PIB Delhi : केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने सुरेंद्रनगर जिला सहकारी बैंक लिमिटेड के नवनिर्मित भवन का वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के माध्यम से ई-लोकार्पण किया
जिस प्रकार प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने सहकारिता को प्रोत्साहन दिया है, उसी प्रकार आने वाले दिनों में ये बैंक सुरेन्द्रनगर जिले में हर क्षेत्र की सहकारी समितियों के प्रति सभी जिम्मेदारियां निभायेगा
मोदी जी के गुजरात के मुख्यमंत्री के कार्यकाल के दौरान ही गुजरात में 3 लाख रूपए तक के ब्याज़ मुक्त ऋण दिए जाने की शुरुआत हो गई थी
सुरेंद्रनगर जिला सहकारी बैंक का वार्षिक लाभ 7 करोड़ रूपए तक पहुंच गया है, 15 करोड़ रूपए की शेयर कैपिटल 34 करोड हो गई है, 53 करोड के जमा 400 करोड तक पहुंच गए हैं और केसीसी 226 करोड से 448 करोड तक पहुंच गया है
लगभग 28 हजार किसान, जिनमें 19 हजार छोटे और सीमांत किसान शामिल हैं, को लोन देने का काम सुरेन्द्रनगर जिला बैंक ने 200 से ज्यादा समितियों के माध्यम से किया है
मोदी सरकार ने देश में 2 लाख पैक्स (PACS) बनाने का निर्णय लिया है, और पैक्स के कम्प्यूटराइज़ेशन के लिए भी मोदी सरकार लगभग 2,500 करोड़ रूपए खर्च कर रही है
मोदी जी ने पूरे देश में पैक्स के बायलॉज एक समान करने का काम किया है
अब पैक्स सीएससी का भी काम करेंगे
मोदी जी के नेतृत्व में जल्द ही नई सहकारिता नीति पूरे देश में लागू हो जाएगी, जिसे विश्व की सबसे बडी खाद्यान्न भंडारण योजना जैसी योजनाएं चलाने के लिए अगले 25 वर्षों के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करने की कल्पना के साथ लाया जा रहा है
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज सुरेंद्रनगर जिला सहकारी बैंक लिमिटेड के नवनिर्मित भवन का वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के माध्यम से ई-लोकार्पण किया।
इस अवसर पर श्री अमित शाह ने कहा कि आज का दिन सुरेन्द्रनगर जिले के लिए बहुत महत्वपूर्ण है जब सुरेन्द्रनगर जिला सहकारी बेंक के अत्याधुनिक मुख्यालय का लोकार्पण हो रहा है।
उन्होंने कहा कि जिस प्रकार प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने सहकारिता को प्रोत्साहन दिया है, उसी प्रकार आनेवाले दिनों में ये बैंक सुरेन्द्रनगर जिले में हर क्षेत्र की सहकारी समितियों के प्रति सभी जिम्मेदारियां निभायेगा।
श्री शाह ने कहा कि इस भवन के निर्माण में कुल 10 करोड़ रूपए की लागत आई है, जिसमें 100 से अधिक लोगों की क्षमता वाला कॉन्फ्रेंसहॉल, एक हजार से ज्यादा लॉकर और उन्नत गोल्डन लॉकर की व्यवस्था के साथ ही संपूर्ण कम्प्यूटराइज़्ड कोर बेंकिग सुविधा उपलब्ध होगी।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि 1960 में इस बैंक के बनने से यहां साहूकारों का राज खत्म होना शुरु हुआ और फिर श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा यहां नर्मदा नदी का पानी पहुंचाने से किसानों की आय बढ़ी और खेती वैज्ञानिकता की ओर बढ़ी।
उन्होंने कहा कि पहले किसानों को लगभग 17-18 प्रतिशत ब्याज़ पर ऋण मिलता था, जिसे मोदी जी ने घटाकर 7 प्रतिशत कर दिया। उन्होंने कहा कि श्री नरेन्द्र मोदी जी के प्रधानमंत्री बनने से पहले ही गुजरात में 3 लाख रूपए तक के ब्याज़मुक्त ऋण दिए जाने की शुरुआत हुई।
श्री शाह ने कहा कि आज इस बैंक का वार्षिक लाभ 7 करोड़ रूपए तक पहुंच गया है, इसकी 15 करोड़ रूपए की शेयर कैपिटल 34 करोड हो गई है, 53 करोड के जमा 400 करोड तक पहुंच गए हैं और केसीसी 226 करोड से 448 करोड पहुंच गया है।
उन्होंने कहा कि लगभग 28 हजार किसान, जिनमें 19 हजार छोटे और सीमांत किसान हैं, को लोन देने का काम सुरेन्द्रनगर जिला बेंक ने 200 से ज्यादा समितियों के माध्यम से किया है।
श्री अमित शाह ने कहा कि ये निर्णय लिया गया है कि दो जिलों को पायलट प्रोजेक्ट के रुप में लिया जाए और हर को-ऑपरेटिव संस्था का बैंक खाता को-ऑपरेटिव बेंक में ही हो, ऐसी व्यवस्था बनाई जाए।
उन्होंने कहा कि श्री नरेन्द्र मोदी जी की पहल से केन्द्र सरकार ने प्राथमिक कृषि ऋण समिति (PACS) की संख्या बढ़ाने के लिए योजनाएं बनाई हैं।
श्री शाह ने कहा कि कई सालों से पैक्स बंद होते जा रहे थे और इनकी संख्या 65 हजार रह गई थी, लेकिन अब मोदी सरकार ने इन 65 हजार के अलावा पूरे देश में 2 लाख पैक्स और बनाने का निर्णय लिया है।
इनके कम्प्यूटराइज़ेशन के लिए भी केन्द्र सरकार लगभग 2,500 करोड़ रूपए खर्च कर रही है। श्री शाह ने कहा कि मोदी जी ने पूरे देश में पैक्स के बायलॉज एक समान करने का काम किया है।
उन्होंने कहा कि अभी तक 20 हजार नए पैक्स बनाने का काम पूरा हो चुका है और अब पैक्स ही सीएससी भी बन रहे हैं। अब पैक्स पेट्रोल और डीजल पंप भी चला सकेंगे, सस्ते अनाज की दुकान की भी व्यवस्था की गई है, सस्ती दवाई की दुकान भी पैक्स को दी गई है और यूरिया की डीलरशिप भी पैक्सल को दी जा रही है।
केन्द्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में जल्द ही नई सहकारिता नीति पूरे देश में लागू हो जाएगी। इसके अलावा विश्व की सबसे बडी खाद्यान्न भंडारण योजना जैसी अनेक योजनाएं चलाने के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करने के लिए अगले 25 साल के लिए कोऑपरेटिव की कल्पना के साथ ये सहकारिता नीति आ रही है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि आने वाले वर्षों में गुजरात सहकारिता के क्षेत्र में देश में पहले स्थान पर होगा।
ब्यूरो रिपोर्ट , आल राइट्स मैगज़ीन