‘पद्मावती’ की किस हरकत पर, नाराज सेंसर बोर्ड अध्यक्ष
पद्मावती’ की मुश्किलें दिन प्रतिदिन बढ़ जा रही हैं. अब सवाल यह है की फिल्म समय पर रिलीज होगी।
करणी सेना के विरोध प्रदर्शन के बीच अब सेंसर बोर्ड फिल्मकार से नाराज हैं. सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन ने इस बात पर आपत्ति जताई है. दरअसल, सेंसर बोर्ड के फिल्म देखने और सर्टिफिकेशन देने से पहले कुछ लोगों के लिए फिल्म की प्राइवेट स्क्रीनिंग रखे जाने की बोर्ड मेंबर्स नाराज हैं. बोर्ड के प्रमुख प्रसून जोशी ने नाराजगी जताते हुए कहा कि ऐसा करके निर्माता ने नियमों का उल्लंघन किया है.
‘पद्मावती’ के मेकर्स एक तरफ सेंसर बोर्ड पर प्रमाणन प्रक्रिया में तेजी लाने का दबाव डाल रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ इस पूरी प्रक्रिया को ही कमतर आंककर एक अवसरवादी उदाहरण पेश कर रहे हैं.”समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में उन्होंने कहा, “यह निराशाजनक है कि बोर्ड के फिल्म देखने और प्रमाण पत्र जारी करने से पहले मीडिया के लिए फिल्म की स्क्रीनिंग रखी गई और राष्ट्रीय चैनलों पर इसकी समीक्षा की जा रही है.
सूत्रों से जानकारी है कि सेंसर बोर्ड ने फिल्म ‘पद्मावती’ को देखने से फिलहाल इंकार कर दिया. तकनीकी कमियों का हवाला देते हुए बोर्ड ने फिल्म का एप्लिकेशन वापस भेज दिया है. प्रसून जोशी ने कहा, “रिव्यू के लिए इसी हफ्ते फिल्म का आवेदन बोर्ड को मिला. मेकर्स ने खुद माना कि एप्लिकेशन अधूरा था. फिल्म काल्पनिक है या ऐतिहासिक इसका डिसक्लेमर तक अंकित नहीं किया गया था. ऐसे में बोर्ड पर प्रक्रिया को टालने का आरोप लगाना सरासर गलत है.”
‘पद्मावती’ को शुरुआत से ही कड़े विरोध का सामना करना पड़ रहा है और फिल्म के निर्माताओं और कलाकारों को शारीरिक नुकसान पहुंचाने की भी धमकी दी है. प्रदर्शनकारी संगठनों का कहना है कि वे राजपूत इतिहास की विकृतियों को नहीं दिखाने देंगे. सत्तारूढ़ भाजपा ने भी कहा है कि फिल्म निर्माताओं को ऐतिहासिक तथ्यों को विकृत नहीं करना चाहिए. अधिकांश विरोध प्रदर्शन राजस्थान में हुए है, लेकिन कुछ मुंबई में भी हुए हैं.
इस सप्ताह की शुरुआत में दीपिका ने आईएएनएस से कहा था, “हम केवल सेंसर बोर्ड के प्रति उत्तरदायी हैं और मैं जानती हूं और मेरा मानना है कोई भी चीज इस फिल्म की रिलीज को नहीं रोक सकती.” यह फिल्म एक दिसंबर को रिलीज होनी है.