MP : CBI के अधिकारी ही ले रहे थे दो से 10 लाख रुपये तक की रिश्वत, MP नर्सिंग स्कैम में बड़ा खुलासा,
मध्य प्रदेश में नर्सिंग महाविद्यालय घोटाले में CBI ने बड़ा खुलासा किया है। मामले की जांच कर रही CBI ने खुलासा किया कि उसके अधिकारी इंस्पेक्शन करने के बाद क्लीन चिट देने के लिए रिश्वत ले रहे थे।
मध्य प्रदेश में नर्सिंग महाविद्यालय घोटाले की जांच कर रही CBI ने खुलासा किया है कि उसके अधिकारी निरीक्षण के बाद अनुकूल रिपोर्ट देने के लिए हर शिक्षण संस्थान से कथित रूप से दो से 10 लाख रुपये तक की रिश्वत ले रहे थे।
इस मामले में सीबीआई के पुलिस उपाधीक्षक आशीष प्रसाद, निरीक्षक राहुल राज एवं सुशील कुमार मजोका तथा ऋषिकांत असाथे एजेंसी द्वारा नामजद 22 लोगों में शामिल हैं राहुल राज और सुशील कुमार मजोका सीबीआई में मध्य प्रदेश पुलिस से संबद्ध थे। राज को रविवार को गिरफ्तार कर लिया गया था।
FIR में निदेशकों, अध्यक्षों, कर्मियों एवं बिचौलियों के भी नाम
CBI की FIR में नर्सिंग पाठ्यक्रम चला रहे आठ महाविद्यालयों के निदेशकों, अध्यक्षों, कर्मियों एवं बिचौलियों के भी नाम हैं जिन्होंने निरीक्षण दलों की ओर से रिश्वत ली थी और उन तक रकम पहुंचाई थी।
एक सीबीआई प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, “सीबीआई द्वारा दर्ज यह मामला भ्रष्टाचार को कतई बर्दाश्त नहीं करने की उसकी नीति की प्रतिपुष्टि करता है और यह भी दर्शाता है कि सीबीआई अपने अधिकारियों को भी नहीं बख्शती है यदि वे अपने संगठन के मूल मूल्यों से भटके हुए पाए जाते हैं।”
हाई कोर्ट के आदेश पर गठित किए गए थे दल
इन निरीक्षण दलों को मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के निर्देश पर गठित किया गया था। हाई कोर्ट ने राज्य में नर्सिंग महाविद्यालयों के निरीक्षण के लिए इन दलों का गठन करने का निर्देश दिया था। CBI ने इन दलों का गठन किया था, जिनमें उनके अधिकारियों के अलावा भारतीय नर्सिंग परिषद द्वारा नामित कर्मी एवं राज्य के पटवारी भी शामिल थे।
CBI को सूचना मिली थी कि इन दलों ने भारी-भरकम रिश्वत लेकर इन अपात्र संस्थानों को अनुकूल रिपोर्ट प्रदान की। सीबीआई ने इन आरोपों का सत्यापन करने तथा गोपनीय ढंग से अधिकारियों पर नजर रखने के बाद प्राथमिकी दर्ज की।
सीबीआई की प्राथमिकी में कहा गया है, “सूत्र ने यह भी सूचना दी थी कि इस चौकड़ी ने हर नर्सिंग संस्थान से दो लाख से 10 लाख रुपये तक की रिश्वत वसूली। यह रिश्वत राशि सीबीआई अधिकारियों एवं बिचौलियों के बीच बांटी गयी।”
इतने रुपयों की दी गई रिश्वत
जांच एजेंसी को यह भी जानकारी मिली कि सीबीआई निरीक्षण दल में शामिल हर नर्सिंग अधिकारी को 25000-50000 रुपये तथा हर पटवारी को 5000-20000 रुपये बतौर रिश्वत दिये गये। प्राथमिकी में कहा गया है, “नर्सिंग अधिकारी, विशेषज्ञ और पटवारी के लिए रिश्वत की राशि इन व्यक्तियों (बिचौलियों) ने निरीक्षण के दिन ही या उसके अगले दिन उन तक पहुंचा दी।”
प्राथमिकी में सीबीआई ने ‘मलय कॉलेज ऑफ नर्सिंग’ के अध्यक्ष अनिल भाष्करण तथा ‘आर डी मेमोरियल ऑफ नर्सिंग एंड फार्मेसी’ के अध्यक्ष रवि भदोरिया को नामजद किया है।
ब्यूरो रिपोर्ट , आल राइट्स मैगज़ीन