पढ़ाई की चिंता करे,न कि बेटियों की शादी की : गरिमा मल्लिक
गया: वरीय पुलिस अधीक्षक गरिमा मल्लिक ने कहा बेटियों को बोझ समझने का उदाहरण समाज मे आज- कल बहुत देखने को मिलते है।शायद उन्हें यह नही मालूम कि समाज बहुत तेजी से बदल रहा है,लोंगो को बेटियों को लेकर जो मानसिकता है उसे बदलने का समय आ गया है, आज बेटिया हर काम मे कदम से कदम मिलाकर चलने की क्षमता रखती है।और आगे उन्होंने बताया कि आज के दौर में बेटे और बेटी में कोई भी फर्क नही है,बेटिया आज हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही है, वे परिवार और समाज के लिए एक बरदान है, हर माता पिता को चाहिए कि वे अपनी इस पुरानी मानसिकता को बदले।आज बेटियां भी समाज परिवार और देश के लिए काम कर रही है और मुकाम में आगे बढ़ रही है।बच्चियां कभी माता- पिता के लिए बोझ नही बनती है ।उनको आवश्यकता उचित मार्गदर्शन का उनके पढ़ाई पर ध्यान देने की जरूरत है, उनकी शादी की चिंता नही, पढ़ाई की चिंता करे।यह पहल हर माता-पिता को करनी होगी।किसी ने सच ही कहा है हर बेटी के किस्मत में मात- पिता होता है, मगर हर माता पिता के किस्मत बेटी नही होती है।जब वे आर्थिक रूप से सुदृढ होगी तो कई समस्याओं का निदान स्वतः हो जाएगा।यह तभी होगा , जब बेटियों को उचित शिक्षा दी जाएगी।बेटियों को बराबरी का अधिकार हर घर परिवार की जिम्मेदारी है। तभी समाज और हमारा देश विकास की राह पर आगे बढ़ेगा।