Mumbai : शाहरुख खान के गीत ‘गेरुआ’ की याद दिलाता है शौर्य मेहता और सृष्टि रोड़े का म्यूजिक वीडियो ‘दिल ये दिलबरो’
मुंबई (अनिल बेदाग) : शौर्य मेहता और सृष्टि रोड़े के ‘दिल ये दिलबरो’ में शाहरुख के ‘गेरुआ’ गाने की झलक देखने को मिलती है। म्यूजिक वीडियो में एक्ट्रेस सृष्टि रोडे हैं गाने को शौर्य मेहता और रूपाली जग्गा ने गाया है वहीं गाने के बोल कौशल किशोर ने लिखे हैं।
शौर्य ने कहा, “मेरा नया गाना ‘दिल ये दिलबरो’ अच्छा बना है और मैं खुद को कई बार इसे लूप पर सुनता हूं। मेरा मानना है कि यह कई लोगों को पसंद आएगा। इसकी शूटिंग लद्दाख में हुई। पैंगोंग जैसे सुंदर जगहों पर गाने को फिल्माया गया।”
भारतीय सेना की वर्दी पहने हुए गाने को शुरू करने के फैसले के बारे में बात करते हुए शौर्य ने कहा, “हमने गाने की शुरुआत भारतीय सेना के वर्दी पहने हुए से की।
मैंने हमेशा महसूस किया कि हमारे सैनिक सब कुछ बलिदान करते हैं, जिसमें उनके अपनों के साथ समय भी शामिल है, और लद्दाख उनकी याद दिलाता है। यह मेरा दूसरा गाना है जिसे हमने वहां शूट किया है।”
टीम पर बात करते हुए शौर्य ने कहा, ”यह गाना इन सभी के साथ मिल कर बनाया गया है। एक सॉलिड टीम की जरूरत होती है, खासकर जब आप किसी बड़े प्रोजेक्ट पर प्रयास कर रहे हों।”मुझे ख़ुशी है की एक दिन में ही गीत इंस्टाग्राम पे ट्रेंडिंग हो गया है और यूट्यूब पे १५ लाख़ से ज़्यादा लोग इस वीडियो को देख चुके हैं।
सृष्टि रोडे टैलेंटेड हैं और कैमरे पर अपना बेस्ट परफॉर्म करती हैं। रूपाली बेहतरीन सिंगर हैं, उनकी आवाज़ और अहसास गाने को दिल तक पहुंचाती है।
कौशल भाई मेरे खास दोस्त और शब्दों के जादूगर हैं। डायरेक्टर असलम खान क्रिएटिविटी के मामले में कमाल हैं। मुझे उनमें से हर एक के साथ काम करने में बहुत मजा आया।”
सिंगर ने यह भी बताया कि यह गाना हिंदी में आने से पहले कश्मीरी कविताओं से प्रेरित लाइन से शुरू होता है।
शौर्य ने गाने की शूटिंग का एक दिलचस्प किस्सा भी साझा किया, उन्होंने कहा, ”शूटिंग के दौरान, मैं सृष्टि को अलग-अलग जगह पर ले गया, हमने लगभग एक किलोमीटर की दूरी तय की, जिसमें ढलान वाले इलाके, पत्थर और रेत आदि सामने आए।
शूटिंग के बाद मुझे टेंडोनाइटिस और मोच आ गई लेकिन वीडियो देखने के बाद मैं खुश हो गया बिना दुख को सहे , कभी सफलता नहीं मिलती।” इसके अलावा, सिंगर ने फिल्मों, वेब शो, सीरीज और ओटीटी स्पेस के लिए गाने की इच्छा जाहिर की।
गोपाल चंद्र अग्रवाल संपादक आल राइट्स मैगज़ीन
मुंबई से अनिल बेदाग की रिपोर्ट