PIB : केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2024-25 में ग्रामीण स्थानीय निकायों के लिए पंद्रहवें वित्त आयोग अनुदान के तहत कर्नाटक और त्रिपुरा के लिए 436 करोड़ रुपये से अधिक जारी किए
केंद्र सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए त्रिपुरा और कर्नाटक में ग्रामीण स्थानीय निकायों के लिए पंद्रहवें वित्त आयोग (एक्सवी एफसी) अनुदान की दूसरी किस्त जारी की है, जिससे स्थानीय शासन को मजबूती और ग्रामीण परिवर्तन को गति मिलेगी। त्रिपुरा में, सरकार ने सभी ब्लॉक पंचायतों, जिला पंचायतों और पारंपरिक स्थानीय निकायों के साथ-साथ 589 पात्र ग्राम पंचायतों को लाभ पहुंचाने के लिए अनटाइड ग्रांट (दूसरी किस्त) में 31.1259 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।
जबकि कर्नाटक के लिए, राज्य भर में ग्रामीण स्थानीय निकायों का समर्थन करते हुए, 5375 पात्र ग्राम पंचायतों के लिए अनटाइड ग्रांट (दूसरी किस्त) में 404.9678 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं।
ये अनुदान पंचायती राज संस्थाओं (पीआरआई) को सशक्त बनाते हैं, जिससे वे संविधान की ग्यारहवीं अनुसूची में उल्लिखित 29 विषयों के तहत स्थान-विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम होते हैं। इन निधियों का उपयोग वेतन और स्थापना लागतों को छोड़कर विकास पहलों के लिए किया जाता है। ये अनुदान दो श्रेणियों में विभाजित हैं:
अनटाइड अनुदान : इनका उपयोग विविध समुदाय-विशिष्ट आवश्यकताओं के लिए किया जा सकता है और इनका उद्देश्य स्थानीय बुनियादी ढांचे और विकास परियोजनाओं को बढ़ाना है।
टाइड अनुदान : विशेष रूप से स्वच्छता (खुले में शौच से मुक्ति की स्थिति बनाए रखना, अपशिष्ट प्रबंधन और मल-गाद प्रबंधन सहित) और पेयजल (वर्षा जल संचयन और जल पुनर्चक्रण सहित) के महत्वपूर्ण क्षेत्रों के लिए आवंटित किया जाता है ।
इन निधियों का जारी होना संसाधनों के विकेंद्रीकरण और स्थानीय सरकारों को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। पंचायती राज मंत्रालय और जल शक्ति मंत्रालय द्वारा प्रबंधित, पंद्रहवें वित्त आयोग के अनुदान जमीनी स्तर पर विकास को बढ़ावा देने, स्थानीय शासन को बेहतर करने और ग्रामीण समुदायों की विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुरूप पहलों का समर्थन करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं।
ब्यूरो चीफ, रिजुल अग्रवाल