पेट्रोलियम मंत्री का बड़ा बयान, बताई- पेट्रोल-डीजल के मंहगे होने की वजह

DharmendraPradhan_new

देश भर पर पेट्रोल- डीजल की बढ़ती कीमतों से जहां एक ओर आम जनता परेशान हैं, तो वहीं राजनीतिक गलियारों में भी बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही नेशनल पार्टियां एक-दूसरे के आमने-सामने आ गए हैं. एक तरफ केन्द्र सरकार पेट्रोलियम प्रोडक्ट को GST के दायरे में लाने की कोशिश कर रही है तो वहीं कांग्रेस-बीजेपी सरकार के खिलाफ आक्रामक रूख अपनाया हुआ है । लेकिन बढ़ी हुई कीमतों को लेकर भारी आलोचना का सामना कर रही केंद्र सरकार पेट्रोल-डीजल पर बेसिक एक्साइज ड्यूटी दो रुपए घटाए जाने के बाद केंद्र सरकार अब राज्यों से वैट घटाने को कहने की तैयारी कर रही है, ताकि पेट्रोल-डीजल के दामों को और नीचे लाया जा सके।

Petrol-image-1-new

गौरतलब है कि केन्द्र सरकार ने पेट्रोलियम प्रोडक्ट को GST के दायरे में लाने के लिए GST काउंसिल को पत्र लिखा है. बीजेपी का कहना है कि जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का दाम बढ़ता है. तब भारत के बाजार में भी तेल की कीमत बढ़ती है. केन्द्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि मार्च के महीने का आंकड़ा देखें तो शुरुआती दौर में तेल के दाम घटे हैं, लेकिन अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतें बढ़ने की वजह से तेल के दाम में बढ़ोतरी हुई है। सूत्रों के अनुसार पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान जल्द ही राज्यों के मुख्यमंत्रियों को चिट्ठी लिखकर पेट्रोल-डीजल पर लागू वैट की दरों में कमी करने का आग्रह करने वाले हैं, ताकि पेट्रोल-डीजल के दामों को और नीचे लाया जा सके।

petrol_pti-784x441-new

GST में आया तो क्या होगा
अगर पेट्रोल-डीजल को GST के दायरे में लाया जाता है तो इसके तहत अधिकतम टैक्स 28 फीसदी है. अगर पेट्रोल-डीजल पर अधिकतम टैक्स भी लगाया जाता है तो आपको 33.37 (डीलर के कमीशन के बाद कीमत) पर 9.34 रुपए GST देना होगा. जीएसटी और पेट्रोल की कीमत मिलाकर दाम करीब 43 रुपये होंगे. इससे आम आदमी को बड़ी राहत मिल सकती है।

पड़ेगा 26000 करोड़ का अतिरिक्त बोझ
बेसिक एक्साइज ड्यूटी में कमी से सरकारी खजाने पर सालाना 26,000 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा। इस साल के बचे हुए महीनों में यह नुकसान 13,000 करोड़ रुपये होने का अनुमान है। फिलहाल दिल्ली में पेट्रोल 70.88 रपये प्रति लीटर है, जबकि डीजल की कीमत 59.14 रुपये प्रति लीटर है।

petrol-story_647_0601160848
पांच रुपए कीमत घटाने की योजना
आपको बता दें कि केंद्र सरकार राज्य सरकारों से दो रुपए प्रति लीटर वैल्यू एडेड टैक्स (वैट) कम करने को कहेगी। इसके साथ ही पेट्रोलियम मार्केटिंग कंपनियों से एक रूपए कीमत घटाने को कहा जाएगा। सरकार की योजना पेट्रोल-डीजल के वर्तमान कीमतों में चार-पांच रुपए कम करने की है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पेट्रोल की कीमत 65 रुपए के औसत पर रखा जाना उचित होगा। उन्होंने डीजल के दामों में भी पांच रुपए की कमी करने के संकेत दिए।

केंद्र की कमाई बढ़ी तीन गुना
दरअसल, इस साल 1 जुलाई से पूरे देश में लागू हुई नई टैक्स व्यवस्था जीएसटी से पेट्रोल-डीजल को बाहर रखा गया है और इन पर केंद्र एवं राज्यों के अलग-अलग टैक्स अब भी लग रहे हैं। अब अगर केंद्रीय करों की बात करें तो सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, केंद्र में बीजेपी सरकार के आने के बाद से डीजल पर लागू एक्साइज ड्यूटी में 380% और पेट्रोल पर 120% का इजाफा हो चुका है। इस दौरान केद्र सरकार को इस मद से हुई कमाई भी तीन गुना से ज्यादा बढ़ गई है।

उन्होंने आगे कहा कि राज्यों को विकास योजनाएं चलाने के लिए रेवेन्यू का यह बड़ा हिस्सा है. इसलिए अब तक राज्यों के बीच पेट्रोल-डीजल को GST में लाने की सहमति नहीं बनी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

%d bloggers like this: