फ़िज़ियोथिरैपी, काउंसलिंग के साथ ही नये-नये प्रयोग कोरोना संक्रमित मरीज़ो के लिए साबित हुआ रामबाण !
सुलतानपुर कोरोना काल में नए-नए तरीकों का ईजाद कर कोरोना संक्रमित मरीजों को स्वास्थ्य लाभ देने वाले वरिष्ठ परामर्शदाता डाँ. एसके गोयल की जितनी भी प्रशंसा की जाए कम है। जिला अस्पताल में बनाए गए संदिग्ध आइसोलेशन वार्ड में जब मरीजों की लगातार संख्या बढ़ने लगी और सीमित संसाधनों के सहारे मरीजों का उपचार किया जा रहा था, उस समय डाॅ. एसके गोयल ने अपने अनुभव के आधार पर नए-नए प्रयोग से मरीजों को स्वास्थ्य लाभ पहुंचाने का काम किया था, डाॅ. गोयल कोरोना संक्रमण से जूझ रहे मरीजों के गिरते आत्मबल की मनोदशा भांपने के पश्चात उनमे सकारात्मक सोच पैदा करने के लिए काउंसलिंग, फिजियोथिरैपी की शुरुआत किया,
जिसका असर मरीजों पर काफी प्रभावशाली रहा,ऐसे ही चंद डाक्टरों की वजह से कोरोना काल में जिले को उबरने में काफी सहयोग मिला, बाकी तो अस्पताल में जिस प्रकार गरीब मरीजों को लूटने का काम किया जा रहा है, वह किसी से छुपा नही है। डाक्टर एसके गोयल का कहना है की मरीज जब डाक्टरों के पास आता है, तो उसे इस बात का भरोसा होता है कि डाक्टर हमारा सही उपचार करेगा, और हम बीमारी से निजात पा जाएंगे, ऐसे में यदि हम उसके भरोसे को बरकरार न रखकर उसका दोहन शुरू कर देते हैं, तो हम अपने पेशे के साथ इमानदारी नही कर रहे हैं बल्कि मरीजों का भरोसा तोड़ने का काम करते हैं, डाॅ. गोयल की माने तो जिला अस्पताल ज्यादातर वही मरीज आते हैं जो आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के होते हैं, इसीलिए प्रदेश सरकार स्वास्थ्य संबंधी तमाम योजनाओं का संचालन के माध्यम से मरीजों को स्वास्थ्य लाभ पहुंचाने का काम कर रही है। ऐसे में यदि सरकारी अस्पताल का डाक्टर मरीजों को बाहर की दवा तथा जांच लिख रहा है, तो सरकार के दिशा-निर्देशो का उलंघन कर रहा है, ऐसे डाक्टरों पर कार्रवाई होनी चाहिए।
सुल्तानपुर से अत्रि कुमार पाठक की रिपोर्ट !