PIB : बॉयलर्स विधेयक, 2024 राज्यसभा में प्रस्तुत
सभी गैर-आपराधिक मामलों में ‘दंड’ को ‘अर्थदंड’ में बदला गया
7 में से 3 अपराधों को अपराध मुक्त किया गया, बॉयलरों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा विधेयक
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने आज राज्यसभा में बॉयलर विधेयक, 2024 को विचार एवं पारित करने के लिए प्रस्तुत किया विस्तृत चर्चा के बाद विधेयक को राज्यसभा द्वारा पारित किया गया अब इस विधेयक को लोकसभा में विचार एवं पारित करने के लिए प्रस्तुत किया जाएगा।
भारत सरकार वर्तमान में सभी संविधान-पूर्व अधिनियमों की उनकी उपयुक्तता और प्रासंगिकता के दृष्टिकोण से जांच कर रही है।
संविधान से पहले का बॉयलर अधिनियम, 1923 जीवन और संपत्ति की सुरक्षा से संबंधित है। इसलिए, मौजूदा अधिनियम के प्रावधानों की समीक्षा करके और संसद में एक नया बॉयलर विधेयक, 2024 प्रस्तुत करके अधिनियमन को जारी रखना महत्वपूर्ण है।
वर्ष 2007 में भारतीय बॉयलर (संशोधन) अधिनियम, 2007 द्वारा बॉयलर अधिनियम, 1923 में व्यापक संशोधन किया गया था, जिसमें स्वतंत्र तृतीय पक्ष निरीक्षण प्राधिकरणों द्वारा निरीक्षण और प्रमाणन की शुरुआत की गई थी। हालाँकि, मौजूदा अधिनियम की आगे की जाँच करने पर, अधिनियम की समीक्षा करने और जन विश्वास (प्रावधानों का संशोधन) अधिनियम, 2023 के अनुरूप गैर-अपराधीकरण प्रावधानों को सम्मिलित करने की आवश्यकता महसूस की गई है।
तदनुसार, मौजूदा अधिनियम की समीक्षा की गई है जिसमें अनावश्यक/अप्रचलित प्रावधानों को हटा दिया गया है और नियमों और विनियमों के लिए कुछ मूलभूत सक्षम प्रावधान किए गए हैं जो पहले प्रदान नहीं किए गए थे। कुछ नई परिभाषाएँ भी सम्मिलित की गई हैं और कुछ मौजूदा परिभाषाओं में संशोधन किया गया है। इससे विधेयक के प्रावधानों को और अधिक स्पष्टता मिल सकेगी। (विवरण नीचे दिया गया है
बॉयलर्स विधेयक, 2024 की मुख्य विशेषताएं
अधिनियम को छह अध्यायों में बांटा गया है तथा प्रावधानों को अध्यायवार पुनर्व्यवस्थित किया गया है। (मौजूदा अधिनियम में कोई अध्याय नहीं है तथा समान प्रावधान विभिन्न स्थानों पर हैं)।
बॉयलर अधिनियम, 1923 में निम्नलिखित अनावश्यक/अप्रचलित प्रावधानों को हटा दिया गया है
धारा 1(2): अधिनियम की संपूर्ण भारत पर प्रयोज्यता ,
धारा 2ए: फीड-पाइप पर अधिनियम की प्रयोज्यता, और
धारा 2बी : इकोनोमिसर पर अधिनियम की प्रयोज्यता।
बॉयलर विधेयक, 2024 के खंड -2 में निम्नलिखित नई परिभाषाएं शामिल की गई हैं : 2(के) : अधिसूचना, 2(पी ): विनियम, 2(क्यू): राज्य सरकार।
अधिनियम के प्रावधानों के अनुरूप बॉयलर विधेयक, 2024 के खंड -2 में निम्नलिखित परिभाषाओं को संशोधित किया गया है : 2(डी) : बॉयलर घटक, 2(एफ): सक्षम प्राधिकारी, 2 (जे): निरीक्षण प्राधिकारी।
जन विश्वास (प्रावधानों में संशोधन) विधेयक में निहित बॉयलर अधिनियम, 1923 के लिए गैर-अपराधीकरण प्रावधानों को खंड 27, 28, 29, 30, 31, 39 और 42 में शामिल किया गया है और दो नए खंड अर्थात् 35 (न्यायनिर्णय) और 36 (अपील) को बॉयलर विधेयक, 2024 में शामिल किया गया है। तदनुसार , गैर -आपराधिक अपराधों के लिए ‘ जुर्माना’ को ‘ दंड’ में परिवर्तित कर दिया गया है (खंड: 27, 28, 30(1) और 31)।
अधिनियम में विद्यमान नियमों और विनियमों के लिए मूलभूत सक्षम प्रावधान बनाने के लिए विधेयक में निम्नलिखित प्रावधान शामिल किए गए हैं: खंड 3(7), 5(8), 10(1)(एफ), 10(2), 11(2), 12(9), 23(4) और 32(2)।
विधेयक में नियम बनाने की केन्द्र सरकार की शक्ति ( खण्ड 39 ), विनियम बनाने की बोर्ड की शक्ति ( खण्ड 40 ) तथा नियम बनाने की राज्य सरकार की शक्ति ( खण्ड 42 ) का विस्तार से उल्लेख किया गया है, जो विधेयक के विभिन्न प्रावधानों के अनुरूप है।
विधेयक में निम्नलिखित नए प्रावधान सम्मिलित किए गए हैं:
(i) खंड 43 (कठिनाइयों को दूर करने की शक्ति ): बॉयलर अधिनियम, 2024 के प्रावधानों को तीन वर्ष की अवधि के भीतर प्रभावी करने में किसी भी कठिनाई को दूर करने के लिए
(ii) खंड 44 (निरस्त और मुक्ति ): बॉयलर अधिनियम, 1923 के अंतर्गत विभिन्न नियमों, विनियमों, आदेशों आदि को तब तक मुक्त रखने के लिए जब तक कि पुनः अधिनियमित बॉयलर अधिनियम, 2024 के अंतर्गत नए नियम, विनियमन, आदेश आदि अधिसूचित नहीं कर दिए जाते।
वर्तमान प्रारूपण पद्धतियों के अनुसार विभिन्न खंडों का पुनः प्रारूपण किया गया तथा विभिन्न प्रावधानों का संदर्भ शामिल किया गया।
पुनः अधिनियमित विधेयक देश में उद्योग, बॉयलरों पर/उनके साथ काम करने वाले कार्मिकों और कार्यान्वयनकर्ताओं सहित हितधारकों की वर्तमान आवश्यकताओं को पूरा करता है और वर्तमान समय की आवश्यकता के अनुरूप है। विधेयक की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं:
विधेयक के प्रावधानों को अधिक स्पष्टता प्रदान करने के लिए इसे आधुनिक प्रारूपण पद्धतियों के अनुसार तैयार किया गया है। बॉयलर अधिनियम, 1923 में विभिन्न स्थानों पर मौजूद समान प्रावधानों को अधिनियम को सरलता से पढ़ने और समझने के लिए छह अध्यायों में एक साथ रखा गया है। किसी भी भ्रम से बचने के लिए केंद्र सरकार, राज्य सरकारों और केंद्रीय बॉयलर बोर्ड के सभी कार्यों/शक्तियों को विस्तार से सूचीबद्ध किया गया है।
व्यापार में सुगमता (ईओडीबी) के लिए, विधेयक से एमएसएमई क्षेत्र सहित बॉयलर उपयोगकर्ताओं को लाभ होगा क्योंकि विधेयक में गैर-अपराधीकरण से संबंधित प्रावधान शामिल किए गए हैं। बॉयलर और बॉयलर से निपटने वाले कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए, सात अपराधों में से चार प्रमुख अपराधों में, जिनके परिणामस्वरूप जान और संपत्ति का नुकसान हो सकता है, आपराधिक दंड बरकरार रखा गया है। अन्य अपराधों के लिए, राजकोषीय दंड का प्रावधान किया जा रहा है। इसके अलावा, सभी गैर-आपराधिक अपराधों के लिए ‘ जुर्माना’ को ‘ अर्थदंड’ में बदल दिया गया है , जिसे पहले की तरह न्यायालयों के बजाय कार्यकारी प्रणाली के माध्यम से लागू किया जाएगा।
प्रस्तावित विधेयक में बॉयलर के अंदर काम करने वाले व्यक्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विशिष्ट प्रावधान किए गए हैं और बॉयलर की मरम्मत योग्य और सक्षम व्यक्तियों द्वारा की जाएगी। इससे सुरक्षा संबंधी प्रावधानों में बढ़ोत्तरी होगी।
ब्यूरो चीफ, रिजुल अग्रवाल