PIB : डीपीआईआईटी 12 जून को फ्लिपकार्ट और भारतीय खिलौना उद्योग के साथ ज्ञान साझा करने के लिए कार्यशाला आयोजित करेगा
यह कार्यशाला ऑनलाइन बिक्री करने, घरेलू खपत को बढ़ाने और कार्यबल को बेहतर/नए सिरे से कुशल बनाने में मदद करेगी
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने अगस्त 2020 में अपने ‘मन की बात’ संबोधन के दौरान भारत को वैश्विक खिलौना विनिर्माण केंद्र के रूप में स्थापित करने की इच्छा जताई थी।
प्रधानमंत्री के इस दृष्टिकोण को पूरा करने के उद्देश्य से सरकार ने कई पहल की है इसी क्रम में खिलौनों के लिए एक व्यापक राष्ट्रीय कार्य योजना एनएपीटी तैयार की गई है।
इससे खिलौनों के डिजाइन को प्रोत्साहित करने, खिलौनों को सीखने के लिए एक संसाधन के रूप में उपयोग करने, खिलौनों की गुणवत्ता पर नजर रखने, स्वदेशी खिलौना क्लस्टरों को बढ़ावा देने आदि में मदद मिलेगी।
सरकार द्वारा किए गए विभिन्न उपायों के परिणामस्वरूप भारतीय खिलौना उद्योग में वित्त वर्ष 2014-15 के मुकाबले वित्त वर्ष 2022-23 में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई।
इस दौरान खिलौनों के आयात में 52 प्रतिशत की गिरावट आई, निर्यात में 239 प्रतिशत की जबरदस्त वृद्धि हुई और घरेलू बाजार में उपलब्ध खिलौनों की समग्र गुणवत्ता में हुआ है।
आगे भी वृद्धि को रफ्तार देने, बाजार तक पहुंच को बेहतर करने और नए जमाने के विपणन कौशल विकसित करने के लिए डीपीआईआईटी ने 12 जून, 2024 को फ्लिपकार्ट और भारतीय खिलौना उद्योग के साथ एक कार्यशाला आयोजित कर रहा है इस कार्यशाला में फ्लिपकार्ट, वॉलमार्ट और टॉय एसोसिएशन ऑफ इंडिया से करीब 100 प्रतिभागियों के भाग लेने की उम्मीद है।
इस कार्यशाला का उद्देश्य वैश्विक खिलौना आपूर्ति श्रृंखला में भारत की स्थिति और क्षमताओं को बेहतर करना है इससे खिलौना विनिर्माताओं को ऑनलाइन बिक्री की बारीकियों को समझने में मदद मिलेगी इस प्रकार उन्हें अपनी बिक्री और बाजार पहुंच को बेहतर करने में मदद मिलेगी।
भारतीय खिलौना उद्योग के विकास के लिए सरकार पहले से ही कई उपाय कर रही है जो इस प्रकार हैं:
- खिलौनों (एचएस कोड 9503) पर बुनियादी सीमा शुल्क (बीसीडी) को फरवरी 2020 में 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 60 प्रतिशत कर दिया गया। बाद में मार्च 2023 में उसे और बढ़ाकर 70 प्रतिशत कर दिया गया।
- विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने घटिया खिलौनों के आयात पर अंकुश लगाने के लिए हरेक आयात खेप का नमूना परीक्षण अनिवार्य कर दिया है।
- सरकार ने 2020 में खिलौनों के लिए गुणवत्ता नियंत्रण आदेश (क्यूसीओ) जारी किया था, जो 01.01.2021 से प्रभावी है।
- बीआईएस ने परीक्षण सुविधा के बिना और इन-हाउस परीक्षण सुविधा स्थापित किए बिना खिलौनों का उत्पादन करने वाली सूक्ष्म इकाइयों को एक वर्ष के लिए लाइसेंस देने के लिए 17.12.2020 को विशेष प्रावधानों को अधिसूचित किया था, जिसे तीन साल के लिए आगे बढ़ा दिया गया था।
- बीआईएस ने घरेलू विनिर्माताओं को 1,400 से अधिक लाइसेंस और विदेशी विनिर्माताओं को बीआईएस मानक चिह्नों वाले खिलौनों के उत्पादन के लिए 30 से अधिक लाइसेंस प्रदान किए हैं।
- घरेलू खिलौना उद्योग की मदद के लिए क्लस्टर आधारित दृष्टिकोण को अपनाया गया है। एमएसएमई मंत्रालय स्फूर्ति योजना (स्कीम ऑफ फंड्स फॉर द रीजनेरेशन ऑफ ट्रेडिशनल इंडस्ट्रीज) के तहत 19 खिलौना क्लस्टरों को सहारा दे रहा है। कपड़ा मंत्रालय 26 खिलौना क्लस्टरों को डिजाइनिंग एवं टूलींग सहायता प्रदान कर रहा है।
- स्वदेशी खिलौनों को बढ़ावा देने और नवाचार को प्रोत्साहित करने के लिए प्रचार-प्रसार संबंधी कई पहल भी शुरू की गई हैं, जिनमें भारतीय खिलौना मेला 2021, टॉयकाथॉन आदि शामिल हैं।
डीपीआईआईटी का उद्देश्य इस कार्यशाला के जरिये खिलौना उद्योग को ऑनलाइन बाजारों के साथ जोड़ना है ताकि वृद्धि के अवसर सृजित हो सकें।
ब्यूरो चीफ, रिजुल अग्रवाल