*ज़िंदगी बचाने के लिए अमल में लाए जा रहे नये-नये प्रयोग,सफल हो रही है डाक्टरों की कोशिशें*….
ज़िला अस्पताल आइसोलेशन वार्ड में मरीजों की हो रही फिजियोथिरैपी* *सीएमएस डा.एससी कौशल व वरिष्ठ परामर्शदाता डाँ.एसके गोयल की मेहनत का दिखा परिणाम*
*सुलतानपुर* कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के लिए केंद्र व राज्य की सरकारों के प्रयास तथा जिला प्रशासन की चौकसी ने भले ही कोरोना प्रसार के बढ़ते प्रतिशत पर अंकुश लगाया हो लेकिन इस सफलता पर पहला अधिकार हमारे डाक्टर व स्वास्थ्य कर्मियों का ही बनता है। कोरोना वायरस की जंग में जिस तरह से स्वास्थ्य विभाग ने अपनी परवाह न करते हुए अपनी सहभागिता सुनिश्चित की है, उसे नजरअंदाज नही किया जा सकता। कोविड 19: संक्रमित मरीजों का इलाज करते-करते जनपद के कई डाक्टर, फार्मासिस्ट, स्टाफनर्स, वार्डब्वाय सहित उनका पूरा परिवार संक्रमित हो गया,परंतु मरीजों की जिंदगी बचाने की कोशिशो में जरा भी डगमगाहट नही आई, कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के लिए जिला अस्पताल में कोविड 19: संदिग्ध मरीजों के लिए 75 बेड का आइसोलेशन वार्ड तैयार कर मरीजों का उपचार किया जा रहा है, आइसोलेशन वार्ड में भर्ती मरीजों के इलाज में जिला अस्पताल कई प्रकार के सफल प्रयोग कर रहा है, जिसका परिणाम लगातार संक्रमित मरीजों में देखा जा रहा है। हाल ही में मुख्य चिकित्साधिक्षक डाँ एससी कौशल व वरिष्ठ परामर्शदाता डाँ एसके गोयल के दिशानिर्देश में आइसोलेशन वार्ड में भर्ती मरीजों की फिजियोथिरैपी शुरू की गई, जिसके लाभ का प्रतिशत मरीजों के स्वास्थ्य लाभ के प्रतिशत से देखा जा रहा है।फिजियोथिरैपी से मरीजों को होने वाले लाभ के संबंध में जब वरिष्ठ परामर्शदाता डाँ एसके गोयल से बात की गई तो उन्होने बताया की फिजियोथिरैपी से लंग की रिकवरी होती हैं, डा. गोयल ने बताया की तीन दिन हुए फिजियोथिरैपी की शुरुआत किये हुए, हमारी कोशिश रहती है कि मरीजों को हम बेहतर इलाज दें तथा अतिशीघ्र उन्हें स्वास्थ्य लाभ पहुंचाए।
सुल्तानपुर से अत्रि कुमार पाठक की रिपोर्ट !