Mumbai : मैं स्टोरीटेलिंग की शक्ति में विश्वास करती हूं-नरगिस फाखरी
मुंबई (अनिल बेदाग) : नरगिस फाखरी की फिल्मोग्राफी पर एक नजर डालने पर आपको पता चल जाएगा कि कैसे एक्ट्रेस ने इतने कम समय में अपनी वर्सेटिलिटी साबित की है।
ड्रामा से लेकर कॉमेडी और एक्शन तक, नरगिस कई जॉनर्स का हिस्सा रही हैं। इन सालों में, उन्होंने सावधानी से उन फिल्मों का हिस्सा बनना चुना, जिन्होंने उनकी अभिनय क्षमता को सुर्खियों में ला दिया था।
वास्तव में, उनकी ज़्यादातर फिल्में ब्लॉकबस्टर हैं, जो साबित करती हैं कि दर्शकों ने एक परफ़ॉर्मर के रूप में उनके द्वारा चुनी गई चॉइसेज को कैसे स्वीकार किया है।
‘रॉकस्टार’, ‘अजहर’ से लेकर ‘मैं तेरा हीरो’ और ‘हाउसफुल 3’ जैसी फिल्मों तक, एक्ट्रेस ने साबित कर दिया कि वह सिल्वर स्क्रीन पर कब्जा कर सकती हैं और लाखों दिल जीत सकती हैं।
उनकी प्रभावशाली फिल्मोग्राफी इस बात का प्रमाण है कि वह क्वांटिटी से ज़्यादा क्वालिटी को चुनती हैं। हाल ही में, हमने यह जानने के लिए एक्ट्रेस से संपर्क किया कि सही तरह की स्क्रिप्ट चुनने के पीछे उनका क्या कारण होता है।
“मैं स्टोरीटेलिंग की शक्ति में विश्वास करती हूं। मैं ऐसी कहानियों की तलाश में हूं, जो मुझे एक आर्टिस्ट के रूप में चुनौती दें और मुझे नए आयाम तलाशने के लिए प्रेरित करें।
मैं ऐसी भूमिकाएं तलाशती हूं, जो मुझे सिनेमा में सार्थक योगदान देने की अनुमति दें।” उन्होंने आगे कहा, “हर प्रोजेक्ट होना चाहिए मेरी आर्टिस्टिक जर्नी में एक कदम आगे, दर्शकों के साथ मेल खाये और प्रभावशाली कहानी कहने की विरासत छोड़ना।”
उन्होंने यह भी बताया कि कैसे उनके लिए उनके रोल की लंबाई मायने नहीं रखती। “मुझे लगता है कि फिल्में हमेशा आपके करैक्टर की लंबाई के बारे में नहीं होती हैं बल्कि यह उस मैसेज और प्रभाव के बारे में होती हैं और दर्शक उन किरदारों से कैसे जुड़ते हैं।
मेरे द्वारा निभाया गया हर किरदार मेरे लिए एक व्यक्तित्व और एक कलाकार के रूप में विकसित होने का अवसर है। चाहे वह कॉम्प्लेक्स करैक्टर हो या यूनिक, मुझे एक एक्टर के रूप में विकसित होने का अवसर मिला है और मैं इसके लिए बहुत आभारी हूं।”
वर्कफ्रंट की बात करें, तो एक्ट्रेस नरगिस फाखरी आखिरी बार ‘टटलूबाज’ में नजर आई थीं।
गोपाल चंद्र अग्रवाल संपादक आल राइट्स मैगज़ीन
मुंबई से अनिल बेदाग की रिपोर्ट