Mumbai : मुंबई में भारत के पहले पैराडॉक्स म्यूज़ियम का शुभारंभ

मायावी दुनिया को करीब से देखने का आनंद लीजिए
मुंबई (अनिल बेदाग) : पूरी दुनिया में लोगों के दिलों में गहराइयों से उतरने वाली अपनी बेहद रोमांचक प्रदर्शनी के लिए मशहूर ब्रांड, पैराडॉक्स म्यूज़ियम ने आज मुंबई में आधिकारिक तौर पर भारत के अपने पहले लोकेशन का शुभारंभ किया है।
इस म्यूज़ियम में बिल्कुल अनोखी पैराडॉक्स-थीम पर आधारित 55 से ज़्यादा प्रदर्शनियों के साथ-साथ दर्शकों को तल्लीनता से देखने का अनुभव प्रदान करने के लिए 15 कमरे मौजूद हैं, जो दिलो-दिमाग को झकझोर देने वाले और देखने में बेहद आकर्षक अनुभवों की एक बेमिसाल श्रृंखला पेश करते हैं।
यहाँ आने वाले दर्शक इंटरैक्टिव डिस्प्ले की दुनिया में डुबने का आनंद ले सकते हैं और नज़र आने वाले इन भ्रमों के पीछे के बेहद दिलचस्प विज्ञान के बारे में जान सकते हैं।
यह म्यूज़ियम दक्षिणी मुंबई के फोर्ट इलाके में चर्चगेट और सीएसएमटी स्टेशनों से थोड़ी ही दूरी पर स्थित है, जो यहाँ आने वाले दर्शकों को वास्तविकता से परे जाने और 60 मिनट के लिए पैराडॉक्स की दुनिया को करीब से देखने एवं जानने के लिए प्रोत्साहित करता है यहाँ की प्रदर्शनी में रिवर्स्ड रूम का शानदार अनुभव शामिल है जो सच्चाई के बारे में आपकी धारणा के साथ खेलता है;
पैराडॉक्स सोफा बड़े ही दिलचस्प तरीके से भ्रम पैदा करता है, जो आपको इसके डिजाइन के साथ घुलने-मिलने और स्थान एवं आकार की सीमाओं को तोड़ने के लिए आमंत्रित करता है; और ज़ीरो ग्रेविटी रूम ही वह जगह है जहाँ हक़ीक़त के प्रति आपका नज़रिया बदल जाता है, साथ ही भारहीनता का रोमांच आपके हर कदम को गुरुत्वाकर्षण को चुनौती देने वाले एडवेंचर में बदल देता है,
और आपको विज्ञान की किसी काल्पनिक कहानी में कदम रखने जैसा महसूस होता है कैमोफ्लाज़ रूम आपके आस-पास के माहौल में बड़ी आसानी से घुल-मिल जाता है, जबकि पैराडॉक्स टनल आपकी इंद्रियों को भ्रम में डाल देता है जिससे सीधे चलना असंभव लगने लगता है,
क्योंकि घूमने वाला ट्यूब गुरुत्वाकर्षण के बारे में आपकी धारणा को बिल्कुल बदल देता है। इसके अलावा, एम्स रूम एक ऑप्टिकल भ्रम पैदा करता है, जहाँ ऐसा लगता है कि आपके हिलने-डुलने पर चीजों का आकार बदल रहा है जो एक विशेष कोण से देखने पर घन के समान, यानी क्यूबिक की तरह नज़र आते हैं।
पैराडॉक्स म्यूज़ियम विज्ञान, कला और मनोविज्ञान को कलात्मक रूप से एक-साथ जोड़ता है, ताकि दर्शकों को बड़े आकर्षक तरीके से सीखने का अनुभव मिल सके यह परिवारों को अपने बच्चों में कुछ नया जानने और सीखने की चाहत जगाने के लिए प्रोत्साहित करता है, साथ ही यह देश-विदेश के पर्यटकों के मनोरंजन के लिए भी बेहद उपयुक्त स्थान है।
यह कॉर्पोरेट कंपनियों की टीम-निर्माण गतिविधियों के लिए भी शानदार अवसर प्रदान करता है, साथ ही यह कंटेंट क्रिएटर्स के लिए आकर्षण का केंद्र है, जहाँ इंस्टाग्राम पर पोस्ट करने योग्य यादगार रील्स और तस्वीरों के लिए अनगिनत स्थान मौजूद हैं।
भारत के मुंबई में लॉन्च के बारे में बात करते हुए इस ब्रांड के संस्थापक, मिल्टोस काम्बोराइड्स कहते हैं, “भारत में पैराडॉक्स म्यूज़ियम की शुरुआत की घोषणा करते हुए हमें बेहद खुशी का अनुभव हो रहा है, जो जबरदस्त उत्साह से भरे मुंबई शहर में अपने दरवाजे खोल रहा है।
इस म्यूज़ियम में दिलो-दिमाग को झकझोर देने वाली कई तरह की प्रदर्शनी मौजूद है, जो आपकी धारणाओं को चुनौती देगी और सच्चाई के बारे में आपके नज़रिये को बदल देगी मुंबई का जिंदादिल माहौल इस अनोखे अनुभव के लिए सबसे उपयुक्त पृष्ठभूमि की पेशकश करता है,
जो यकीनन सभी क्षेत्रों के आगंतुकों के मन को लुभाने वाला और उनकी खुशियों में चार चाँद लगाने वाला है मुंबई शहर के बीचों-बीच मौजूद हैरत से भरी इस अनोखी दुनिया को देखने और जानने के लिए तैयार हो जाइए!”
चर्चा को आगे बढ़ाते हुए पैराडॉक्स म्यूज़ियम के सीईओ, हैरिस डोरोस कहते हैं, “भारत का पैराडॉक्स म्यूज़ियम ढेर सारी दिलचस्प प्रदर्शनियों की पेशकश करता है, जो आपकी समझ को चुनौती देने के साथ-साथ सच्चाई के बारे में आपको एक नया नज़रिया प्रदान करती हैं।
यह म्यूज़ियम सचमुच काफी इनोवेटिव है जहाँ का अनुभव मन को लुभाने वाला और प्रेरित करने वाला है, जो आपको कुछ नया जानने के एक अनोखे सफ़र पर ले जाने के लिए तैयार है।”
वर्ष 2022 में मिल्टोस काम्बोराइड्स और साकिस तानिमानिडिस ने पैराडॉक्स म्यूज़ियम की स्थापना की जो बेहद कम समय में ही पूरी दुनिया में लोगों के आकर्षण का केंद्र बन गया है।
यह म्यूज़ियम पेरिस, मियामी, स्टॉकहोम जैसे प्रमुख शहरों में मौजूद है, तथा हाल ही में लंदन, शंघाई और बर्लिन में भी इसका शुभारंभ किया गया है इससे पहले ब्रांड ने जुलाई में लंदन में लॉन्च किया था जो इसके तेज़ी से विस्तार को दर्शाता है, और इसी वजह से ही हम मुंबईवासियों के मनोरंजन के लिए बेहद रोमांचक जगहों में शामिल हो गया है।
शुक्रवार, 4 अक्टूबर, 2024 को पैराडॉक्स म्यूज़ियम आम लोगों के लिए खुलेगा, जो आगंतुकों को अपनी बेमिसाल प्रदर्शनी को देखने का आनंद लेने तथा एक ऐसी दुनिया के बारे में जानने के लिए आमंत्रित करता है, जहाँ धारणा और सच्चाई बड़े आश्चर्यजनक तरीकों से एक-दूसरे से जुड़ी हुई नज़र आती है।

गोपाल चंद्र अग्रवाल संपादक आल राइट्स मैगज़ीन

मुंबई से अनिल बेदाग की रिपोर्ट

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