स्मार्ट सिटी बरेली के नाम पर केवल अदूरदर्शिता वाला विनाश।
कोई प्लानिंग नहीं। किला, हार्टमैन, चौपला पुल बदहाल। शहर में कचहरी, श्याम गंज, सिविल लाइन्स में कोई भी वाहन की पार्किंग नही। कुतुबखाना, डेलापीर उपरिगामी पुल भूलकर केवल जिला हॉस्पिटल का फुटओवर ब्रिज, पटेल चोक का “स्काई वॉक’ ही याद। वह भी बाद में कुतुबखाना पुल में आड़े आने पर केवल तोड़ने के ही लिए।
इन परिस्थितियों को देखकर आपको यह अहसास नहीँ होता कि भाजपा में भी आज भी राजनैतिक दृष्टि से पूर्वी उत्तर प्रदेश का ही अधिक महत्व है। बरेली हो पश्चिमी उत्तर प्रदेश। राजनीतिक दृष्टि से दोयम दर्जे पर ही या उपेक्षित ही है। बरेली मंडल की पिच पर भी भाजपा के पूर्वाआँचल के लोग ही अधिक प्रभावी रहे।
बरेली से निर्भय सक्सेना की रिपोर्ट !