One Nation One Election : जेपीसी में प्रियंका गांधी के नाम का प्रस्ताव देगी कांग्रेस,

जेपीसी में 31 सांसद शामिल हो सकते हैं, जो विधेयक की समीक्षा करेंगे 31 सदस्यों में से 21 सदस्य लोकसभा से होंगे गठन के बाद 90 दिनों के भीतर समिति को अपनी रिपोर्ट सौंपनी होगी।

एक देश एक चुनाव विधेयक पर विस्तृत चर्चा के लिए जेपीसी का गठन किया जा रहा है। इस जेपीसी में कांग्रेस, प्रियंका गांधी के नाम का प्रस्ताव दे सकती है। प्रियंका गांधी के अलावा इस समिति में मनीष तिवारी, सुखदेव भगत रणदीप सुरजेवाला के नाम की भी चर्चा है गौरतलब है कि केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने मंगलवार को लोकसभा में एक देश एक चुनाव विधेयक पेश किया था।

जेपीसी में 31 सदस्य होंगे

सहमति के बाद इस विधेयक को विस्तृत चर्चा के लिए संसद की संयुक्त समिति के पास भेजा गया है अब जेपीसी गठन की तैयारी शुरू हो गई है मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जेपीसी में 31 सांसद शामिल हो सकते हैं, जो विधेयक की समीक्षा करेंगे। 31 सदस्यों में से 21 सदस्य लोकसभा से और 10 सांसद राज्यसभा से होंगे।

गठन के बाद 90 दिनों के भीतर समिति को अपनी रिपोर्ट सौंपनी होगी हालांकि समयसीमा को बढ़ाया भी जा सकता है। टीएमसी की तरफ से कल्याण बनर्जी, साकेत गोखले को जेपीसी में शामिल करने का प्रस्ताव दिया गया है।

गौरतलब है कि कांग्रेस के साथ ही टीएमसी, सपा, एआईएमआईएम, डीएमके ने एक देश एक चुनाव विधेयक का विरोध किया। वहीं एनडीए में भाजपा की सहयोगी टीडीपी और जदयू ने विधेयक का समर्थन किया है।

जेपीसी का अध्यक्ष भाजपा का होगा जेपीसी के लिए राजनीतिक पार्टियों से अपने सांसदों के नाम देने के लिए कहा गया है किस पार्टी से कितने सांसद होंगे, अभी ये तय नहीं है, लेकिन लोकसभा में सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते जेपीसी अध्यक्ष और सबसे ज्यादा सांसद भाजपा के होंगे।
गौरतलब है कि देश में लोकसभा और सभी विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने के लिए सरकार ने लोकसभा में संविधान (129वां) संशोधन विधेयक पेश किया है। इसे एक देश एक चुनाव विधेयक कहा जा रहा है।

विधेयक के संसद से पारित होने के बाद साल 2029 के लोकसभा चुनाव के बाद राष्ट्रपति अधिसूचना जारी लोकसभा की पहली बैठक की तारीख तय करेंगे जब 2029 में चुनी गई लोकसभा का कार्यकाल पूरा होगा तो सभी विधानसभाओं का कार्यकाल भी पूरा मान लिया जाएगा जिसके बाद 2034 में संभवतः पूरे देश में एक साथ चुनाव कराए जा सकेंगे।

ब्यूरो रिपोर्ट , आल राइट्स मैगज़ीन

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

%d bloggers like this: