पुलिस टीम ने घटनास्थल पर खंगाले सुबूत, आज फिर कोर्ट में पेश होगा मंत्री का बेटा

लखीमपुर (हर्ष सहानी) : केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र के बेटे आशीष को जेल भेजने के बाद पुलिस अब पुख्ता सुबूत इकट्ठे करने में जुट गई है। निगरानी समिति के अध्यक्ष उपेंद्र अग्रवाल ने रविवार को घटनास्थल का जायजा लेने के साथ ही वहां से केंद्रीय मंत्री के गांव बनवीरपुर तक रास्ते को देखा। गांव की एक दुकान से सीसीटीवी कैमरे का सीडीआर भी कब्जे में लिया। उधर, पुलिस कस्टडी रिमांड पर सोमवार को सुनवाई के दौरान आशीष को पेश किया जाएगा।

घटनास्थल तिकुनिया कस्बे से केंद्रीय मंत्री का गांव चार किलोमीटर की दूरी पर है। रविवार दोपहर करीब 12:30 बजे टीम के साथ बनवीरपुर पहुंचे डीआईजी ने गांव में सड़क किनारे लगी बाजार का निरीक्षण किया और दुकानदारों से बातचीत की। उन्होंने कड़ियाडागा-बनवीरपुर के बीच के उस रास्ते का बारीकी से निरीक्षण किया, जिससे घटना वाले दिन आशीष मिश्र की गाड़ियों का काफिला गया था। उन्होंने गांव की एक दुकान पर लगा सीसीटीवी कैमरे का सीडीआर भी कब्जे में लिया। यह दुकान केंद्रीय मंत्री के घर से करीब तीन सौ मीटर दूरी पर है। उन्होंने केंद्रीय गृह राज्यमंत्री की राइस मिल को भी देखा।

करीब 2:30 बजे वह बनवीरपुर से वापस तिकुनिया की गुरु नानक देव सिख एकेडमी पहुंचे। वहां पहले से मौजूद किसानों से बंद कमरे में उन्होंने वार्ता की। यहीं 12 अक्तूबर को संयुक्त मोर्चा की ओर से घटना में मारे गए किसानों के अंतिम अरदास का कार्यक्रम रखा गया है। सतर्कता बरतने के लिए कार्यक्रम की रूपरेखा जानने के बाद करीब 3:45 बजे जांच टीम चीनी मिल गेस्ट हाउस के लिए रवाना हो गई, वहीं यह टीम ठहरी है।

डीआईजी उपेंद्र अग्रवाल के साथ टीम में पीएसी कमांडेंट सुनील कुमार सिंह, अपर पुलिस अधीक्षक अरुण कुमार सिंह, सीओ मितौली संदीप सिंह, सीओ गोला संजय नाथ तिवारी, क्राइम ब्रांच के निरीक्षक विद्याराम दिवाकर, तिकुनियां के पूर्व थाना प्रभारी बालेंदु गौतम आदि शामिल हैं।

घटना के समय अपनी लोकेशन न बता पाना बनी गिरफ्तारी की वजह

विद्याराम दिवाकर, तिकुनियां के पूर्व थाना प्रभारी बालेंदु गौतम आदि शामिल हैं।

घटना के समय अपनी लोकेशन न बता पाना बनी गिरफ्तारी की वजह
पुलिस की पूछताछ में सबसे अहम बिंदु यह रहा कि घटना के वक्त आशीष कहां था। आशीष की ओर से कई वीडियो साक्ष्य दिए गए, लेकिन वह किसी में भी घटना के समय पर कहीं और होने का साक्ष्य नहीं दे पाया। घटना के दिन दोपहर 2:34 से 3:31 बजे तक कोई लोकेशन नहीं मिल पाई। पुलिस ने यह भी पूछा कि रूट डायवर्ट होने की सूचना के बावजूद वह उसी रास्ते से क्यों गया। पुलिस ने यह भी पूछा कि उस दिन मौके पर गई गाड़ियों में और कौन-कौन लोग मौजूद थे। लगभग 12 घंटे की पूछताछ में भी यह सवाल अनसुलझा ही रहा कि घटना के समय आशीष कहां था। इसके बाद भी पुलिस अधिकारियों ने जांच में सहयोग न करने और सवालों के सही जवाब न देने को आधार मानते हुए आशीष को गिरफ्तार किया। इसके बाद रात में ही आशीष को जेल भेज दिया गया। अब उसे पुलिस रिमांड पर लेने के लिए सोमवार को सुनवाई होना है।

तिकुनियां कांड की जांच अभी चल रही है। टीम जांच कर रही है। जांच के लिए घटनास्थल और उसके आसपास जाना होता है। इसलिए यह सामान्य दौरा किया गया। -उपेंद्र अग्रवाल, डीआईजी

प्रियंका गांधी ने कहा है कि यह देश भाजपा के पदाधिकारी और प्रधानमंत्री की जागीर नहीं है, आपका देश है। जागरूक और समझदार नहीं बनेंगे तो ना खुद को बचा पाएंगे और न देश को। आपकी मेहनत ने इस देश को बनाया है। आपको आतंकवादी कहने वालों को न्याय देने के लिए विवश कीजिए। मुझे जेल में डाल दीजिए, जब तक गृह राज्यमंत्री इस्तीफा नहीं देंगे हम लड़ते रहेंगे।

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