केडीसी में इंपैक्ट ऑफ़ कोविड-19 ऑन एनवायरमेंट विषय पर आयोजित हुआ नेशनल वेबिनार
बहराइच । किसान पीजी कॉलेज में राष्ट्रीय वेबिनार का सफल आयोजन किया गया। इस वेबीनार का विषय है इंपैक्ट ऑफ कोविड-19 ऑन एनवायरनमेंट अर्थात वातावरण पर कोविड-19 का प्रभाव ।यह कार्यक्रम कॉलेज के रसायन विज्ञान तथा भौतिक विज्ञान विभाग की ओर से संयुक्त रूप से आयोजित किया गया।कार्यक्रम की जानकारी देते हुए रसायन विज्ञान विभाग के प्रभारी डॉ विवेक दीक्षित तथा भौतिक विज्ञान विभाग के प्रभारी किशुन वीर ने बताया कि इस आयोजन का निर्देशन करते हुए किसान पीजी कॉलेज प्रबंध समिति के सचिव मेजर डॉ. एस पी सिंह ने कहा कि कोरोना मानव जनित बीमारी है।लेकिन लॉक डाउन से पर्यावरण शुद्ध हुआ है।
वेबिनार में धन्यवाद ज्ञापन प्राचार्य डॉ विनय सक्सेना ने किया।कार्यक्रम के विशेष अतिथि नीलांबर पीतांबर विश्वविद्यालय मेदनीनगर झारखंड के कुलपति प्रोफेसर आर एल सिंह ने कहा प्रकृति का दोहन ना करे।जनसंख्या नियंत्रण किया जाय।हम प्रकृति के अनुसार अपने को ढाले।पर्वत की चोटियां दूर से दिखाई पड़ने लगी है। वेबीनार के रिसोर्स पर्सन के रूप में जीएल बजाज इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट ग्रेटर नोएडा के रीडर और विभागाध्यक्ष प्रोफेसर एसपी दिवेदी ने कहा कि लॉक डाउन का प्रभाव यह पड़ा कि खतरनाक ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन कम हुआ है। किसान पी जी कालेज के शिक्षा शास्त्र विभाग के प्रभारी डॉ शिवम श्रीवास्तव ने सबसे मास्क लगाने और सोशल डिस्टेंसिंग का प्रयोग करने का अनुरोध किया।आईटीएम यूनिवर्सिटी ग्वालियर के स्कूल ऑफ साइंस के एनवायरमेंटल साइंस विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉक्टर शिव ओम सिंह ने कहा कि परोपकार रूरल एरिया में करने की जरूरत है।लोग अमीर होने के लिए गांव से शहर गए और शहरों में प्राकृतिक संसाधन भी मोल खरीदने पड़े।अमीर बनने के लालच में मानव दानव बन गया।एसएस पीजी कॉलेज शाहजहांपुर के प्राणी विज्ञान विभाग के प्रभारी डॉ रमेश चंद्र ने कहा कि हम भौतिकता को छोड़ कर प्रकृति के नज़दीक चले।कार और वातानुकूलित का प्रयोग कम करे।सनातन हिन्दू संस्कृति के अनुसार चले।रिलेशन को हेल्दी रखे, उत्तराखंड स्थित बाजपुर के जीपीसी कॉलेज के प्राणी विज्ञान विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉक्टर अतुल उपरेती ने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण किया जाय।तथा बरेली कॉलेज आफ बरेली कि वनस्पति विज्ञान विभाग की सहायक प्रोफेसर डॉ शालिनी सक्सेना ने कहा कि विश्व मे 1.3 बिलियन रबिश उतपन्न होता है। हमे जैवीय तरीको का प्रयोग करके रबिश को डिस्पोजल करना चाहिए। कार्यक्रम के टेक्निकल सत्र के अध्यक्ष किसान पीजी कॉलेज अर्थशास्त्र विभाग के अध्यक्ष तथा आइक्यूएसी के चेयरमैन डॉ राजवीर सिंह रहे।तकनीकी व्यवस्था का प्रभार कॉलेज की सीट टेक्नोलॉजी के प्रभारी दीपेंद्र गुप्ता और रसायन शास्त्र के मनोज कुमार ने संभाला।कार्यक्रम का संचालन डॉ विवेक दीक्षित ने किया।स्वागत भाषण किशुनबीर ने दिया। अंग्रेजी की अस्सिस्टेंट प्रोफेसर नेहा श्रीवास्तव द्वारा मां सरस्वती वंदना गीत प्रस्तुत किया गया।रिपोर्ट डॉ. स्मृति वर्मा ने पढ़ी।कार्यक्रम में पूरे देश से 405
प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।भौतिक रूप से डॉ आलोक सिंह, आनन्द पांडेय, ऐ रस्तोगी, पंकज सिंह और आलोक द्विवेदी उपस्थिति रहे।
लखनऊ से राघवेंद्र सिंह की रिपोर्ट !