निर्मला सीतारमण का बड़ा ऐलान, 10 सरकारी बैंक मर्ज होकर बनेंगे 4 बड़े बैंक
पिछले हफ्ते शुक्रवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इकोनॉमी की सुस्ती को दूर करने के लिए कई बड़े ऐलान किए थे.
भारतीय इकोनॉमी की सुस्ती को दूर करने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शुक्रवार को बार फिर मीडिया से मुखातिब हुईं. इस दौरान उन्होंने देश के कई बड़े बैंकों के मर्जर के ऐलान किए. इसके अलावा उन्होंने बताया कि हमारी सरकार 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाने के लिए प्रयास कर रही है.
बैंकिंग सेक्टर में मर्जर का दौर
– निर्मला सीतारमण ने पंजाब नेशनल बैंक, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया और ओरिएंटल बैंक के विलय का ऐलान किया. इस विलय के बाद पीएनबी देश का दूसरा बड़ा सरकारी बैंक बन जाएगा. इसके अलावा निर्मला सीतारमण ने केनरा बैंक और सिंडिकेट बैंक के विलय का भी ऐलान किया. निर्मला सीतारमण ने बताया कि यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, आंध्रा बैंक और कॉरपोरेशन बैंक का भी विलय होगा.इसके अलावा इंडियन बैंक में इलाहाबाद बैंक के विलय का ऐलान किया गया.इस विलय के बाद देश को 7वां बड़ा पीएसयू बैंक मिलेगा. वित्त मंत्री के ऐलान के बाद अब देश में 12 PSBs बैंक रह गए हैं. इससे पहले साल 2017 में पब्लिक सेक्टर के 27 बैंक थे.
– निर्मला सीतारमण ने आगे बताया कि 18 में से 14 सरकारी बैंक प्रॉफिट में हैं.
निर्मला सीतारमण के ऐलान के बाद ये होगी स्थिति
1. पंजाब नेशनल बैंक
-यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया
-ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स
2. केनरा बैंक
सिंडिकेट बैंक
3. इलाहाबाद बैंक
इंडियन बैंक
4. यूनियन बैंक ऑफ इंडिया
आंध्रा बैंक
कॉरपोरेशन बैंक
5. बैंक ऑफ इंडिया
6. बैंक ऑफ बड़ौदा
7.बैंक ऑफ महाराष्ट्र
8.सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया
9. इंडियन ओवरसीज बैंक
10.पंजाब एंड सिंध बैंक
11.स्टेट बैंक ऑफ इंडिया
12.यूको बैंक
किस बैंक को क्या मिलेगा
वित्त मंत्री ने बताया कि मर्जर के दौरान पंजाब नेशनल बैंक को लगभग 16,000 करोड़, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया को 11,700 करोड़, बैंक ऑफ बड़ौदा को 7,000 करोड़, केनरा बैंक को 6,500 करोड़ रुपये, इंडियन बैंक को 2,500 करोड़ रुपये मिलेंगे. इसके अलावा इंडियन ओवरसीज बैंक को लगभग 3,800 करोड़, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया 3,300 करोड़, यूको बैंक 2,100 करोड़ रुपये, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया को 1,600 करोड़ और पंजाब ऐंड सिंध बैंक को 750 करोड़ रुपये मिलेंगे.
– केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि बैंकों का सकल एनपीए (फंसे हुए कर्जे) मार्च 2019 में 7.90 लाख करोड़ रुपये था.
– प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान निर्मला सीतारमण ने कहा कि हाउसिंग फाइनेंस को 3300 करोड़ रुपये का सपोर्ट सरकार देगी. उन्होंने बताया कि बैंकों को चीफ रिस्क ऑफिसर की नियुक्ति करनी होगा, उनका पास बैंकों को निर्णय की समीक्षा की शक्ति होगी.
– उन्होंने आगे बताया कि अब तक 3 लाख से अधिक शेल कंपनियां बंद हो चुकी हैं. उन्होंने नीरव मोदी का जिक्र करते हुए कहा कि भगोड़ों की संपत्ति के जरिए रिकवरी जारी है.
– इससे पहले दिन भर दबाव में कारोबार करने वाले भारतीय शेयर बाजार को निर्मला सीतारमण की प्रेस कॉन्फ्रेंस की खबर से बूस्ट मिला. कारोबार के अंत में सेंसेक्स 263.86 अंक मजबूत होकर 37,332 अंक पर बंद हुआ. वहीं निफ्टी की बात करें तो 74.95 अंक (0.68%) मजबूत होकर 11,023.25 अंक पर बंद हुआ. यह लगातार दूसरा सप्ताह है जब आखिरी कारोबारी दिन सेंसेक्स और निफ्टी बढ़त के साथ बंद हुए.
बीते शुक्रवार को हुए थे ये बड़े ऐलान
इससे पहले बीते शुक्रवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए कई बड़े ऐलान किए. उन्होंने विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) पर लगाये गए बढ़े सरचार्ज को वापस ले लिया. दरअसल, 5 जुलाई को आम बजट में वित्त मंत्री ने एफपीआई पर सरचार्ज बढ़ाने का ऐलान किया था. इसके बाद विदेशी निवेशक फैसले को वापस लेने की मांग कर रहे थे. बता दें कि बजट के बाद विदेशी निवेशकों में निराशा का माहौला था. इस वजह से जुलाई महीने में शेयर बाजार में जबरदस्त बिकवाली देखने को मिली.
बैंकिंग सेक्टर
इसके अलावा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैंकों को जल्द ही 70,000 करोड़ रुपये की पूंजी उपलब्ध कराने का ऐलान किया. इसके साथ ही बताया कि बैंक अब आरबीआई द्वारा रेपो रेट में की गई कटौती का फायदा सीधे ग्राहकों को देंगे. इसका असर ये होगा कि ग्राहकों को अब होम और ऑटो लोन सस्ते मिलेंगे.
ऑटो सेक्टर
वहीं ऑटो इंडस्ट्री को बूस्ट देने के लिए भी अहम फैसले लिए गए. निर्मला सीतारमण ने बताया कि 31 मार्च 2020 तक खरीदे गए BS-4 वाहन मान्य होंगे. इसके अलावा वन टाइम रजिस्ट्रेशन फीस को जून 2020 तक के लिए बढ़ा दिया गया है. उन्होंने सरकारी विभागों द्वारा वाहनों की खरीद पर लगी रोक को हटा दिया है.
– वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि GST रिफंड में देरी से पैसों की कमी झेलने वाले कारोबारियों को राहत देते हुए ऐलान किया गया कि अब जीएसटी रिफंड का भुगतान 30 दिनों के अंदर किया जाएगा.
– इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर पर फोकस करते हुए 100 लाख करोड़ रुपये का पैकेज देने का ऐलान किया गया. इस सेक्टर के कामकाज पर नजर रखने के लिए स्पेशल टास्क फोर्स बनाई जाएगी.