ज्ञान ही नहीं, मनोभाव और संस्कार भी जरूरी हैं प्रगति के लिए- श्री राजनाथ सिंह

केंद्रीय गृहमंत्री श्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि जीवन में प्रगति करने के लिए ज्ञानार्जन ही सबकुछ नहीं है, अच्छे संस्कार और मनोभावों का होना भी अनिवार्य है।

उन्होने कहा कि विचार बुद्धि से नहीं बल्कि मनोभाव से पैदा होते हैं। उन्होने कहा कि बुरे विचार और बुरे मनोभाव जीवन के लिए घातक होते हैं।

श्री राजनाथ सिंह आज आगरा में डॉ भीम राव अंबेडकर विश्व विद्यालय के 84वें दीक्षांत समारोह में दीक्षांत भाषण दे रहे थे। उन्होने याद दिलाया कि अमेरिका में 9/11 की घटना करने वाले भी अत्यधिक ज्ञानवान, अच्छी नौकरी तथा अच्छी कमाई करने वाले व्यक्ति थे लेकिन उनमें अच्छे मनोभाव और अच्छे संस्कारों का अभाव था।

उन्होने कहा कि अध्यात्म के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए भी मंदिर, मस्जिद, गिरजाघर और गुरुद्वारे में जाने के साथ ही मन को बड़ा करना आवश्यक है। उन्होने कहा कि अध्यात्म के क्षेत्र में बढ़ने के साथ ही हमारे सुख और आनंद में बढ़ोतरी होती जाती है। उन्होने कहा कि भारत का गौरव भारत में, भारतीयता में और सांस्कृतिक एकजुटता में है।

केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि भारत के पास जो ज्ञान और विज्ञान है वो दुनिया में किसी के भी पास नहीं है। उन्होने फ्रांसीसी क्रांति के प्रणेता वालटेयर के कथन का उदाहरण दिया जिसमें उन्होने कहा था कि दुनिया में कहीं भी कोई ज्ञान आया है तो वह गंगा के किनारे से आया है।

श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत विश्व गुरु था और आज फिर विश्व गुरु बनाने की ओर बढ़ रहा है। उन्होने कहा कि इसके लिए अर्थव्यवस्था में आवश्यक तेजी भी आ रही है।

अपने अध्यक्षीय भाषण में विश्व विद्यालय के कुलाधिपति तथा प्रदेश के राज्यपाल श्री राम नाईक ने राज्य में आंकड़ों के साथ उच्च शिक्षा की स्थिति पर आंकड़ों के साथ प्रकाश डाला।

उन्होने कहा कि डिग्री पाने वाले छात्रों की संख्या की दृष्टि से लगभग सवा छह लाख छात्र छात्राओं को डिग्री बांटकर आगरा विश्व विद्यालय राज्य में सबसे आगे है। श्री नाईक ने कहा कि पदक हासिल करने वालों में 80-85 प्रतिशत छात्राओं का होना राज्य में महिला सशक्तिकरण की अच्छी स्थिति को दिखाता है।

इस अवसर पर विश्व विद्यालय के कुलपति डॉ अरविंद कुमार दीक्षित ने बताया कि केंद्रीय गृहमंत्री ने आज ही शिक्षकों के आवास परिसर, चाणक्य सदन और एक पैरा मेडिकल संस्थान का शिलान्यास किया है, जिस पर करीब 23 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है।

उन्होने विश्व विद्यालय के अधीन अटल बिहारी वाजपेयी पत्रकारिता संस्थान खोले जाने की योजना की भी जानकारी दी। आज के दीक्षांत समारोह में चार डी लिट, 111 पीएचडी तथा 94 एम फिल उपाधियां प्रदान की गईं, 125 पदक भी दिये गए। पदक पाने वालों में 106 छात्राएं तथा 19 छात्र रहे।

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