प्रवासी मजदूरों के लिए पीएम मोदी ने शुरू की गरीब कल्याण रोजगार,

कोरोना लॉकडाउन में घर लौटे श्रमिकों की बेरोजगारी से निपटने के लिए केंद्र सरकार एक खास अभियान शुरू करने जा रही है. इस योजना का नाम गरीब कल्याण रोजगार है. योजना की लॉन्चिंग आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे.

कोरोना लॉकडाउन में प्रवासी श्रमिकों को तमाम दुश्वारियों का सामना करना पड़ा है. उन्हें बड़े पैमाने पर घर लौटने के लिए मजबूर होना पड़ा है. ऐसे में मजदूरों के सामने रोजगार का संकट खड़ा हो गया है. इस हालात से निपटने के लिए केंद्र सरकार एक खास अभियान शुरू करने जा रही है. इस योजना का नाम गरीब कल्याण रोजगार है. योजना की लॉन्चिंग आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे.

गरीब कल्याण रोजगार अभियान नाम की इस योजना को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बिहार में लॉन्च किया जाएगा. इस योजना के डिजिटल शुभारंभ में पांच अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री और कुछ केंद्रीय मंत्री हिस्सा ले रहे हैं.

पीएम मोदी बिहार के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री की मौजूदगी में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस अभियान की शुरुआत करेंगे. यह अभियान बिहार के खगड़िया जिले के ग्राम-तेलिहार, ब्लॉक- बेलदौर से लॉन्च किया जाएगा. आगे पांच अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री और संबंधित मंत्रालयों के केंद्रीय मंत्री भी इस वर्चुअल लॉन्च में भाग ले रहे हैं.

प्रवासी मजदूरों के लिए सरकार की नई योजना, 116 जिलों में मिलेगा रोजगार

बता दें कि कोरोना महामारी के मद्देनजर सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करते हुए 6 राज्यों के 116 जिलों के गांव सार्वजनिक सेवा केंद्रों और कृषि विज्ञान केंद्रों के माध्यम से इस कार्यक्रम में जुड़ेंगे. 125 दिनों का यह अभियान मिशन मोड में चलाया जाएगा. 50 हजार करोड़ रुपये के फंड से एक तरफ प्रवासी श्रमिकों को रोजगार देने के लिए विभिन्न प्रकार के 25 कार्यों का तीव्र और केंद्रित होकर क्रियान्वयन होगा, तो दूसरी तरफ देश के ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे का निर्माण किया जाएगा.

दशकों के लॉकडाउन से बाहर निकलेगा कोल सेक्टर

इस कार्यक्रम के लिए 116 जिलों के 25 हजार से ज्यादा प्रवासी श्रमिकों के साथ इस अभियान में बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, झारखंड और ओडिशा इन 6 राज्यों को चुना गया है, जिसमें इच्छा जताने वाले 27 जिले शामिल हैं. इन जिलों से दो तिहाई प्रवासी श्रमिकों के लाभान्वित होने का अनुमान है.

यह अभियान 12 विभिन्न मंत्रालयों/विभागों- ग्रामीण विकास, पंचायती राज, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग, खान, पेयजल और स्वच्छता, पर्यावरण, रेलवे, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, नई और नवीकरणीय ऊर्जा, सीमा सड़क, दूरसंचार और कृषि का एक समन्वित प्रयास होगा.

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