उत्तर प्रदेश आदर्श व्यापार मंडल के पदाधिकारियों ने प्रदेश के उपमुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा को जी एस टी के व्यापारी विरोधी प्रावधानों के संशोधन के लिए प्रधानमंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन सौंपा
23 फरवरी को केंद्रीय मुख्य आयुक्त जीएसटी को ज्ञापन सौंपेंगे प्रदेश के व्यापारी जी एस टी प्रणाली में नए बदलते प्रावधानों के कारण व्यापारियों के लिए जीएसटी की पालना करना हो रहा है मुश्किल :
संजय गुप्ता बिना व्यापारियों का पक्ष सुने एवं बिना नोटिस व्यापारी के पंजीयन को निरस्त करने के अधिकार से व्यापारियों का होगा उत्पीड़न :संजय गुप्ता धारा 129 (1) में किए गए संशोधन के अनुसार हिरासत में लिए गए या जप्त किए गए माल और वाहन को छोड़ने के लिए 100% से 200% तक जुर्माने के प्रावधान से व्यापारियों के उत्पीड़न का मार्ग प्रशस्त होगा: संजय गुप्ता उत्तर प्रदेश आदर्श व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष एवं कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के प्रदेश चेयरमैन संजय गुप्ता के नेतृत्व में शुक्रवार देर शाम प्रदेश के व्यापारियों के प्रतिनिधिमंडल ने प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा से सचिवालय स्थित उनके कार्यालय में मुलाकात की तथा गुड्स एंड सर्विस टैक्स प्रणाली के नए प्रावधानों में व्यापारियों को आ रही समस्याओं के बारे में अवगत कराते हुए जीएसटी परिषद तथा प्रधानमंत्री तक व्यापारियों की बात पहुंचाने हेतु प्रधानमंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन सौंपा व्यापारी नेता संजय गुप्ता ने कहा जी एस टी प्रणाली भारत में अपनी मूल अवधारणा और अपने मूल स्वरूप को खोती जा रही है उन्होंने उप मुख्यमंत्री से कहा जब से जीएसटी लगा है तब से 937 संशोधन इसमें हो चुके हैं उन्होंने कहा अधिसूचना संख्या 01 /2021 केंद्रीय कर, नई दिल्ली और अधिसूचना संख्या 94/ 2020 ने ईमानदार करदाताओं के लिए परेशानी उत्पन्न हो रही है उन्होंने कहा जीएसटी के नए प्रावधानों के अनुसार आपूर्तिकर्ता द्वारा gstr-1 में चालान और डेबिट नोट का विवरण नहीं प्रस्तुत किया गया तो iff/gstr-2b का उपयोग कर प्राप्तकर्ता को आईटीसी नहीं मिलेगा उन्होंने कहा यह प्रावधान वापस लिया जाना चाहिए इससे व्यापारियों का उत्पीड़न बढ़ेगा, उन्होंने कहा कि जीएसटी अधिनियम की धारा 129 (1) (क) में संशोधन किया गया है जिसके अनुसार हिरासत में लिए गए /जप्त किए गए माल और वाहन को छोड़ने से पहले जुर्माने के रूप में 100% से 200% तक जुर्माना वसूलनेे का प्रावधान है उन्होंने कहा कि जीएसटी अधिनियम की धारा 75 (12) में जोड़े जाने वाला प्रस्तावित संशोधन के अनुसार अगर गलती से कोई व्यक्ति gstr-1 और gstr-3b में गलत आंकड़ा भर देता है तो अंतर को उसके स्व मूल्यांकन कर के रूप में माना जाएगा और उसकी वसूली सीधे धारा 79 के तहत की जा सकती है उन्होंने कहा 1.कर के भुगतान के लिए चालान की तिथि दस्तावेज होनी चाहिए ना कि फॉर्म gstr-3b 2. राष्ट्रीय अग्रिम नियम प्राधिकरण का गठन होना चाहिए 3.अपीलीय न्यायाधिकरण का गठन होना चाहिए 4.प्रत्येक जिले में जीएसटी समिति का गठन होना चाहिए जिसमें वरिष्ठ विभागीय अधिकारी और व्यापारी नेता भी शामिल हो उन्होंने कहा यदि ई वे बिल पोर्टल के साथ साथ किसी भी अनुपालन के लिए जीएसटी पोर्टल में कोई परिवर्तन किया जाता है तो उसी तरह करदाताओं को भी ईमेल s.m.s. व्हाट्सएप के माध्यम से सूचित किया जाना चाहिए प्रतिनिधिमंडल में प्रदेश उपाध्यक्ष अविनाश त्रिपाठी, व्यापारी नेता एवं पीजीआई मार्केट के अध्यक्ष अमित कुमार अग्रवाल, लखनऊ के उपाध्यक्ष गोपाल जालान, लखनऊ उपाध्यक्ष पंकज कुमार रस्तोगी, लखनऊ महामंत्री विजय कनौजिया, ट्रांस गोमती अध्यक्ष अनिरुद्ध निगम शामिल थे प्रदेश उपाध्यक्ष अविनाश त्रिपाठी ने बताया 23 फरवरी को संगठन का एक प्रतिनिधिमंडल जीएसटी के संशोधन के लिए मुख्य आयुक्त केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर एवं केंद्रीय उत्पाद शुल्क को भी ज्ञापन देगा
लखनऊ से ब्यूरो चीफ़ राघवेंद्र सिंह,(राजू शर्मा) की रिपोर्ट !