प्रद्युम्न हत्याकांड में एक बड़ा मोड़ ,सीबीआई पिंटो परिवार की जमानत के खिलाफ
पिंटो परिवार की जमानत अर्जी पर सुनवाई के लिए पंजाब व हरियाणा हाई कोर्ट ने 17 नवंबर की तारीख दी थी।सीबीआई ने पिंटो परिवार की कस्टडी की डिमांड की है। सीबीआई ने कहा है कि अब इस मामले की जांच अहम मोड़ पर है और पिंटो परिवार की भूमिका को खारिज नहीं किया जा सकता। सीबीआई ने कहा है कि इस मामले में पिंटों परिवार की भूमिका की जांच जरूरी है। इस केस में 6 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने पिंटो परिवार को अंतरिम जमानत देते हुए पंजाब और हरियाणा कोर्ट को 10 दिनों के अंदर फैसला लेने का निर्देश दिया था। अंतरिम जमानत मिलने के दो दिन बाद यानी 8 नवंबर को सीबीआई ने रायन इंटरनैशनल में ही पढ़ने वाले 11वीं के स्टूडेंट को आरोपी बनाया था। सीबीआई के मुताबिक, पढ़ाई में कमजोर आरोपी छात्र ने परीक्षा और पीटीएम टलवाने के लिए प्रद्युम्न ठाकुर की हत्या की।प्रद्युम्न मर्डर केस में आरोपी अधिकतर वक्त हताश रहता था। उसे परिजनों की ओर से दबाकर रखा जाता था। वह खुलकर नहीं बोलता था। इससे वह अंदर ही अंदर घुटन महसूस करता था। ये बातें आरोपी स्टूडेंट से काउंसिलिंग के दौरान सामने आई हैं। छात्र को आरोपी बनाए जाने के बाद माना जा रहा था कि सीबीआई ने एक तरह से हत्या के कुछ ही घंटों बाद हरियाणा पुलिस द्वारा आरोपी बनाए गए कंडक्टर अशोक को क्लीनचिट दे दी थी, लेकिन गुरुवार को कोर्ट में हुई सुनवाई में कंडक्टर को जमानत नहीं मिली। सीबीआई ने कोर्ट को बताया कि उसने अभी तक किसी को क्लीन चिट नहीं दी है। अभी तक चार्जशीट दायर न होने की वजह से कंडक्टर की जमानत मुश्किल नजर आ रही है। अब कोर्ट ने कंडक्टर की जमानत याचिका पर सुनवाई के लिए 20 नंवबर की तारीख तय की है।