Mumbai : राज्यसभा सदस्य प्रफुल पटेल ने एबिना एंटरटेनमेंट की फिल्म धर्मरावबाबा अत्राम की बॉयोपिक फ़िल्म का ट्रेलर लॉन्च किया
मुंबई (अनिल बेदाग) : महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री धर्मराव बाबा अत्राम की जीवन कथा एक फ़िल्म के माध्यम से जल्द ही दर्शकों के सामने आ रही है।
एबीना एंटरटेनमेंट के बैनर तले बनी फिल्म “धर्मराव बाबा अत्राम दिलों का राजा” का भव्य ट्रेलर लॉन्च मुम्बई के ताज होटल में किया गया। यहां मुख्य अतिथि के रूप में राज्यसभा सदस्य प्रफुल पटेल उपस्थित थे।
निर्मात्री नीतू जोशी की इस फ़िल्म के निर्देशक भूषण अरुण चौधरी हैं। ऎक्टर जितेश मोरे ने फ़िल्म में यंग धर्मराव बाबा अत्राम का किरदार निभाया है।
इस भव्य समारोह में एमएलए संदीप धुर्वे, अनिल पाटिल मंत्री, मंत्री अदिति सुनील तटकरे, दिनेश वाघमारे और अभिमन्यु ,निशा जामवाल सहित कई खास अतिथि मौजूद थे।
सभी मेहमानों को पुष्पगुच्छ देकर निर्मात्री नीतू जोशी ने सम्मानित किया। सभी ने फ़िल्म का शानदार पोस्टर लांच किया। फिर जब फ़िल्म का ट्रेलर दिखाया गया तो सभी ने खूब पसन्द किया।
चीफ गेस्ट प्रफुल पटेल ने कहा कि मुझे नहीँ मालूम था कि बाबा जी एक्टिंग भी कर सकते हैं। हमारे देश और इस राज्य के हीरे को लोगों तक पहुंचाने का काम इस फ़िल्म के माध्यम से किया जा रहा है।
बाबा जी अहेरी के राजा हैं। अहेरी एक आदिवासी राज्य है और वह उसके राज परिवार से हैं। उनके पिताजी की बेहद कम उम्र में मृत्यु हो गई, उन्हें यहां तक पहुंचने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा। उनके जीवन के अलग अलग पहलू को इस फ़िल्म मे प्रस्तुत किया गया है। ट्रेलर देखकर खुश हूं लेकिन पिक्चर तो अभी बाकी है।
हम सब काफी संघर्ष के बाद यहां पहुंचे हैं, बिना त्याग तपस्या के कुछ हासिल नहींहोता है। बाबा राज्य के पिछड़े इलाके से हैं लेकिन उनके प्रयासों से आदिवासियों के जीवन मे बड़ा परिवर्तन आ रहा है। उन्होंने लाखों लोगों के जीवन को बदला है। मैं प्रोड्यूसर नीतू जोशी को शुभकामनाएं देता हूँ।
फ़िल्म की प्रोड्यूसर नीतू जोशी ने कहा कि इस फ़िल्म को बनाने के दौरान मैंने बाबा को और करीब से जाना, उनके संघर्ष को महसूस किया, समाज के प्रति उनकी जिम्मेदारी को देखा, उनके योगदान का एहसास हुआ।
इस फ़िल्म के माध्यम से मैं यह सन्देश भी देना चाहती हूं कि अच्छे संस्कार नई पीढ़ी को देना जरूरी है ताकि वे जीवन मे कुछ उल्लेखनीय कार्य कर सकें।
मैं कोई ऐसी फिल्म बनाना चाहती थी जो समाज के लिए प्रेरणादायक हो। जब रिसर्च करनी शुरू की, नक्सलाइट एरिया में गई तो मुझे बाबा के बारे मे सुनने को मिला, जब वह सिर्फ 14 साल के थे तो उनके पिताजी का देहांत हो गया, उसके बाद उनके संघर्ष उनके कार्यो के बारे में सुनकर मैंने उनपर फ़िल्म बनाने का इरादा किया। इस फ़िल्म में हमने आदिवासी इलाके से कैबिनेट मंत्री तक की बाबा की यात्रा को दिखाया है।
मंत्री धर्मराव बाबा अत्राम ने बताया कि मुझे तो नई जिंदगी मिली है। मैंने नाले का पानी पिया, नक्सलियों के चंगुल से जिंदा वापस आया, वहां से जीवित आता कि नही आता, कुछ पता नही था। इस पूरी जर्नी को इस फ़िल्म में दर्शाया गया है।
निर्देशक भूषण अरुण चौधरी ने कहा कि बाबा जी की उम्र इतनी होने के बाद भी, बाबा एनर्जी से भरपूर हैं और उनकी यही ऊर्जा देखकर मेरा प्रेशर चला गया। फ़िल्म में जितेश ने अच्छा काम किया है, बाबा जी की तरह बॉडी लैंग्वेज पकड़ी है। मेरे लिए यह फ़िल्म बनाना एक सपना था।
एक्टर जितेश मोरे ने कहा कि यह किरदार निभाने का जब मुझे ऑफर मिला तो मैंने काफी दबाव महसूस हुआ। लोग जब मुझे स्क्रीन पर देखें तो लगे कि मैं बाबा की तरह नजर आ रहा हूँ। इसी प्रेशर में काम किया, निर्देशक ने मेरा काम काफी हद तक आसान किया।
इस अवसर पर जितेश मोरे ने फ़िल्म का डायलॉग भी बोला जो बाबा जी का नारा रहा है कि यह जल जमीन जंगल हमारा है और ये मालिकाना हक़ हमारा अधिकार हैं।” यह बायोपिक जल्द ही रिलीज़ की जाएगी।
गोपाल चंद्र अग्रवाल संपादक आल राइट्स मैगज़ीन
मुंबई से अनिल बेदाग की रिपोर्ट