PMO NEWS-Delhi- प्रधानमंत्री ने सोमनाथ में कई परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया !
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए गुजरात के सोमनाथ में कई परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया।
उद्घाटन की गई परियोजनाओं में सोमनाथ प्रोमेनेड, सोमनाथ प्रदर्शनी केंद्र और पुराने (जूना) सोमनाथ के मंदिर परिसर का पुनर्निर्माण शामिल है। कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने श्री पार्वती मंदिर की आधारशिला भी रखी। इस शुभ आयोजन में श्री लालकृष्ण आडवाणी, वयोवृद्ध नेता और ट्रस्टी श्री सोमनाथ ट्रस्ट, श्री. अमित शाह (केंद्रीय गृह मामलों और सहकारिता मंत्री), श्री श्रीपद येसो नाइक (पर्यटन और बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग राज्य मंत्री), श्री विजय रूपानी (मुख्यमंत्री, गुजरात), श्री नितिनभाई पटेल (उपमुख्यमंत्री गुजरात), श्रीजवाहर चावड़ा (पर्यटन मंत्री, गुजरात राज्य सरकार) और श्रीवासन अहीर (पर्यटन राज्य मंत्री, गुजरात राज्य सरकार), श्री राजेशभाई चुडासमा, संसद सदस्य, जूनागढ़ और श्री पी.के. लाहेरी, ट्रस्टी – सचिव, श्री सोमनाथ ट्रस्ट शामिल हुए। कार्यक्रम का संचालन पर्यटन मंत्रालय के सचिव श्री अरविंद सिंह ने किया। कार्यक्रम के दौरान, सोमनाथ में शुरू की गई विभिन्न विकासात्मक बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को प्रदर्शित करते हुए एक फ़िल्म प्रस्तुत की गई। उन्होंने कहा कि हमारी सोच इतिहास से सीखने की होनी चाहिए ताकि हम अपने वर्तमान को बेहतर बना सकें और एक नया भविष्य बना सकें। श्री मोदी ने ‘भारत जोड़ो आंदोलन’ के अपने मंत्र का ज़िक्र करते हुए कहा कि यह सिर्फ़ भौगोलिक संपर्क नहीं है बल्कि विचारों में भी जुड़ना है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘भविष्य के भारत के निर्माण को अपने अतीत से जोड़ने का यह भी संकल्प है। प्रधान मंत्री ने कहा, “हमारे लिए इतिहास और आस्था का सार सबका साथ, सबका विकास, सबका, विश्वास और सबका प्रयास है।” प्रधान मंत्री ने भारत की एकता को रेखांकित करने में विश्वास और विश्वास प्रणाली की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, ‘पश्चिम में सोमनाथ और नागेश्वर से लेकर पूर्व में वैद्यनाथिन तक, उत्तर में बाबा केदारनाथ से लेकर भारत के चरम दक्षिणी छोर पर श्री रामेश्वर तक, ये 12 ज्योतिर्लिंग पूरे भारत को जोड़ने का काम करते हैं। इसी तरह हमारे चार धामों की व्यवस्था, हमारे शक्तिपीठों की अवधारणा, हमारे देश के विभिन्न कोनों में विभिन्न तीर्थों की स्थापना, हमारी आस्था की यह रूपरेखा वास्तव में ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना की अभिव्यक्ति है। राष्ट्र की एकता को मज़बूत करने में आध्यात्मिकता की भूमिका को जारी रखते हुए, प्रधान मंत्री ने पर्यटन और आध्यात्मिक पर्यटन की राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय क्षमता पर ध्यान दिया। उन्होंने कहा कि देश आधुनिक अवसंरचना का निर्माण कर प्राचीन गौरव को पुनर्जीवित कर रहा है। उन्होंने रामायण सर्किट का उदाहरण दिया जो राम भक्तों को भगवान राम से संबंधित नए स्थानों से अवगत करा रहा है और उन्हें यह महसूस करा रहा है कि कैसे भगवान राम पूरे भारत के राम हैं। इसी तरह बुद्ध सर्किट दुनिया भर के भक्तों को सुविधाएं प्रदान करता है। प्रधानमंत्री ने बताया कि पर्यटन मंत्रालय स्वदेश दर्शन योजना के तहत 15 विषयों पर पर्यटन सर्किट विकसित कर रहा है, जिससे उपेक्षित क्षेत्रों में पर्यटन के अवसर पैदा हो रहे हैं। केदारनाथ जैसे पहाड़ी क्षेत्रों में विकास, चार धामों के लिए सुरंग और राजमार्ग, वैष्णव देवी में विकास कार्य, पूर्वोत्तर में हाई-टेक इंफ्रास्ट्रक्चर दूरियां पाट रहे हैं। इसी तरह, 2014 में घोषित प्रसाद योजना के तहत, पर्यटन मंत्रालय 40 प्रमुख तीर्थ स्थलों का विकास कर रहा है, जिनमें से 15 पहले ही पूरे हो चुके हैं। गुजरात में 100 करोड़ से अधिक की तीन परियोजनाओं पर काम चल रहा है। तीर्थ स्थलों को जोड़ने पर ध्यान दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश न केवल आम नागरिकों को पर्यटन के माध्यम से जोड़ रहा है बल्कि आगे भी बढ़ रहा है। ‘देश यात्रा और पर्यटन प्रतिस्पर्धात्मकता सूचकांक में 2013 में 65वें स्थान से 2019 में 34वें स्थान पर पहुंच गया है।
बरेली से मोहम्मद शीराज़ ख़ान की रिपोर्ट !