अहिंसा और सत्य गांधी जी के थे दो बड़े शस्त्र

बरेली। मोहन दास करम चंद गांधी व लाल बहादुर शास्त्री की जयंती की पूर्व संध्या पर हुए कार्यक्रम में एस एस वी इंटर कॉलेज व एस एस वी पब्लिक स्कूल के छात्रों ने भाषण प्रतियोगिता, पोस्टर प्रतियोगिता व निबंध प्रतियोगिता आदि में भाग लिया ।


प्रेम सुरेश फ़ाउंडेशन द्वारा एस एस वी सभागार में कार्यक्रम का शुभारंभ फ़ाउंडेशन संस्थापक साकेत सुधांशु शर्मा द्वारा माँ सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलन व गांधी जी तथा शास्त्री जी के चित्रों पर माल्यार्पण करके किया गया ।


साकेत सुधांशु शर्मा ने कहा कि अहिंसा और सत्य गांधी जी के दो बड़े शस्त्र थे जिनकी सहायता से इन्होंने कठिन से कठिन परिस्थिति पर विजय प्राप्त की।| उन्होने भारत व भारतीय लोगों के हित के लिए असहयोग आंदोलन, भारत छोड़ो आंदोलन, नमक सत्याग्रह आदि जैसे अनेक आंदोलन चलाए तथा बुराई से जमकर संघर्ष किया। गांधी जी ने कहा- जिस सत्य की सर्वव्यापक विश्व भावना को अपनी आंख से प्रत्यक्ष देखना हो उसे निम्नतम प्राणी से आत्मवत प्रेम करना चाहिए।


सह संस्थापक अंजलि शर्मा ने कहा कि आज के लोग जो हजारों करोड़ों के घोटाले डकार कर भी उफ तक नहीं करते वह शायद उस महान शख्स की महानता को नहीं समझ सकते जिसने प्रधानमंत्री पद पर होते हुए भी अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति कभी किसी गलत कार्य से नहीं की बल्कि हमेशा प्रधानमंत्री पद पर होते हुए भी अपने वेतन में से ही गरीबों को भी एक भाग दिया। ऐसे महान शख्स का नाम है लाल बहादुर शास्त्री भारतीय राजनीति में लाल बहादुर शास्त्री का नाम अगर स्वर्णाक्षरों से लिखा है तो इसकी एक सटीक वजह भी है।


कार्यक्रम के अंत में विभिन्न प्रतियोगिताओं में प्रथम द्वितीय व तृतीय स्थान पाए हुये विद्यार्थियों को पुरस्कार व प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया ।
कार्यक्रम में सर्वेश गंगवार, पंकज कुमार, प्रदीप कुमार, सौरभ शर्मा, नीता, वैशाली, पल्लवी, ख़ुशबू व ज्योति आदि ने सहयोग किया ।

 

 

बरेली से निर्भय सक्सेना की रिपोर्ट !

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