थर पर राजस्थान सरकार ने खनन पर रोक लगा दी। तकनीकी विशेषज्ञ कमेटी चरणबद्ध सारे विघ्न पार भी करती गई।अब मार्च 2021में मंदिर में नीव की खुदाई में लगभग 40 फिट गहराई तक निकाले गये मलवे के बाद मिली मिट्टी पर फुलेरादूज के दिन फिर से पूजन करके नीव भराई एवम जमीन समतलीकरण कार्य की शुरुआत करा दी गई ताकि खरमास में भी नीव की भराई का काम होता रहे। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ शेत्र न्यास के पदाधिकारी चम्पत राय के अनुसार समर्पण निधि से अब तक 3 हजार करोड़ की समर्पण निधि भी ट्रस्ट के बैंक खातों में आ चुकी है। अप्रैल के दूसरे सप्ताह तक नींव भराई शुरू करने के लिए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ शेत्र न्यास के पदाधिकारियों ने राम जन्मभूमि परिसर में भराव वाली सामग्रियों के एकत्रित करने का काम शरू कर दिया है। राम मंदिर के गर्भगृह में नींव के लिए खोदे गए लगभग 40 फीट गड्ढे को विशेष प्रकार के कंक्रीट, फ्लाईऐश एवम रसायन की सामग्री बाले कंक्रीट मिश्रण से परत दर परत भरकर समतल करने का काम भी चल रहा है। यह कार्य एक पखवाड़े से अधिक तक होगा जिससे मंदिर का बेसमेन्ट मजबूत हो सके। इसके बाद अप्रैल में ही से नींव भराई का काम शुरू होगा।

श्री राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र न्यास के महामंत्री चंपत राय ने राममंदिर निर्माण पर कहा था की कम प्रगति पर है। अब सभी विघ्न खत्म हो रहे हैं । महामंत्री चंपत राय ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राममंदिर के लिए जहां 5 अगस्त 2020 को भूमिपूजन किया था। उसकी सरयू तल से ऊंचाई 105 मीटर अनुमानित है। यह बताया कि रडार सर्वे के बाद यह तय हुआ था कि राम मंदिर गर्भगृह स्थल पर गहराई तक मलबा जमा है। जिसके बाद मलबा हटाने का निर्णय लिया गया और 40 फीट तक खुदाई की गई। बताया कि 30 फीट की खुदाई कार्य पूरा होने के बाद प्राकृतिक मिट्टी मिली थी। इसलिए 40 फीट से ज्यादा गहराई तक खुदाई करने की जरूरत महसूस नहीं हुई। अब 40 फीट तक समतलीकरण का कार्य करने के बाद फिर से दो फीट और ऊपर तक काम होग़ा। वहां से चबूतरे का निर्माण शुरू होगा। ऐसे में सरयू तट से राममंदिर के चौखट की ऊंचाई 107 मीटर हो जाएगी। इसके साथ ही अब मंदिर परिसर की वर्तमान 70 एकड़ भूमि के आस पास की 30 से 35 एकड़ और जमीन खरीदने के लिए भी कार्य चल रहा है। जिस क्रम में एक करोड़ की लागत से बीते दिनों श्री राम जन्म भूमि ट्रस्ट ने 676.85 वर्गमीटर भूमि का दीप नारायण से एक बैनामा कर भी लिया है। राम मंदिर ट्रस्ट के पास अब रुपए की भी फिलहाल कोई कमी नही है। निधि समर्पण के 44 दिवसीय अभियान में 3 हजार करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि भी ट्रस्ट के खाते में आ चुकी है। अभी चेक से मिली धनराशि बैंक में जमा हुई राशि में और जुड़ना बताया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने 5 अगस्त 2020 को जब मंदिर का भूमि पूजन किया था तब बताया गया था कि मंदिर की 70 एकड़ भूमि में से लगभग 5 एकड़ भूमि पर ही 8 कोण तथा 5 गुम्बद वाला राम मंदिर 39 माह में पूरा होने की दिशा में तेजी से कार्य होगा। इसके बाद जब मंदिर की नींव की खुदाई शुरू हुई तो नीव में बालू मिलने के कारण काम मे काफी गतिरोध हुआ और तब जाकर 400 × 250 के भूभाग में 40 फुट की गहराई पर जाकर प्राकृतिक मिट्टी मिली थी। अब कार्य पर होने के बाद ही 1200 पिलर भी बनेंगे। भरतपुर राजस्थान के बंसी पहाड़पुर से गुलाबी पत्थर के खनन पर राजस्थान सरकार की रोक से मंदिर के लिए गुलाबी पत्थर अब मिर्जापुर एवम जोधपुर से लेने की दिशा में भी कार्य प्रगति पर है। 5 गुम्बद वाले 260 फुट लंबे, 235 फुट चोड़े, 161 फुट ऊंचे राम मंदिर की अनुमानित लागत 1500 करोड़ रुपए आंकी गई थी। अब मंदिर की काफी लागत बढ़ जाने की बात कही जा रही है। राम जन्मभूमि तीर्थ शेत्र न्यास के कोषाध्यक्ष गोविंद राम गिरी के अनुसार इस के विपरीत समर्पण निधि जुटाने में 3 हजार करोड़ रुपये मिले हैं जो पूर्व में मंदिर की प्रस्तावित लागत से लगभग दुगना हैं। अब 40 फिट गहराई की जमीन के समतलीकरण करने एवम नीव भरने और पत्थर पर अधिक धनराशि व्यय होने से मंदिर की अनुमानित लागत भी बढ़ सकती है। जिसके लिए विदेश में बसे भारतवासियो से भी चंदा लेने की पुनः योजना भी बन रही है। स्मरण रहे सुप्रीम कोर्ट में 40 दिन की मैराथन बहस के बाद 9 नवम्बर 2019 को सुप्रीम कोर्ट से 5 जजों की पीठ से राममंदिर के पक्ष में फैसला आया था। अयोध्या में 13 नवम्बर 2020 में फिल्मी कलाकारों का रामलीला मंचन एवम 5.50 लाख दीप प्रज्वलित कर चौथा दीपोत्सव भी भव्यता से मनाया गया था। दीपावली पर देश के लोगो ने राममन्दिर के प्लेटफार्म पर वर्चुअल दीप भी प्रज्वलित कर रिकार्ड बनाया था। अब मार्च 2021में भी अभी राममन्दिर की नीव पर ही काम चल रहा है। 1200 पिलर निर्माण के लिए जून 2021 के दिये गए लक्ष्य के विपरीत आई आई टी, दिल्ली, मद्रास की रिपोर्ट पर निर्माण कार्य मे लगी लार्सन एवम टाटा कंपनी को दिया गया था जो अब लक्ष्य सितंबर 2021 तक का होना बताया गया है। अयोध्या के रेलवे जंक्शन पर भी मंदिर की तर्ज पर 104 करोड़ की लागत से नई रूपसज्जा देने, कई रेल रूट को जोड़ने पर भी काम चल रहा है। जिससे रेल के राम सर्किट से प्रयागराज, मथुरा, बनारस भी जुड़ सकेंगे। अयोध्या धाम का बस का नया टर्मिनल भी बन रहा है। आजकल 5 से 6 हजार तीर्थयात्री प्रतिदिन 2 पाली में रामलला के दर्शन कर रहे हैं जबकि रविवार या छुट्टियों में यह संख्या 10 से 15 हजार तक हो जाती है। राम सीता रसोई में भी निशुल्क भंडारा देने की व्यस्था बनाई गई है।अयोध्या आने वाले तीर्थ यात्रियों के लिए मंदिर के पास ही निःशुल्क लॉकर, मार्ग में बैठने को बेंच बनेंगी। मुख्य मार्ग से राममंदिर तक आने वाले 3 उपमार्गों को भी चोड़ा किया जा रहा है। नव्य अयोध्या की दिशा में भी कार्य प्रगति पर है। फिलहाल रामलला के साथ कोविड 19 नियम का पालन कर होली मनाने की तैयारियां चल रही है। श्री लंका से एक पत्थर जिस पर सीता जी बैठी थीं मंदिर में लगेगा। निर्भय सक्सेना पत्रकार 113, बजरिया पूरन मल, पटवागली, बरेली – 243003 मोबाइल 9411005249 706205249

 

बरेली से निर्भय सक्सेना की रिपोर्ट !

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